पटना: पूरा मामला एक समाचार पत्र के दफ्तर की जमीन से जुड़ा है. इससे पूर्व चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने अवकाश के दिन रविवार 13 अगस्त, 2023 को इस मामले पर सुनवाई करते हुए सख्त रुख अपनाया था. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने आयुक्त से कई सवाल किया था. उनके हर सवाल के जबाब को अपने आदेश में दर्ज किया था. कोर्ट ने उनके द्वारा दिये गये जवाबों से असंतुष्ट हो कर उनके खिलाफ अवमानना मामला शुरू किया था.
अखबार का दफ्तर तोड़े जाने पर पटना हाईकोर्ट गंभीर: इस मामले में राज्य सरकार का पक्ष रखने के लिए एडिशनल एडवोकेट जनरल अंजनी कुमार कोर्ट के समक्ष उपस्थित थे. एक न्यूज पेपर के दफ्तर के जमीन को लेकर विवाद है. जब निगम ने इसे तोड़ने के लिए आदेश दिया था ,तब आवेदक ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर उसे चुनौती दी थी. लेकिन सिंगल बेंच ने इस याचिका को खारिज करते हुए 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था. इस आदेश को लेकर अपील दायर कर खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी गई.
पूर्व में दिया था कार्रवाई नहीं करने का आदेश: इससे पूर्व जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने गत 2 फरवरी,2023 को विवादित जमीन पर किसी तरह का कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया. साथ ही दस हजार रुपये के जुर्माना राशि देने पर रोक लगा दी थी. 11अगस्त, 2023 को चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने लंबी सुनवाई के बाद अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था.
अखबार के दफ्तर को ध्वस्त कर दिया गया: इससे पूर्व जब निगम की ओर से कार्रवाई कर अखबार के दफ्तर को ध्वस्त कर दिया गया, तो इस कार्रवाई की जानकारी रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से चीफ जस्टिस को दी गई. उन्हें सारे तथ्यों से अवगत कराया गया. पूर्व में कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए पटना नगर निगम के अधिकारियों सहित किसी को भी विवादित परिसर में प्रवेश नहीं करने की जिम्मेदारी कोतवाली थानेदार को सौंप दी थी.
आवेदक का एलपीए खारिज: इस सुनवाई के दौरान पटना नगर निगम आयुक्त व कोतवाली थानेदार को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया गया था. कोर्ट ने सुनवाई के समय आयुक्त से की गई कार्रवाई को लेकर सवाल किया और उनके जवाब को अपने आदेश में दर्ज किया. आयुक्त ने अपने बचाव में कहा कि हाई कोर्ट में पटना नगर निगम का पक्ष रखने वाले वकील ने उन्हें सूचित किया कि आवेदक का एलपीए (पुनर्विचार याचिका) खारिज हो गया है.
1 सितम्बर, 2023 होगी अगली सुनवाई: जब कोर्ट ने उनसे पूछा कि क्या सभी केसों में इसी तरह से कार्रवाई की जाती है, तो उन्होंने कहा कि नहीं सभी केसों में इस तरह से कार्रवाई नहीं की जाती. कोर्ट ने सभी सवालों और उसके जवाबों को दर्ज कर आगे की कार्यवाही के लिए इस मामले को सुनवाई के लिए जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ के समक्ष रखे जाने का निर्देश दिया था. चीफ जस्टिस के वी चंद्रन के इस निर्देश पर जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने आज सुनवाई की. इस मामले पर अगली सुनवाई 1 सितम्बर, 2023 को होगी.