पटनाः विश्व के तमाम देशों के साथ-साथ भारत में भी कोरोना महामारी की चौथी लहर की आहट सुनाई पड़ने लगी है. लेकिन इसके बावजूद बिहार के लोग कोरोना वैक्सीन के प्रिकॉशनरी डोज को लेकर जागरूक (People Not Aware For Corona Vaccine Booster Dose) नहीं दिख रहे हैं. सरकार ने निजी स्वास्थ्य केंद्रों पर 10 अप्रैल से 18 प्लस आयु वर्ग के लोगों के लिए बूस्टर डोज की शुरुआत कर दी है. निजी टीकाकरण केंद्रों पर इच्छुक लोग पैसे देकर टीका लगवा सकते हैं. वहीं प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मी फ्रंटलाइन वर्कर और 60 प्लस के लोग सरकारी टीकाकरण केंद्र पर निशुल्क प्रिकॉशनरी डोज ले सकते हैं. लेकिन लोग इस निर्देश पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, स्वास्थ विभाग ने जारी एक विज्ञप्ति में कहा है कि लोगों में संक्रमण की तीसरे लहर के बाद वैक्सीनेशन के प्रति जागरुकता का अभाव देखने को मिला है.
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विभाग के लिए चिंता का विषयः स्वास्थ्य विभाग के अनुसार स्वास्थ्य कर्मी फ्रंटलाइन वर्कर और 60 प्लस और 45 वर्ष से अधिक उम्र के कोमोरबिड कंडीशन वाले लोग जनवरी में जारी दिशा निर्देशों के मुताबिक किसी भी सरकारी टीकाकरण केंद्र पर जाकर निशुल्क प्रिकॉशनरी डोज ले सकते हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंगलवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी गई कि सरकार के तमाम उपायों के बावजूद राज्य में प्रिकॉशनरी डोज के लिए बड़ी संख्या में लोग सामने नहीं आ रहे हैं और यह विभाग के लिए चिंता का विषय बन गया है. प्रदेश में अब तक कोरोना टीकाकरण की 12 करोड़ 66 लाख 38 हजार 499 डोज पड़ चुके हैं. जिसमें पहले डोज का टीकाकरण 6 करोड़ 92 लाख 41 हजार 041, दूसरे डोज का टीकाकरण 5 करोड़ 64 लाख 42 हजार 811 और प्रिकॉशनरी डोज का 9 लाख 54 हजार 647 टीकाकरण शामिल है.
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लापरवाही बरत रहे लोगः वैक्सीनेशन में लगे कि एयर इंडिया के डिस्टिक टीम लीड मॉनसून मोहंती ने बताया कि प्रदेश में संक्रमण के मामले ना के बराबर रह गए हैं. ऐसे में लोग निश्चिंत हो गए हैं और वैक्सीनेशन के प्रति अपना रिस्पांस नहीं दिखा रहे हैं. राज्य में पात्रता के अनुरूप प्रिकॉशनरी डोज के कवरेज को देखे तो स्वास्थ्य कर्मियों का अब तक 76.7% फ्रंटलाइन वर्कर्स का 59.2% और 60 और उससे अधिक उम्र के लोगों का 41% टीकाकरण हुआ है. उन्होंने बताया कि जिन लोगों का समय आ गया है, वैक्सीनेशन के प्रिकॉशनरी डोज का उन्हें वह लोग फोन कर रहे हैं. जिसके बाद पता चल रहा है कि कुछ लोगों ने प्रिकॉशनरी डोज दूसरी आईडी से ले लिया है. तो कुछ लोग अभी वैक्सीन लेने के प्रति इच्छुक नहीं है. ऐसे लोगों का कहना है कि वह अभी सुरक्षित हैं और दिक्कत महसूस होगी तो टीका लगवा लेंगे.
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प्रिकॉशनरी डोज समय पर लेना जरूरीः उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अपनी प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रिकॉशनरी डोज समय पर लेना जरूरी है. इससे उन्हें किसी तरह का नुकसान नहीं होगा. हालांकि उन्होंने कहा कि फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थ केयर वर्कर का प्रिकॉशनरी डोज में संख्या कम है. यह चिंता का विषय है. लेकिन 60 प्लस वालों के लिए ऐसा है कि अधिकांश लोगों का प्रिकॉशनरी डोज का समय अप्रैल माह के अंत और मई महीने के शुरुआत से शुरू हो रहा है. प्रिकॉशनरी डोज में 60 प्लस वाले लोगों का रिस्पांस ठीक-ठाक है.
कोविन पोर्टल पर मिल रही नई सुविधाः मानसून मोहंती ने कहा कि इन सबके अलावा भारत सरकार ने इन दिनों कोविन पोर्टल पर हाल ही में एक नई सुविधा शुरू की है. जिन्हें अपने वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट में त्रुटियां मिली है, वह वेबसाइट पर लॉगिन कर संबंधित त्रुटियों के सुधार के लिए अनुरोध के विकल्प पर जा सकते हैं और सुधार करा सकते हैं. अगर टीकाकरण की तिथि में कोई त्रुटि है तो लाभार्थी उस टैब पर जाकर आवश्यक जानकारी भर सकते हैं और उन्हें टीकाकरण प्रमाण पत्र अपलोड करना होगा. आवेदन जमा करने के बाद इसे राज्य के संबंधित विभाग को ट्रांसफर कर दिया जाएगा और तुरंत समस्या को हल कर दिया जाएगा.
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