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पटनाः बाढ़ से बेघर हुए दियारावासी, प्रशासन से मदद की आस

पटना में बाढ़ से बेघर हुए लोग पटना लॉ कॉलेज के पास रानी घाट के पास अपने मवेशियों के साथ शरण लिए हुए हैं. प्रशासन की ओर से मदद की आस लिए राह तक रहे हैं दियारा वासी.

बाढ़ से बेघर हुए दियारावासी
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Published : Sep 22, 2019, 7:21 PM IST

पटनाः बाढ़ प्रभावित इलाके में फंसे पीड़ितों का सब्र टूटने लगा है. जिनके घर में एक हफ्ते से पानी भरा है. वह ऊंचे स्थानों पर शरण लेने के लिए निकल रहे हैं. कुछ ऐसा ही हाल है पटना सदर प्रखंड से जुड़े दियारा के निचले इलाकों का, जहां घर में बाढ़ का पानी भर जाने से लोग अपने जान-माल की सुरक्षा को लेकर मवेशियों के साथ पटना लॉ कॉलेज के पास रानी घाट में शरण लिए हुए हैं. फिलहाल प्रशासन की ओर से इनके लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पटना लॉ कॉलेज में लिया शरण
बाढ़ पीड़ित दियारावासी अपना घर छोड़ किसी तरह अपनी जान बचाने में लगे हैं. बाढ़ से बेघर हुए दियारा के लोग पटना लॉ कॉलेज के पास रानी घाट के पास अपने मवेशियों के साथ शरण लिए हुए हैं. दियारा के करीब 50 परिवार नदी के इस पार आकर शरण लिए हैं. हालांकि बाढ पीड़ितो की माने तो अभी सैकड़ों परिवार वहां फंसे हुए हैं. पिड़ितो का कहना है कि प्रशासन की ओर से मदद के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है. और ना ही सरकार की ओर से उनकी सुधि लेने कोई आया है. पीड़ितो को खासकर मवेशियों को चारा खिलाने के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

Patna
बाढ़ पीड़ित

एक-दूसरे से जुड़ने का संपर्क टूटा
दियारा के साथ पंचायतों का संपर्क मुख्यालय से टूट गया है. एक गांव से दूसरे गांव को जोड़ने वाली सड़कों पर बाढ़ का पानी आने से यातायात पूरी तरह बाधित है. तो वही बाढ़ से दियारा में लगे हजारों एकड़ की फसल डूब गई है. ऐसे में कई गांव के लोग पलायन कर चुके हैं और कुछ लोग अभी पलायन करने की तैयारी में हैं. यदि जलस्तर बढ़ने का सिलसिला इसी तरह जारी रहा तो 24 घंटे के अंदर पूरा दियारा जलमग्न हो जाएगा.

Patna
मवेशियों के साथ सरण लिए दियारावासी

खतरे के निशान बिंदु को पार कर चुकी है गंगा
राजधानी में गंगा खतरे के निशान को पार कर अपने रौद्र रूप में है. लगातार जलस्तर में वृद्धि होने से पटना के आसपास के इलाके में रहने वाले दियारा के लोगों में दहशत हैं. गुरुवार को पटना जिले के गांधी घाट और हथिदह गंगा घाट पर नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर से अधिक पाया गया. केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष की रिपोर्ट के मुताबिक हथिदह घाट पर करीब 0.40 सेमी बढ़ गया. घाट पर गंगा का जलस्तर खतरनाक स्तर से 0.01 सेमी जबकि गांधी घाट पर 0.25 सेमी अधिक है.

दियारावासी को मदद की आस
जिला प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों को हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है. लेकिन अभी तक दियारावासियों को किसी भी प्रकार का लाभ नहीं मिल पाया है. अपनी जान माल की सुरक्षा को लेकर घाट पर शरण लिए लोग मदद की आस लगाए हुए हैं. अब देखना यह है कि प्रशासन की पहल कब से शुरू होती है जिससे बाढ़ पीड़ितो को सहायता मिल सके.

पटनाः बाढ़ प्रभावित इलाके में फंसे पीड़ितों का सब्र टूटने लगा है. जिनके घर में एक हफ्ते से पानी भरा है. वह ऊंचे स्थानों पर शरण लेने के लिए निकल रहे हैं. कुछ ऐसा ही हाल है पटना सदर प्रखंड से जुड़े दियारा के निचले इलाकों का, जहां घर में बाढ़ का पानी भर जाने से लोग अपने जान-माल की सुरक्षा को लेकर मवेशियों के साथ पटना लॉ कॉलेज के पास रानी घाट में शरण लिए हुए हैं. फिलहाल प्रशासन की ओर से इनके लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पटना लॉ कॉलेज में लिया शरण
बाढ़ पीड़ित दियारावासी अपना घर छोड़ किसी तरह अपनी जान बचाने में लगे हैं. बाढ़ से बेघर हुए दियारा के लोग पटना लॉ कॉलेज के पास रानी घाट के पास अपने मवेशियों के साथ शरण लिए हुए हैं. दियारा के करीब 50 परिवार नदी के इस पार आकर शरण लिए हैं. हालांकि बाढ पीड़ितो की माने तो अभी सैकड़ों परिवार वहां फंसे हुए हैं. पिड़ितो का कहना है कि प्रशासन की ओर से मदद के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है. और ना ही सरकार की ओर से उनकी सुधि लेने कोई आया है. पीड़ितो को खासकर मवेशियों को चारा खिलाने के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

