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सरकारी उदासीनता का शिकार है पटना वेलफेयर हॉस्टल, रामविलास पासवान यहां रहकर कर चुके हैं पढ़ाई - gov. negligence

छात्रों ने बताया कि पूरी बिल्डिंग जर्जर अवस्था में है. बिजली के वायरिंग से रोजाना हादसा होनी की आशंका बनी रहती है. यहां घोर कुव्यवस्था फैली हुई है, सरकारी सुविधाओं में कटौती और घटिया खाना मिलने से वो परेशान हैं.

राजकीय हॉस्टल
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Published : Apr 6, 2019, 12:36 PM IST

पटना: आए दिन विश्वविद्यालयों से छात्रों की सुविधाओं में कमी की शिकायतें सामने आती रहती है. ताजा मामला पटना वेलफेयर हॉस्टल का है, जो इन दिनों सरकारी उदासीनता का दंश झेल रहा है. छात्रों का आरोप है कि यहां घोर कुव्यवस्था फैली हुई है, सरकारी सुविधाओं में कटौती और घटिया खाना मिलने से वो परेशान हैं.

कभी इसी छात्रावास में रहकर रामविलास पासवान और डीआईजी आलोक कुमार ने पढ़ाई की थी.

बद से बदतर होते जा रहे हैं हालात
अनुसूचित जाति, जनजाति पिछड़ा, अति पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक कल्याण छात्रावास में रहने वाले इन विद्यार्थी के लिए चल रही कल्याणकारी योजनाओं पर कुव्यवस्था का कब्जा है. अधिकारियों का रवैया इनके प्रति बेहद लचर है. छात्रों का आरोप है कि सरकारी योजनाओं से मिलने वाली सुविधाओं में कटौती की जा रही है. छात्रों ने बताया कि पूरी बिल्डिंग जर्जर अवस्था में है. बिजली के वायरिंग से रोजाना हादसा होनी की आशंका बनी रहती है.

हॉस्टल की बदहाली की कथा सुनाते छात्र

जिले के सभी 9 छात्रावासों की स्थिति दयनीय
गौरतलब है कि जिले में 9 छात्रावास हैं जो कल्याण विभाग की देखरेख में चलते हैं. अनुसूचित जाति के छात्रावास महेंद्रु, सैदपुर, ढोलवां, गोसाई, बाढ़ और कंकड़बाग में है. इसके अलावा मगध महिला और बांकीपुर गर्ल्स स्कूल के छात्रावास भी कल्याण विभाग द्वारा चलाए जाते हैं. पिछड़े वर्ग के लिए भी एक छात्रावास है. सरकार ने छात्रावास में रहने वाले छात्रों के लिए मुफ्त अनाज वितरण की योजना शुरु की थी. जुलाई 2018 से हर माह प्रति छात्र 9 किलो चावल और 6 किलो गेहूं दिया जाता रहा है. तेल, सब्जी व अन्य खाद सामग्री के लिए ₹1000 भी दिए जाने की योजना है.

एक कमरे में रहने को मजबूर हैं 7 से 8 छात्र
भारतीय छात्र कल्याण संघ के अध्यक्ष अमर आजाद का कहना है कि जो अनाज दिया जा रहा है वह खराब होता है. राजकीय कल्याण छात्रावास में रहने वाले छात्रों ने बताया कि पूरी बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है. साथ ही पानी की व्यवस्था भी ठीक नहीं है. हर तरफ कुव्यवस्था का आलम है. विभाग की उदासीनता के कारण छात्र यहां किसी तरह रहने को विवश हैं. एक रूम में 7 से 8 छात्र रह रहे हैं.

बीमारी का घर बन गया है यह हॉस्टल
छात्रावास में बदहाली को लेकर कई बार छात्र डेंगू का शिकार हो चुके हैं. साफ-सफाई और कई समस्याओं से घिरे छात्रों ने कई बार विभाग को इस बाबत पत्र लिखा. लेकिन, अबतक किसी अधिकारी ने सुध नहीं ली है.

पटना: आए दिन विश्वविद्यालयों से छात्रों की सुविधाओं में कमी की शिकायतें सामने आती रहती है. ताजा मामला पटना वेलफेयर हॉस्टल का है, जो इन दिनों सरकारी उदासीनता का दंश झेल रहा है. छात्रों का आरोप है कि यहां घोर कुव्यवस्था फैली हुई है, सरकारी सुविधाओं में कटौती और घटिया खाना मिलने से वो परेशान हैं.

कभी इसी छात्रावास में रहकर रामविलास पासवान और डीआईजी आलोक कुमार ने पढ़ाई की थी.

बद से बदतर होते जा रहे हैं हालात
अनुसूचित जाति, जनजाति पिछड़ा, अति पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक कल्याण छात्रावास में रहने वाले इन विद्यार्थी के लिए चल रही कल्याणकारी योजनाओं पर कुव्यवस्था का कब्जा है. अधिकारियों का रवैया इनके प्रति बेहद लचर है. छात्रों का आरोप है कि सरकारी योजनाओं से मिलने वाली सुविधाओं में कटौती की जा रही है. छात्रों ने बताया कि पूरी बिल्डिंग जर्जर अवस्था में है. बिजली के वायरिंग से रोजाना हादसा होनी की आशंका बनी रहती है.

