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स्वच्छ सर्वेक्षण में पटना ने 13 स्थान की लगाई छलांग, 46 शहरों में 25 वां स्थान किया प्राप्त - Swachh Survekshan 2023

Swachh Survekshan 2023: पटना नगर निगम द्वारा किए जा रहे प्रयासों के कारण स्वच्छता रैंकिंग में पटना ने काफी सुधार किया है. पिछले साल की तुलना अच्छा परिणाम देखने को मिला है. पटना को देशभर में 10 लाख से अधिक आबादी वाले 46 शहरों में 25 वां स्थान प्राप्त हुआ है.

Swachh Survekshan 2023
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 12, 2024, 11:01 AM IST

पटनाः केंद्र सरकार के स्वच्छ सर्वेक्षण में पटना को देश भर में 10 लाख से अधिक आबादी वाले 46 शहरों में 25 वां स्थान प्राप्त हुआ है. पिछले वर्ष 2022 में 38वां स्थान प्राप्त हुआ था. पटना ने रांची, दिल्ली, आगरा, नागपुर, बेंगलुरु, अमृतसर, जयपुर ग्रेटर जैसे शहरों को पीछे छोड़ते हुए यह उपलब्धि हासिल की है. वहीं, इंदौर और सूरत ने संयुक्त रूप से पहला स्थान प्राप्त किया है.

पटना और सुपौल को मिला वन स्टारः इसके अलावा कचरा मुक्त शहर यानी कि गार्बेज फ्री सिटी के तौर पर पटना नगर निगम द्वारा किए जा रहे प्रयासों के कारण भी पटना नगर निगम को सम्मानित किया गया है. गार्बेज फ्री सिटी के लिए बिहार के पटना और सुपौल को वन स्टार की रेटिंग दी गई है. अभी तक राज्य के किसी शहर को स्टार रेटिंग नहीं प्राप्त था.

पटना को मिला वाटर प्लस का अवार्डः इन सब के अलावा जल स्रोतों की सफाई व्यवस्था में भी पटना को इस बार वाटर प्लस का अवार्ड मिला है. गुरुवार को दिल्ली के भारत मंडल पंप में आयोजित कार्यक्रम के दौरान इसके लिए पटना नगर निगम की महापौर सीता साहू, नगर आयुक्त अनिमेष पाराशर और सशक्त स्थाई समिति के सदस्यों को केंद्रीय अवसान और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव मनोज जोशी ने अवार्ड से नवाजा.

कचरा कलेक्शन के लिए पटना को 98% ः वहीं स्वच्छता रिपोर्ट में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए पटना ने 98% प्राप्त किया है. आवासीय क्षेत्र में सफाई में 99% व्यावसायिक क्षेत्र में सफाई में 99% पब्लिक टॉयलेट की सफाई में 90% प्राप्त किया है. हालांकि सोर्स सेग्रीगेशन में पटना पीछे है और 28% थी प्राप्त किया है और वेस्ट प्रोसेसिंग में पटना ने 66% प्राप्त किया है.

दीप जलाकर जश्न मनाते  वार्ड पार्षद
दीप जलाकर जश्न मनाते वार्ड पार्षद

गंगा टाउन शहरों में पटना को छठा स्थानः बता दें कि देशभर में एक लाख से अधिक आबादी वाले 446 शहरों में स्वच्छता के मामले में पटना ने 77वां स्थान प्राप्त किया है. इसके अलावा देश के ऐसे 88 शहर जो गंगा नदी किनारे बसे हैं, उन गंगा टाउन शहरों में स्वच्छता के मामले में पटना नगर निगम ने छठा स्थान प्राप्त किया है. गंगा टाउन के 88 शहरों में स्वच्छता के मामले में वाराणसी ने पहला रैंक प्राप्त किया है, इसके बाद प्रयागराज, बिजनौर, हरिद्वार और कन्नौज जैसे शहर हैं.

