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लॉकडाउन में पुलिस ज्यादती पर पटना हाईकोर्ट सख्त, तुरंत बर्बरता रोकने के निर्देश - lockdown in patna

पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को लॉकडाउन उल्लंघन के नाम पर पुलिस की बर्बरता को तुरंत रोकने का निर्देश दिया. अदालत ने पुलिस द्वारा किए गए सख्त रवैये पर चिंता जताने के साथ ही संबंधित अधिकारियों को इसकी जांच करने का निर्देश दिया है.

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पटना हाईकोर्ट
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Published : May 28, 2021, 8:01 PM IST

पटना: राज्य में करोना महामारी(CORONA PANDEMIC) के कारण चल रहे लॉकडाउन(lockdown) लागू करने में पुलिस के सख्त रवैये पर पटना हाईकोर्ट(PATNA HIGHCOURT) ने गंभीर रुख अपनाया. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान पुलिस के रवैए पर नाराजगी व्यक्त की है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने अधिकारियों को इन घटनाओं पर रोक लगाने का निर्देश दिया.

ये भी पढ़ें....HC में जनहित याचिकाओं पर सुनवाई, कोर्ट ने बिहटा ESIC अस्पताल का मांगा पूरा ब्यौरा

बिहार में लॉकडाउन के दौरान पुलिस ज़्यादती
वरीय अधिवक्ता योगेश चन्द्र वर्मा ने कोर्ट को बताया कि पुलिस लॉकडाउन(lockdown) के दौरान नागरिकों के साथ बुरा व्यवहार करती है. हाईकोर्ट ने तीन सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी के रिपोर्ट पर भी विचार किया. यह कमेटी ने राज्य के सरकारी और निजी अस्पतालों के अलावा कोविड केयर सेंटर का भी निरीक्षण किया.

ये भी पढ़ें....पटना HC में PMCH का हलफनामा, अस्पताल में जल्द लगेंगे ऑक्जीन प्लांट, निगरानी के लिए टीमें गठित

स्टेट लेवल प्रोटोकॉल विकसित करने की जरूरत
हाईकोर्ट को यह भी जानकारी दी गई कि कोविड केयर सेंटर में मरीजों और उनके परिजनों के साथ अस्पताल में बुरा बर्ताव किया जाता है. कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इस पर शीघ्र कार्रवाई करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य सरकार को एक स्टेट लेवल प्रोटोकॉल विकसित करने की जरूरत है, ताकि आम आदमी कोरोना वायरस( corona virus) से प्रभावी रूप से लड़ने के महत्व को समझ सके.

ये भी पढ़ें....एडवोकेट्स एसोसिएशन की बैठक: बिहार सरकार से मांगे बार काउंसिल के लिए 50 करोड़, साथ ही गर्मी छुट्टी रद्द करने की मांग

मामले पर 2 जून को अगली सुनवाई
राज्य सरकार ने जांच, ट्रैक और इलाज की नीति बनाई है, लेकिन गांव के अशिक्षित लोगों को उनकी भाषा में समझाने और बताने की जरूरत है. ऐसे युवक को छोटे प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित किया जाना चाहिए, जो कोविड केयर सेंटर में काम करने के लिए तैयार और इच्छुक हो. इस मामले पर अगली सुनवाई 2 जून को होगी.

पटना: राज्य में करोना महामारी(CORONA PANDEMIC) के कारण चल रहे लॉकडाउन(lockdown) लागू करने में पुलिस के सख्त रवैये पर पटना हाईकोर्ट(PATNA HIGHCOURT) ने गंभीर रुख अपनाया. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान पुलिस के रवैए पर नाराजगी व्यक्त की है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने अधिकारियों को इन घटनाओं पर रोक लगाने का निर्देश दिया.

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बिहार में लॉकडाउन के दौरान पुलिस ज़्यादती
वरीय अधिवक्ता योगेश चन्द्र वर्मा ने कोर्ट को बताया कि पुलिस लॉकडाउन(lockdown) के दौरान नागरिकों के साथ बुरा व्यवहार करती है. हाईकोर्ट ने तीन सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी के रिपोर्ट पर भी विचार किया. यह कमेटी ने राज्य के सरकारी और निजी अस्पतालों के अलावा कोविड केयर सेंटर का भी निरीक्षण किया.

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स्टेट लेवल प्रोटोकॉल विकसित करने की जरूरत
हाईकोर्ट को यह भी जानकारी दी गई कि कोविड केयर सेंटर में मरीजों और उनके परिजनों के साथ अस्पताल में बुरा बर्ताव किया जाता है. कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इस पर शीघ्र कार्रवाई करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य सरकार को एक स्टेट लेवल प्रोटोकॉल विकसित करने की जरूरत है, ताकि आम आदमी कोरोना वायरस( corona virus) से प्रभावी रूप से लड़ने के महत्व को समझ सके.

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मामले पर 2 जून को अगली सुनवाई
राज्य सरकार ने जांच, ट्रैक और इलाज की नीति बनाई है, लेकिन गांव के अशिक्षित लोगों को उनकी भाषा में समझाने और बताने की जरूरत है. ऐसे युवक को छोटे प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित किया जाना चाहिए, जो कोविड केयर सेंटर में काम करने के लिए तैयार और इच्छुक हो. इस मामले पर अगली सुनवाई 2 जून को होगी.

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