हॉस्टल की बदहाली की कथा सुनाते छात्र

जिले के सभी 9 छात्रावासों की स्थिति दयनीय
गौरतलब है कि जिले में 9 छात्रावास हैं जो कल्याण विभाग की देखरेख में चलते हैं. अनुसूचित जाति के छात्रावास महेंद्रु, सैदपुर, ढोलवां, गोसाई, बाढ़ और कंकड़बाग में है. इसके अलावा मगध महिला और बांकीपुर गर्ल्स स्कूल के छात्रावास भी कल्याण विभाग द्वारा चलाए जाते हैं. पिछड़े वर्ग के लिए भी एक छात्रावास है. सरकार ने छात्रावास में रहने वाले छात्रों के लिए मुफ्त अनाज वितरण की योजना शुरु की थी. जुलाई 2018 से हर माह प्रति छात्र 9 किलो चावल और 6 किलो गेहूं दिया जाता रहा है. तेल, सब्जी व अन्य खाद सामग्री के लिए ₹1000 भी दिए जाने की योजना है.

एक कमरे में रहने को मजबूर हैं 7 से 8 छात्र
भारतीय छात्र कल्याण संघ के अध्यक्ष अमर आजाद का कहना है कि जो अनाज दिया जा रहा है वह खराब होता है. राजकीय कल्याण छात्रावास में रहने वाले छात्रों ने बताया कि पूरी बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है. साथ ही पानी की व्यवस्था भी ठीक नहीं है. हर तरफ कुव्यवस्था का आलम है. विभाग की उदासीनता के कारण छात्र यहां किसी तरह रहने को विवश हैं. एक रूम में 7 से 8 छात्र रह रहे हैं.

बीमारी का घर बन गया है यह हॉस्टल
छात्रावास में बदहाली को लेकर कई बार छात्र डेंगू का शिकार हो चुके हैं. साफ-सफाई और कई समस्याओं से घिरे छात्रों ने कई बार विभाग को इस बाबत पत्र लिखा. लेकिन, अबतक किसी अधिकारी ने सुध नहीं ली है.

Intro:सरकारी उदासीनता का दंश झेल रहा है राजधानी पटना का
वेलफेयर हॉस्टल, जहां पर कई तरह की घोर कुव्यवस्था फैली हुई है, सरकारी सुविधाओं में कटौती और घटिया चावल से परेशान हैं छात्र

कभी रामबिलास पासवान एवं डीआईजी आलोक कुमार यही रह किये थे पढाई
एक रिपोर्ट


Body:अनुसूचित जाति, जनजाति पिछड़ा अति पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक कल्याण छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थी के लिए चल रही कल्याणकारी योजनाओं पर कुव्यवस्था का कब्जा है। अधिकारी इस व्यवस्था के लिए उदासीन रवैया अपना रहे हैं, छात्रों का आरोप है कि सरकारी योजनाओं से जो मिलने वाली सुविधा है उसमें कटौती की जा रही है, छात्रों ने बताया कि पूरी बिल्डिंग जर्जर अवस्था में हो रही है बिजली की वायरिंग के हादसे से कई बार आशंका बनी रहती है, गौरतलब है कि जिले में 9 छात्रावास हैं जो कल्याण विभाग की देखरेख में चलते हैं, अनुसूचित जाति के छात्रावास महेंद्रु, सैदपुर, ढोलवां,गोसाई, बाढ़ और कंकड़बाग में है इसके अतिरिक्त मगध महिला और बांकीपुर गर्ल्स स्कूल के छात्रावास भी कल्याण विभाग द्वारा चलाए जाते हैं पिछड़े वर्ग के लिए भी एक छात्रावास है, सरकार ने छात्रावास में रहने वाले छात्रों के लिए मुफ्त अनाज वितरण की योजना शुरु की थी जुलाई 2018 से हर माह प्रति छात्र 9 किलो चावल और 6 किलो गेहूं दिया जाता रहा है इसके अतिरिक्त तेल सब्जी व अन्य खाद सामग्री के लिए ₹1000 दिए जाते हैं भारतीय छात्र कल्याण संघ के अध्यक्ष अमर आजाद का कहना है कि जो अनाज दिया जा रहा है वह खराब है राजकीय कल्याण छात्रावास में रहने वाले छात्रों ने बताया कि पूरी बिल्डिंग जर्जर हो रही है पानी की व्यवस्था ठीक नहीं है, हर तरफ को कुव्यवस्था का आलम है विभाग की उदासीनता के कारण छात्रावास में किसी तरह से छात्र रहने को विवश हैं एक रूम में 7 से 8 छात्र रहने को विवश हैं,छात्रों ने कहा कि अनुसूचित जाति के कारण विभाग उदासीन बना हुआ है


Conclusion:छात्रावास में बदहाली को लेकर कई बार छात्र डेंगू का शिकार हो चुके हैं साफ सफाई एवं कई समस्याओं से घिरे छात्रों नही कई बार विभाग को पत्र लिख लिख कर समस्याओं से अवगत कराया लेकिन इन समस्याओं कि सुधी लेने वाला अभी तक कोई नहीं है नतीजतन छात्रावास में किसी तरह रहने को विवश है,पटना के महेन्द्रु स्थित दो छात्रावास है एक पुरानी जिसकी बिल्डिंग और कई बुनियादी सुविधाओं का अभाव है जबकी दुसरा जो नये भवन में वहां के छात्रो के चार महीने से राशन नहीं मिला है सहित कई सुविधाओं कि कमी है


बाईट--अमर आजाद, अध्यक्ष,भारतीय कल्याण छात्र परिषद,बिहार
बाईट-पिडित छात्र
बाईट-परेशान छात्र


नोट:--पदाधिकारी चुनाव कार्य में ब्यस्त है बाईट नही हो सकी है
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