पटना: व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी यानी वाहन कबाड़ नीति की घोषणा मार्च महीने में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से की गई है. इसके तहत 15 साल से पुराने व्यावसायिक वाहन और 20 साल से पुराने निजी वाहनों को स्क्रैप में डाला जा सकेगा और इसके बदले नए वाहन लेने में वाहन मालिक को एक निश्चित छूट भी मिलेगी. इस नीति से पुराने प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को सड़क से बाहर किया जा सकेगा.
ये भी पढ़ें- PM मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ बढ़ते कोरोना को लेकर बैठक, सीएम भी शामिल
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में ऑटो इंडस्ट्री करीब 4.50 लाख करोड़ की है. अगले 5 साल में यह 10 लाख करोड़ की होने की उम्मीद है.
क्या होंगे फायदे
ऑटोमोबाइल सेक्टर को स्क्रैपेज पॉलिसी से फायदा होगा. क्योंकि लोग अपने पुराने वाहन को स्क्रैप में डालकर नए वाहन खरीदेंगे जिससे नए वाहनों की बिक्री बढ़ेगी.
स्क्रैप पॉलिसी की गाइडलाइंस का इंतजार
बिहार के लोगों को व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी की गाइडलाइंस का इंतजार है. विशेष रूप से ऐसे वाहन मालिक जिनके पास पुरानी गाड़ियां हैं, वे इस इंतजार में हैं कि स्क्रैप पॉलिसी के तहत पुरानी गाड़ियों को कबाड़ में डालकर नई गाड़ी खरीदने में जो टैक्स छूट और रिबेट मिलेगी उसका फायदा ले सकें.
इस बारे में ईटीवी भारत ने कई ऐसे वाहन मालिकों से बात की जो स्क्रैपेज पॉलिसी के बारे में सुन चुके हैं. जबकि उन्हें अब तक इसकी गाइडलाइंस नहीं मिल पाई है. वहीं वाहन डीलर भी इस पॉलिसी का इंतजार कर रहे हैं. 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ी के मालिक पारितोष राय और राकेश कुमार ने बताया कि इस पॉलिसी के तहत अगर नई गाड़ी के निबंधन सरकार रिबेट देगी तो निश्चित तौर पर वो अपनी पुरानी गाड़ी कबाड़ में डाल देंगे. नई गाड़ी लेकर इसका फायदा उठाएंगे.
'मिलेगा फायदा'
परितोष राय ने कहा कि सड़क पर पुरानी डीजल गाड़ियां काफी प्रदूषण फैलाती हैं. इस पॉलिसी के लागू होने से प्रदूषण कम करने में भी काफी मदद मिलेगी. वहीं एक और वाहन मालिक संजीव राजगिरी ने कहा कि उनके परिवार में और सगे संबंधियों में कई ऐसे लोग हैं जिनके पास पुरानी गाड़ियां हैं. नई पॉलिसी के लागू होने पर पुरानी गाड़ियों को कबाड़ में डालकर नई गाड़ी लेकर टैक्स छूट और अन्य डिस्काउंट का फायदा उठाएंगे.
गाइडलाइंस का इंतजार
किरण ऑटोमोबाइल्स के डायरेक्टर नितिन कुमार ने बताया कि यह पॉलिसी तो बहुत अच्छी है, लेकिन बिहार में सरकार क्या गाइडलाइंस जारी करती है ? और कब तक यह लागू होता है, इसका इंतजार उन्हें भी है. नितिन कुमार ने कहा कि इस पॉलिसी के लागू होने से निश्चित तौर पर नए वाहनों के निबंधन में इजाफा होगा.
'स्क्रैप पॉलिसी बहुत अच्छी है, बिहार सरकार क्या गाइडलाइंस जारी करती है, और कब ये लागू होगी इसका इंतजार हमें भी है'- नितिन कुमार, पुरानी गाड़ी का मालिक
क्या कहते हैं अधिकारी ?
ईटीवी भारत ने परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल से इस स्क्रेपेज पॉलिसी के बारे में जानकारी ली. उन्होंने कहा कि स्क्रैपेज पॉलिसी की घोषणा केंद्र सरकार की ओर से की गई है. लेकिन इसकी पूरी गाइडलाइंस और पॉलिसी का इंतजार उन्हें भी है. उन्होंने कहा कि यह पॉलिसी अभी प्राइमरी स्टेज में है. इसे लागू होने में थोड़ा वक्त लगेगा.
'अभी BS-6 मॉडल चलरहा है, पुरानी गाड़ियां BS-2 पर चल रही हैं. केंद्र सरकार स्क्रैप पॉलिसी के तहत कुछ इन्सेंटिव देने की तैयारी कर रही है. ये पॉलिसी फाइनल स्टेज में है. जैसे ही इसका ड्राफ्ट तैयार हो जाएगा, राज्य सरकार भी उसके मुताबिक गाइडलाइंस देगी और एक अंतिम रूप-रेखा सामने आएगी-' संजय कुमार अग्रवाल, सचिव, परिवहन विभाग.
प्रदूषण के स्तर को कम करना लक्ष्य
दरअसल बिहार समेत पूरे देश में वर्तमान में लाखों ऐसी गाड़ियां चल रही है जिनके पास फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं है. इन गाड़ियों से जबरदस्त प्रदूषण होता है. स्क्रैपेज पॉलिसी का पहला लक्ष्य यही है कि प्रदूषण के स्तर को कम किया जाए. एक अनुमान के मुताबिक पूरे देश में लगभग 15 लाख मध्यम और भारी मोटर वाहन हैं जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं. और इनके पास फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं है. वहीं 20 साल से ज्यादा पुराने 50 लाख से ज्यादा हल्के मोटर वाहन और 15 साल से ज्यादा पुरानी करीब 34 लाख अन्य गाड़ियां हैं.
पर्यावरण को शुद्ध करने में मदद
वायु प्रदूषण के मामले में बिहार के कई शहर टॉप पर हैं. बिहार में स्क्रेपेज पॉलिसी लागू होने के बाद उम्मीद है कि फिटनेस प्रमाण पत्र के बिना चल रहीं लाखों ऐसी गाड़ियां सड़क से बाहर हो जाएंगी जिन से प्रदूषण फैल रहा है. इनके बदले नई गाड़ियों की खरीद होगी जिससे ना सिर्फ ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का भला होगा बल्कि पर्यावरण को शुद्ध करने में मदद मिलेगी.