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धनरूआ पुलिस-पब्लिक झड़प: गोलीबारी में युवक की मौत, जांच करने पहुंचे पटना SSP

पुलिस पब्लिक झड़प मामले में पटना के एसएसपी उपेंद्र शर्मा धनरूआ पहुंच कर पीड़ित पक्षों से मुलाकात की है. कहा है कि दोषी कोई भी हो उस पर कार्रवाई होगी. पुलिस को किस परिस्थिति में गोली चलानी पड़ी, इसको लेकर जांच की जा रही है. पढ़ें रिपोर्ट...

धनरूआ
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Published : Oct 23, 2021, 3:40 PM IST

पटना: बिहार में पटना जिले के धनरूआ (Dhanarua) प्रखंड में पांचवें चरण का चुनाव होना है. 24 अक्टूबर को यहां मतदान होगा. लेकिन उससे पहले ही इस इलाके में तनाव का माहौल बन गया है. एक दिन पहले यानि शुक्रवार को यहां पुलिस-पब्लिक के बीच हिंसक झड़प (Violent clash between police and public) हो गयी थी. रोड़ेबाजी और गोलीबारी भी हुई. इसमें एक युवक की मौत हो गई थी और पुलिसकर्मी समेत कई लोग घायल हो गए थे. माहौल को देखते हुए एसएसपी उपेंद्र शर्मा मोरियावां गांव पहुंचे हैं. उन्होंने पीड़ित पक्ष से मुलाकात कर निष्पक्ष कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है.

यह भी पढ़ें- धनरूआ में पुलिस-पब्लिक के बीच खूनी झड़प, एक की गई जान, 20 पुलिसकर्मी सहित कई लोग जख्मी

बता दें कि शुक्रवार देर शाम धनरूआ प्रखंड के मोरियावां गांव में पुलिस एवं पब्लिक के बीच हुई हिंसक झड़प एवं गोलीबारी में चार युवकों को गोली लग गई. जिसमें एक युवक की मौत हो चुकी है. जिसकी जांच को लेकर शनिवार को एसएसपी उपेंद्र शर्मा, सिटी एसपी जितेंद्र कुमार समेत विभिन्न थानों की पुलिस मोरियावां गांव पहुंची. उन्होंने मुसहरी में जाकर सभी पीड़ित पक्षों का बयान लेते हुए पूरे मामले की जांच की है.

देखें वीडियो

मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा है कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी. आखिर किन हालातों में गोली चली है, गोली क्यों चलाई गई है, इस मामले में उपेंद्र शर्मा ने बताया कि पथराव होने के कारण काफी पुलिस वाले चोटिल हो रहे थे. जिसको लेकर आत्मरक्षा के लिए पुलिस ने गोली चलाई थी. जिसमें कुछ लोगों को गोली लग गई. जिसकी जांच निष्पक्ष तरीके से की जा रही है.

'रोड़ेबाजी में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. पुलिस ने आत्मरक्षा के लिए गोली चलाई, जिसमें कुछ लोगों को गोली लग गई. हर मामले की निष्पक्ष जांच होग. दोनों पक्षों की तरफ से एफआईआर होा. एक पुलिस के बयान पर एफआईआर होगा, दूसरा पीड़ित पक्ष के बयान पर होगा. जांच की जाएगी कि आखिर पुलिस ने गोली क्यों चलाई. ऐसी कौन सी नौबत आ गई थी कि पुलिस को गोली चलानी पड़ी. पुलिस चुनाव प्रचार के समय अवधि खत्म होने के बाद प्रचार रोकने गई थी. उसी दौरान लाउडस्पीकर बाजाया जा रहा था. जिस को रोकने के प्रयास में झड़प हुई. झड़प रोड़ेबाजी में तब्दील हो गई और देर शाम गोली चलानी पड़ी. जिसकी पूरी घटना की तफ्तीश की जा रही है, जो भी दोषी होंगे उन पर कारवाई कि जायेगी.' -उपेंद्र शर्मा, एसएसपी

यह भी पढ़ें- पुलिस-पब्लिक झड़प: धनरूआ में हिंसा की जांच के लिए विशेष टीम गठित, DM ने की शांति बनाए रखने की अपील

पटना: बिहार में पटना जिले के धनरूआ (Dhanarua) प्रखंड में पांचवें चरण का चुनाव होना है. 24 अक्टूबर को यहां मतदान होगा. लेकिन उससे पहले ही इस इलाके में तनाव का माहौल बन गया है. एक दिन पहले यानि शुक्रवार को यहां पुलिस-पब्लिक के बीच हिंसक झड़प (Violent clash between police and public) हो गयी थी. रोड़ेबाजी और गोलीबारी भी हुई. इसमें एक युवक की मौत हो गई थी और पुलिसकर्मी समेत कई लोग घायल हो गए थे. माहौल को देखते हुए एसएसपी उपेंद्र शर्मा मोरियावां गांव पहुंचे हैं. उन्होंने पीड़ित पक्ष से मुलाकात कर निष्पक्ष कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है.

यह भी पढ़ें- धनरूआ में पुलिस-पब्लिक के बीच खूनी झड़प, एक की गई जान, 20 पुलिसकर्मी सहित कई लोग जख्मी

बता दें कि शुक्रवार देर शाम धनरूआ प्रखंड के मोरियावां गांव में पुलिस एवं पब्लिक के बीच हुई हिंसक झड़प एवं गोलीबारी में चार युवकों को गोली लग गई. जिसमें एक युवक की मौत हो चुकी है. जिसकी जांच को लेकर शनिवार को एसएसपी उपेंद्र शर्मा, सिटी एसपी जितेंद्र कुमार समेत विभिन्न थानों की पुलिस मोरियावां गांव पहुंची. उन्होंने मुसहरी में जाकर सभी पीड़ित पक्षों का बयान लेते हुए पूरे मामले की जांच की है.

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मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा है कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी. आखिर किन हालातों में गोली चली है, गोली क्यों चलाई गई है, इस मामले में उपेंद्र शर्मा ने बताया कि पथराव होने के कारण काफी पुलिस वाले चोटिल हो रहे थे. जिसको लेकर आत्मरक्षा के लिए पुलिस ने गोली चलाई थी. जिसमें कुछ लोगों को गोली लग गई. जिसकी जांच निष्पक्ष तरीके से की जा रही है.

'रोड़ेबाजी में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. पुलिस ने आत्मरक्षा के लिए गोली चलाई, जिसमें कुछ लोगों को गोली लग गई. हर मामले की निष्पक्ष जांच होग. दोनों पक्षों की तरफ से एफआईआर होा. एक पुलिस के बयान पर एफआईआर होगा, दूसरा पीड़ित पक्ष के बयान पर होगा. जांच की जाएगी कि आखिर पुलिस ने गोली क्यों चलाई. ऐसी कौन सी नौबत आ गई थी कि पुलिस को गोली चलानी पड़ी. पुलिस चुनाव प्रचार के समय अवधि खत्म होने के बाद प्रचार रोकने गई थी. उसी दौरान लाउडस्पीकर बाजाया जा रहा था. जिस को रोकने के प्रयास में झड़प हुई. झड़प रोड़ेबाजी में तब्दील हो गई और देर शाम गोली चलानी पड़ी. जिसकी पूरी घटना की तफ्तीश की जा रही है, जो भी दोषी होंगे उन पर कारवाई कि जायेगी.' -उपेंद्र शर्मा, एसएसपी

यह भी पढ़ें- पुलिस-पब्लिक झड़प: धनरूआ में हिंसा की जांच के लिए विशेष टीम गठित, DM ने की शांति बनाए रखने की अपील

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