Patna
बाढ़ पीड़ित

एक-दूसरे से जुड़ने का संपर्क टूटा
दियारा के साथ पंचायतों का संपर्क मुख्यालय से टूट गया है. एक गांव से दूसरे गांव को जोड़ने वाली सड़कों पर बाढ़ का पानी आने से यातायात पूरी तरह बाधित है. तो वही बाढ़ से दियारा में लगे हजारों एकड़ की फसल डूब गई है. ऐसे में कई गांव के लोग पलायन कर चुके हैं और कुछ लोग अभी पलायन करने की तैयारी में हैं. यदि जलस्तर बढ़ने का सिलसिला इसी तरह जारी रहा तो 24 घंटे के अंदर पूरा दियारा जलमग्न हो जाएगा.

Patna
मवेशियों के साथ सरण लिए दियारावासी

खतरे के निशान बिंदु को पार कर चुकी है गंगा
राजधानी में गंगा खतरे के निशान को पार कर अपने रौद्र रूप में है. लगातार जलस्तर में वृद्धि होने से पटना के आसपास के इलाके में रहने वाले दियारा के लोगों में दहशत हैं. गुरुवार को पटना जिले के गांधी घाट और हथिदह गंगा घाट पर नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर से अधिक पाया गया. केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष की रिपोर्ट के मुताबिक हथिदह घाट पर करीब 0.40 सेमी बढ़ गया. घाट पर गंगा का जलस्तर खतरनाक स्तर से 0.01 सेमी जबकि गांधी घाट पर 0.25 सेमी अधिक है.

दियारावासी को मदद की आस
जिला प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों को हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है. लेकिन अभी तक दियारावासियों को किसी भी प्रकार का लाभ नहीं मिल पाया है. अपनी जान माल की सुरक्षा को लेकर घाट पर शरण लिए लोग मदद की आस लगाए हुए हैं. अब देखना यह है कि प्रशासन की पहल कब से शुरू होती है जिससे बाढ़ पीड़ितो को सहायता मिल सके.

Intro: बाढ़ पीड़ितों का दर्द:-
गंगा में बढ़ते जलस्तर से गंगा का रौद्र रूप,
दियारा मे रहने वाले लोग अपने जान-माल की सुरक्षा को लेकर मवेशियों के साथ पटना लॉ कॉलेज के पास रानी घाट में लिया शरण,
प्रशासन की ओर से नहीं कोई इंतजाम,


Body:खतरे के निशान को पार कर चुकी गंगा अपने रौद्र रूप में आ गई है और लगातार जलस्तर में वृद्धि हो रही है, जिसके कारण पटना के आसपास के इलाके में रहने वाले दियारा के लोगों में दहशत हैं, गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने से दियारा वासी अपना घर छोड़कर अपनी जान माल की सुरक्षा को लेकर नदी से उस पार किसी तरह से अपनी जान बचाने में लगे हैं और आज पटना लॉ कॉलेज के पास रानी घाट के पास अपने मवेशियों के साथ शरण लिए हुए हैं, तकरीबन 50 ऐसे परिवार हैं जो अपने दियारा से अपनी जान माल की सुरक्षा को लेकर नदी के इस पार आकर शरण लिए हैं, हालांकि बाढ पिडीतो की माने तो अभी सैकड़ों परिवार वहां फंसे हुए हैं, लेकिन प्रशासन की ओर सेक्षकोई भी इंतजाम नहीं किये गये है, और ना ही इधर जो हम लोग शरण लिए हैं
हम लोगों को अभी तक सरकार सुधि लेने तक नहीं आई है खासकर मवेशियों को चारा खिलाने के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड रहा है


Conclusion:गौरतलब है कि दियारा के साथ पंचायतों का संपर्क मुख्यालय से टूट गया है,दियारे में एक गांव से दूसरे गांव को जोड़ने वाले ग्रामीण सड़क पर भी बाढ़ का पानी आ जाने से यातायात बाधित हैं, गंगा में उफान आने से दियारा में लगे हजारों एकड़ की फसल डूब गई है, कई गांव के लोग पलायन कर चुके हैं और भी लोग तैयारी में हैं,
यदि जलस्तर बढ़ने का सिलसिला इसी तरह जारी रहा तो 24 घंटे के अंदर पूरा दियारा जलमग्न हो जाएगा ,
हलांकी जिला प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों को हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है, लेकिन अभी तक दियारावासी को कोई भी बाढ राहत का लाभ नहीं मिल पाया है और ना ही वैसे लोग जो जान माल की सुरक्षा को लेकर घाट पर शरण लिए हैं उनके लिए न अभी तक कोई प्रशासनिक ईंतजाम हुआ है, अब देखना यह होगा कि प्रशासन की पहल कब से शुरू होती


बाईट:-राजकिशोर, दियारा वासी,बाढ पिडीत
बाईट:-बाढ पिडीत, सुगमंती देवी
बाईट:-सुरेंद्र
बाईट:-रामनरायण
सभी दियारावासी बाढ पिडीत
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