पटना: पटना हाईकोर्ट ने बीडीएस छात्र के चरित्र प्रमाण पत्र एवं इंटर्नशिप सर्टिफिकेट में उसके आचरण को गलत बताने के मामले में डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया को बीआर अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेस एंड हॉस्पिटल संस्थान के खिलाफ मिले तथ्यों को अगली सुनवाई में कोर्ट के समक्ष रखने का आदेश दिया है. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने बीडीएस की पढ़ाई पूरी कर चुके छात्र आर्यन की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया. इस मामले की अगली सुनवाई 21अगस्त 2023 को होगी.
छात्र आर्यन की याचिका पर सुनवाई: याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रशांत सिन्हा ने अदालत को बताया कि आर्यन ने पटना के बेली रोड स्थित बीआर अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेस एंड हॉस्पिटल में बीडीएस स्ट्रीम में 2012-2017 सत्र के लिए दाखिला लिया था. कोर्स में उत्तीर्ण होने के बाद वर्ष 2019 में जब उसे उक्त कॉलेज ने चरित्र प्रमाण पत्र एवं इंटर्नशिप सर्टिफिकेट दिया गया तो साधारण टिप्पणियों के कॉलम में लिखा हुआ था कि “छात्र जीर्ण अनियमित था, उसका फैकल्टी एवं मरीजों के विरुद्ध झगड़ालू रवैया था और इंटर्नशिप के दौरान उसका आचरण खराब था“.
2019 में ही हाईकोर्ट याचिका दायर की थी: कॉलेज की गई इन टिप्पणियों को चुनौती देते हुए छात्र आर्यन ने वर्ष 2019 में ही हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर की थी. सुनवाई के दौरान डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के वरीय अधिवक्ता एसडी संजय ने कोर्ट को बताया कि बीआर अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेस संस्थान को किसी न किसी आधार पर छात्रों से पैसा वसूलने की आदत है.
अगली सुनवाई 21अगस्त को होगी: उन्होंने बताया कि कॉलेज के खिलाफ कई शिकायतें मिली हैं और यह संस्थान वास्तव में डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया को बदनाम कर रहा है. इस पर हाई कोर्ट ने डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया को कॉलेज के विरुद्ध तमाम अभिलेख कोर्ट के समक्ष रखने का आदेश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 21अगस्त 2023 को होगी.