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HC का बिहार सरकार को निर्देश - PMCH में खराब मशीनों के मामले पर कार्रवाई कर रिपोर्ट करें प्रस्तुत - patna high court

पीएमसीएच में मशीनों के खराब होने की जनहित याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की है. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सरकार को कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.

पटना हाईकोर्ट
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Published : Dec 1, 2020, 4:19 PM IST

पटना: पीएमसीएच में बड़ी संख्या में डायलिसिस मशीनों के बंद पड़े होने के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की है. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से कार्रवाई की रिपोर्ट अगली सुनवाई में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.

विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने पीएमसीएच में मशीनों के खराब होने के मामले पर सुनवाई की. कोर्ट को अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह ने बताया कि पीएमसीएच के लिए 30 डायलिसिस मशीनों को बड़ी लागत लगाकर खरीदा गया था. लेकिन इन मशीनों का लाभ मरीजों को नहीं मिल पाया. ये सार्वजनिक संपत्ति का दुरुपयोग जैसा है. इसके साथ ही डॉक्टरों की भी नेफ्रोलॉजी विभाग में कमी है. 25 डॉक्टरों का पद स्वीकृत है लेकिन अस्पताल में सिर्फ दो ही डॉक्टर कार्यरत हैं.

अगली सुनवाई : 15 दिसंबर
अधिवक्ता ने दलील दी कि मरीजों को मशीनों और डॉक्टरों की कमी के चलते काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आर्थिक रूप से कमजोर मरीज अपना इलाज सही से नहीं करवा पाते. पूरे मामले में कोर्ट ने सरकार से कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी.

पटना: पीएमसीएच में बड़ी संख्या में डायलिसिस मशीनों के बंद पड़े होने के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की है. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से कार्रवाई की रिपोर्ट अगली सुनवाई में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.

विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने पीएमसीएच में मशीनों के खराब होने के मामले पर सुनवाई की. कोर्ट को अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह ने बताया कि पीएमसीएच के लिए 30 डायलिसिस मशीनों को बड़ी लागत लगाकर खरीदा गया था. लेकिन इन मशीनों का लाभ मरीजों को नहीं मिल पाया. ये सार्वजनिक संपत्ति का दुरुपयोग जैसा है. इसके साथ ही डॉक्टरों की भी नेफ्रोलॉजी विभाग में कमी है. 25 डॉक्टरों का पद स्वीकृत है लेकिन अस्पताल में सिर्फ दो ही डॉक्टर कार्यरत हैं.

अगली सुनवाई : 15 दिसंबर
अधिवक्ता ने दलील दी कि मरीजों को मशीनों और डॉक्टरों की कमी के चलते काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आर्थिक रूप से कमजोर मरीज अपना इलाज सही से नहीं करवा पाते. पूरे मामले में कोर्ट ने सरकार से कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी.

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