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लॉकडाउन: ऑटो नहीं मिलने से यात्री हलकान, पैदल ही मीलों का सफर तय करने को मजबूर - Corona in Bihar

बिहार में कोरोना के कहर के चलते लॉकडाउन लगा दिया गया है. जिसका खामियाजा यात्रियों को उठाना पड़ रहा है. साधनों की कमी के चलते यात्री पैदल ही सफर तय करने पर मजबूर हो रहे हैं.

पटना
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Published : May 7, 2021, 8:11 AM IST

पटना: कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य में 15 मई तक लॉकडाउन लगा दिया गया है. जिसके चलते जन-जीवन ठप पड़ गया है. सड़कों पर वाहनों की रफ्तार भी रूक गई है. जिसका खामियाजा दूसरे प्रदेशों से घर लौट रहे लोगों को उठाना पड़ रहा है. लॉकडाउन के दूसरे दिन प्रवासी ट्रेनों से पटना जंक्शन पहुंचे लेकिन यहां उन्हें भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा. सड़कों पर ऑटो और सार्वजनिक यातायात के अन्य साधनों के कमी के चलते वे हलकान हुए.

यह भी पढ़ें: पटना पुलिस की 'गुंडागर्दी'! दुकान खोलने वालों को लाठी-डंडे से पीट-पीटकर खिलवा रही 'बेटा मरने की कसम'

पैदल सफर करने को मजबूर यात्री
आम दिनों में पटना रेलवे स्टेशन गोलंबर के पास में ऑटो और रिक्शा की भीड़ रहती थी. यात्री आसानी से अपने गंतव्य तक पहुंच सकते थे. लेकिन इन दिनों वाहनों की संख्या कम होने से यात्री परेशान हो रहे हैं. हालांकि, लॉकडाउन के कारण कम संख्या में बसों और सवारी गाड़ी को चलाने को इजाजत दी गई है. वाहनों की संख्या कम होने के चलते यात्री पैदल सफर करने को मजबूर हो रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

यात्रियों ने सुनाई आपबीती
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान भीम कुमार सिंह ने बताया कि वे सारण जिले के सोनहो के रहने वाले हैं. उन्हें हैदराबाद जाना है. सोनहो से हाजीपुर तक वे बस से पहुंचे. हाजीपुर से कोई सवारी पटना रेलवे स्टेशन तक पहुंचने के लिए नहीं मिली. जिसके बाद वे पैदल ही हाजीपुर से पटना जंक्शन पहुंच गए.

बेगूसराय के रहने वाले प्रकाश कुमार ने बताया कि पटना में रहकर पढ़ाई करते हैं. वह लॉकडाउन लगने के कारण घर जा रहे हैं. पटना जंक्शन तक के लिए ऑटो नहीं मिलने के कारण पैदल आना पड़ा.

यह भी पढ़ें: कोरोना में मर गईं मानवीय संवेदनाएं! सब पहले से तय है फिर भी 'मुक्ति' के नाम पर मची है लूट

पटना: कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य में 15 मई तक लॉकडाउन लगा दिया गया है. जिसके चलते जन-जीवन ठप पड़ गया है. सड़कों पर वाहनों की रफ्तार भी रूक गई है. जिसका खामियाजा दूसरे प्रदेशों से घर लौट रहे लोगों को उठाना पड़ रहा है. लॉकडाउन के दूसरे दिन प्रवासी ट्रेनों से पटना जंक्शन पहुंचे लेकिन यहां उन्हें भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा. सड़कों पर ऑटो और सार्वजनिक यातायात के अन्य साधनों के कमी के चलते वे हलकान हुए.

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पैदल सफर करने को मजबूर यात्री
आम दिनों में पटना रेलवे स्टेशन गोलंबर के पास में ऑटो और रिक्शा की भीड़ रहती थी. यात्री आसानी से अपने गंतव्य तक पहुंच सकते थे. लेकिन इन दिनों वाहनों की संख्या कम होने से यात्री परेशान हो रहे हैं. हालांकि, लॉकडाउन के कारण कम संख्या में बसों और सवारी गाड़ी को चलाने को इजाजत दी गई है. वाहनों की संख्या कम होने के चलते यात्री पैदल सफर करने को मजबूर हो रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

यात्रियों ने सुनाई आपबीती
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान भीम कुमार सिंह ने बताया कि वे सारण जिले के सोनहो के रहने वाले हैं. उन्हें हैदराबाद जाना है. सोनहो से हाजीपुर तक वे बस से पहुंचे. हाजीपुर से कोई सवारी पटना रेलवे स्टेशन तक पहुंचने के लिए नहीं मिली. जिसके बाद वे पैदल ही हाजीपुर से पटना जंक्शन पहुंच गए.

बेगूसराय के रहने वाले प्रकाश कुमार ने बताया कि पटना में रहकर पढ़ाई करते हैं. वह लॉकडाउन लगने के कारण घर जा रहे हैं. पटना जंक्शन तक के लिए ऑटो नहीं मिलने के कारण पैदल आना पड़ा.

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