पटना : बिहार में राज्य सरकार के निर्देश (instructions of the state government in bihar) पर बिहार पुलिस मुख्यालय (bihar Police Headquarters) की ओर से बिहार में शांति व्यवस्था स्थापित करने, अपराध और आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए छापेमारी, गिरफ्तारी व बरामदगी से संबंधित लगातार कार्रवाई की जा रही है. बिहार पुलिस मुख्यालय के अनुसार, साल 2020 और साल 2021 की तुलना में जुलाई माह तक साल 2022 की गिरफ्तारी, छापेमारी और बरामदगी में बहुत अधिक प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.पुलिस मुख्यालय का मानना है कि अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए अपराधियों के मनोबल को तोड़ना अति आवश्यक है. इसी वजह से लगातार फरार चल रहे मोस्ट वांटेड अपराधी और नक्सलियों की गिरफ्तारी (Police Headquarters emphasis is on arrest) की जा रही है.
ये भी पढ़ें :-'बिहार में डर लगता है'.. बढ़ते अपराध से सहमा उद्योग जगत
इस साल गिरफ्तारी में हुई है 68.17 फीसद बढ़ोतरी : बिहार पुलिस मुख्यालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 जुलाई में जहां गिरफ्तार अपराधी अभियुक्तों की संख्या 13127 और साल 2021 में 18720 थी तो वहीं साल 2022 के जुलाई माह तक 21 हजार 481 अपराधियों की गिरफ्तारी की गई है जो 68.17 फीसद की वृद्धि है. कुख्यात अपराधियों की बात करें तो साल 2020 में जहां 518 अपराधियों की गिरफ्तारी हुई थी, वहीं साल 2021 के जुलाई माह तक 970 और साल 2022 में जुलाई माह तक 972 कुख्यात अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है, इसमें 0.21%की वृद्धि हुई है. ठीक उसी प्रकार गिरफ्तार नक्सलियों की बात करें तो साल 2020 में जहां 99 गिरफ्तारी की गई थी. साल 2021 में 23, साल 2022 के जुलाई माह तक 130 नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई है. कहीं न कहीं अपराधियों, नक्सलियों और उनकी गिरफ्तारी के वक्त उनके पास से हथियारों के जखीरे के साथ-साथ मादक पदार्थों की बरामदगी में भी बढ़ोतरी हुई है.
बड़े पैमाने पर हो रही है गिरफ्तारी : बिहार में बढ़ रहे अपराध को लेकर बिहार पुलिस मुख्यालय की मानें तो बिहार पुलिस मुख्यालय के की ओर से पुलिस महानिदेशक बिहार के निर्देशानुसार अपराधियों और वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु वृहद पैमाने पर छापेमारी की जा रही है. वर्ष 2021 के जुलाई माह की तुलना में वर्ष 2022 की जुलाई माह में गिरफ्तारी के दर में 68.17% की वृद्धि की गई है इसका मुख्य उद्देश्य है कि बिहार में अपराधियों का मनोबल को तोड़ने और अपराध पर अंकुश लगाना है.
ये भी पढ़ें :-बिहार में बढ़ते अपराध से सरकार चिंतित, क्या पुलिस फ्लैग मार्च से डरेंगे अपराधी?