पटना नगर निगम के वार्ड पार्षदों में खुशीः वहीं बिहार के गंगा टाउन की बात करें तो बरहिया को 14वां, सुल्तानगंज को 15वां हाजीपुर को 20, कहलगांव को 21, बेगूसराय को 22, सोनपुर को 23, मोकामा को 28 रैंक प्राप्त हुआ है. जबकि सबसे नीचे 88 वें पायदान पर छपरा है. स्वच्छता के क्षेत्र में इस उपलब्धि के लिए पटना नगर निगम के वार्ड पार्षदों ने अपने क्षेत्र में जीएफसी स्थानों पर दीप जलाकर जश्न मनाया.

पटनाः केंद्र सरकार के स्वच्छ सर्वेक्षण में पटना को देश भर में 10 लाख से अधिक आबादी वाले 46 शहरों में 25 वां स्थान प्राप्त हुआ है. पिछले वर्ष 2022 में 38वां स्थान प्राप्त हुआ था. पटना ने रांची, दिल्ली, आगरा, नागपुर, बेंगलुरु, अमृतसर, जयपुर ग्रेटर जैसे शहरों को पीछे छोड़ते हुए यह उपलब्धि हासिल की है. वहीं, इंदौर और सूरत ने संयुक्त रूप से पहला स्थान प्राप्त किया है.

पटना और सुपौल को मिला वन स्टारः इसके अलावा कचरा मुक्त शहर यानी कि गार्बेज फ्री सिटी के तौर पर पटना नगर निगम द्वारा किए जा रहे प्रयासों के कारण भी पटना नगर निगम को सम्मानित किया गया है. गार्बेज फ्री सिटी के लिए बिहार के पटना और सुपौल को वन स्टार की रेटिंग दी गई है. अभी तक राज्य के किसी शहर को स्टार रेटिंग नहीं प्राप्त था.

पटना को मिला वाटर प्लस का अवार्डः इन सब के अलावा जल स्रोतों की सफाई व्यवस्था में भी पटना को इस बार वाटर प्लस का अवार्ड मिला है. गुरुवार को दिल्ली के भारत मंडल पंप में आयोजित कार्यक्रम के दौरान इसके लिए पटना नगर निगम की महापौर सीता साहू, नगर आयुक्त अनिमेष पाराशर और सशक्त स्थाई समिति के सदस्यों को केंद्रीय अवसान और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव मनोज जोशी ने अवार्ड से नवाजा.

कचरा कलेक्शन के लिए पटना को 98% ः वहीं स्वच्छता रिपोर्ट में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए पटना ने 98% प्राप्त किया है. आवासीय क्षेत्र में सफाई में 99% व्यावसायिक क्षेत्र में सफाई में 99% पब्लिक टॉयलेट की सफाई में 90% प्राप्त किया है. हालांकि सोर्स सेग्रीगेशन में पटना पीछे है और 28% थी प्राप्त किया है और वेस्ट प्रोसेसिंग में पटना ने 66% प्राप्त किया है.

दीप जलाकर जश्न मनाते  वार्ड पार्षद
दीप जलाकर जश्न मनाते वार्ड पार्षद

गंगा टाउन शहरों में पटना को छठा स्थानः बता दें कि देशभर में एक लाख से अधिक आबादी वाले 446 शहरों में स्वच्छता के मामले में पटना ने 77वां स्थान प्राप्त किया है. इसके अलावा देश के ऐसे 88 शहर जो गंगा नदी किनारे बसे हैं, उन गंगा टाउन शहरों में स्वच्छता के मामले में पटना नगर निगम ने छठा स्थान प्राप्त किया है. गंगा टाउन के 88 शहरों में स्वच्छता के मामले में वाराणसी ने पहला रैंक प्राप्त किया है, इसके बाद प्रयागराज, बिजनौर, हरिद्वार और कन्नौज जैसे शहर हैं.

पटना नगर निगम के वार्ड पार्षदों में खुशीः वहीं बिहार के गंगा टाउन की बात करें तो बरहिया को 14वां, सुल्तानगंज को 15वां हाजीपुर को 20, कहलगांव को 21, बेगूसराय को 22, सोनपुर को 23, मोकामा को 28 रैंक प्राप्त हुआ है. जबकि सबसे नीचे 88 वें पायदान पर छपरा है. स्वच्छता के क्षेत्र में इस उपलब्धि के लिए पटना नगर निगम के वार्ड पार्षदों ने अपने क्षेत्र में जीएफसी स्थानों पर दीप जलाकर जश्न मनाया.

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