पटना : पटना हाइकोर्ट (Patna High Court) ने राज्य के अनुदानित 2459 मदरसों की जांच किये जाने से सबंधित याचिका पर सुनवाई की. एसीजे जस्टिस सीएस सिंह की खंडपीठ ने सीतामढी जिले के मदरसों की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए सीआईडी को चार माह की मोहलत दी. इससे पूर्व कोर्ट ने राज्य के अनुदानित 2459 मदरसों की जांच का आदेश राज्य के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को दिया था.
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'चार महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें' : कोर्ट ने अल्लाउद्दीन बिस्मिल की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को इनकी जांच चार महीने में पूरा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव को शीघ्र राज्य के सभी डीएम के साथ बैठक कर उनके संसाधनों के बारे में जांच करने का आदेश दिया था. वहीं जांच पूरी होने तक 609 मदरसों को अनुदान राशि नहीं देने का आदेश दिया था.
88 मदरसों की जांच CID कर रही : कोर्ट ने जाली कागजात पर मदरसों को दी गई मान्यता पर दर्ज प्राथमिकी पर राज्य के डीजीपी को अनुसंधान के बारे में पूरी जानकारी कोर्ट को देने का निर्देश दिया था. कोर्ट को इस सम्बन्ध में बताया गया कि राज्य की ओर से सीतामढी जिले के 88 मदरसों की जांच सीआईडी कर रही है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राशिद इजहार ने कोर्ट को बताया कि माध्यमिक शिक्षा के विशेष निदेशक मो. तस्नीमुर रहमान ने सीतामढ़ी जिला के सरकारी अनुदान लेने वाले मदरसों की जांच रिपोर्ट दी थी. इसमें कहा गया था कि सीतामढ़ी जिला में फर्जी कागजात पर करीब 88 मदरसों ने सरकारी अनुदान ली है.
कोर्ट ने इन सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करने की बात कही थी. उनका कहना था कि शिक्षा विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने हाई कोर्ट में जवाबी हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया कि राज्य के अन्य जिलों के 609 मदरसों जो सरकारी अनुदान प्राप्त किये हैं, उन सभी के जांच के लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. कोर्ट मामले पर चार माह के बाद फिर सुनवाई करेगी.