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पशु चिकित्सकों को ओल्ड एज पेंशन और जीपीएफ मामले पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई

29 नवंबर 2004 को प्रकाशित विज्ञापन के विरोध में याचिकाकर्ताओं ने आवेदन दिया था, जिसके तहत दिए गए पेंशन और जीपीएफ विचार नहीं किया गया, जो खुद विज्ञापन से साफ है. उन्होंने कहा कि विज्ञापन के समय जब ओल्ड एज पेंशन और जीपीएफ दिया जा रहा था, तो इस पर रोक क्यों लगा दी गई.

patna high court
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Published : Feb 2, 2022, 3:52 PM IST

पटना: बिहार में पशु चिकित्सकों को ओल्ड एज पेंशन और जीपीएफ का लाभ नहीं देने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. डॉ मनीष कुमार पांडेय व अन्य की याचिकाओं पर जस्टिस पी बी बजन्थरी ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को तीन महीने में हलफनामा दायर कर जवाब देने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें: पटना हाईकोर्ट ने लैब टेक्नीशियन की नियुक्ति प्रक्रिया को एक सप्ताह में पूरा करने का दिया आदेश

राज्य सरकार ने 9 जून 2020 को एक निर्णय लेकर प्रदेश के पशु चिकित्सकों को ओल्ड एज पेंशन और जीपीएफ का लाभ इस आधार पर देने से रोक दिया कि इन पशु चिकित्सकों की बहाली 27 मार्च 2014 को हुई है. इसमें यह कहा गया कि रिट याचिका दायर करने वाले पशु चिकित्सक को नई पेंशन योजना और जीपीएफ, जो राज्य सरकार के कर्मचारियों को दिया जाता है, वो दिए जाएं.

ये भी पढ़ें: राज्य में एनएच निर्माण और विकास के मामलों को लेकर पटना हाईकोर्ट ने की सुनवाई

याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में पक्ष प्रस्तुत करते हुए अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि 29 नवंबर 2004 को प्रकाशित विज्ञापन के विरोध में याचिकाकर्ताओं ने आवेदन दिया था, जिसके तहत दिए गए पेंशन और जीपीएफ विचार नहीं किया गया, जो खुद विज्ञापन से साफ है. उन्होंने कहा कि विज्ञापन के समय जब ओल्ड एज पेंशन और जीपीएफ दिया जा रहा था, तो इस पर रोक क्यों लगा दी गई. इस मामले पर अगली सुनवाई तीन महीने बाद की जाएगी.

ये भी पढ़ें: साइबर क्राइम पर हाईकोर्ट सख्त.. गूगल, फेसबुक, WhatsApp को दी 2 हफ्ते की मोहलत

ये भी पढ़ें: हाईवे निर्माण में पेड़ों की कटाई रोकने की जनहित याचिका पर हुई सुनवाई, NHAI से हाईकोर्ट ने मांगा ब्यौरा

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याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में पक्ष प्रस्तुत करते हुए अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि 29 नवंबर 2004 को प्रकाशित विज्ञापन के विरोध में याचिकाकर्ताओं ने आवेदन दिया था, जिसके तहत दिए गए पेंशन और जीपीएफ विचार नहीं किया गया, जो खुद विज्ञापन से साफ है. उन्होंने कहा कि विज्ञापन के समय जब ओल्ड एज पेंशन और जीपीएफ दिया जा रहा था, तो इस पर रोक क्यों लगा दी गई. इस मामले पर अगली सुनवाई तीन महीने बाद की जाएगी.

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