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सुप्रीम कोर्ट को मिलेगा नया जज, जस्टिस के. विनोद चंद्रन की नियुक्ति को केंद्र ने दी मंजूरी - SC TO GET A NEW JUDGE

पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के रूप में नियुक्ति की अधिसूचना जारी हो गई है.

Chief Justice of Patna High Court K Vinod Chandran
पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन (patnahighcourt.gov.in)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 13, 2025, 9:09 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सोमवार को पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी.

कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श के बाद, पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति कृष्णन विनोद चंद्रन को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करते हैं." 7 जनवरी को भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति चंद्रन को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की.

एक सप्ताह के भीतर, केंद्र सरकार ने न्यायमूर्ति चंद्रन को सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत करने की मंजूरी दे दी. सीजेआई की अध्यक्षता वाले और चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों वाले कॉलेजियम ने एक बयान में कहा कि 7 जनवरी, 2025 को हुई अपनी बैठक में कॉलेजियम ने सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्ति के लिए पात्र उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों और वरिष्ठ अवर न्यायाधीशों के नामों पर विचार-विमर्श किया.

कॉलेजियम ने सर्वसम्मति से न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन को सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की. कॉलेजियम में न्यायमूर्ति बी.आर. गवई, सूर्यकांत, ऋषिकेश रॉय और अभय एस. ओका भी शामिल थे. न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन को 8 नवंबर 2011 को केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और 29 मार्च 2023 को पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया. तब से वे पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत हैं.

उन्होंने 11 साल से अधिक समय तक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में और एक साल से अधिक समय तक एक बड़े उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया है. कॉलेजियम ने कहा कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश और मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपने लंबे कार्यकाल के दौरान न्यायमूर्ति चंद्रन ने कानून के विविध क्षेत्रों में महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त किया है और वह उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की संयुक्त अखिल भारतीय वरिष्ठता में 13वें स्थान पर हैं.

कॉलेजियम ने कहा, “केरल उच्च न्यायालय से आने वाले न्यायाधीशों की वरिष्ठता में न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन क्रम संख्या 1 पर हैं. उनके नाम की सिफारिश करते समय कॉलेजियम ने इस तथ्य को ध्यान में रखा है कि केरल उच्च न्यायालय से सर्वोच्च न्यायालय की पीठ में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है.” केरल उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार 5 जनवरी, 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. सर्वोच्च न्यायालय में कुल 34 न्यायाधीशों में से वर्तमान में भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित 32 न्यायाधीश कार्यरत हैं. न्यायमूर्ति चंद्रा की नियुक्ति के बाद सर्वोच्च न्यायालय में कार्यरत न्यायाधीशों की संख्या 33 हो जाएगी.

ये भी पढ़ें- चुनाव संचालन नियम में संशोधन को चुनौती देने वाली कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 15 को करेगा सुनवाई

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सोमवार को पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी.

कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श के बाद, पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति कृष्णन विनोद चंद्रन को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करते हैं." 7 जनवरी को भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति चंद्रन को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की.

एक सप्ताह के भीतर, केंद्र सरकार ने न्यायमूर्ति चंद्रन को सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत करने की मंजूरी दे दी. सीजेआई की अध्यक्षता वाले और चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों वाले कॉलेजियम ने एक बयान में कहा कि 7 जनवरी, 2025 को हुई अपनी बैठक में कॉलेजियम ने सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्ति के लिए पात्र उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों और वरिष्ठ अवर न्यायाधीशों के नामों पर विचार-विमर्श किया.

कॉलेजियम ने सर्वसम्मति से न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन को सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की. कॉलेजियम में न्यायमूर्ति बी.आर. गवई, सूर्यकांत, ऋषिकेश रॉय और अभय एस. ओका भी शामिल थे. न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन को 8 नवंबर 2011 को केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और 29 मार्च 2023 को पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया. तब से वे पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत हैं.

उन्होंने 11 साल से अधिक समय तक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में और एक साल से अधिक समय तक एक बड़े उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया है. कॉलेजियम ने कहा कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश और मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपने लंबे कार्यकाल के दौरान न्यायमूर्ति चंद्रन ने कानून के विविध क्षेत्रों में महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त किया है और वह उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की संयुक्त अखिल भारतीय वरिष्ठता में 13वें स्थान पर हैं.

कॉलेजियम ने कहा, “केरल उच्च न्यायालय से आने वाले न्यायाधीशों की वरिष्ठता में न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन क्रम संख्या 1 पर हैं. उनके नाम की सिफारिश करते समय कॉलेजियम ने इस तथ्य को ध्यान में रखा है कि केरल उच्च न्यायालय से सर्वोच्च न्यायालय की पीठ में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है.” केरल उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार 5 जनवरी, 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. सर्वोच्च न्यायालय में कुल 34 न्यायाधीशों में से वर्तमान में भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित 32 न्यायाधीश कार्यरत हैं. न्यायमूर्ति चंद्रा की नियुक्ति के बाद सर्वोच्च न्यायालय में कार्यरत न्यायाधीशों की संख्या 33 हो जाएगी.

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