पटना: पारामेडिकल संघ की ओर से भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान पवापुरी नालंदा में प्रैक्टिकल परीक्षा पास करने के नाम पर बदसलूकी के आरोपित एनेस्थीसिया विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर विजेंद्र प्रसाद की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सैकड़ों पारामेडिकल छात्रों ने पटना में आक्रोश मार्च निकाला. पीएमसीएच गेट से कारगिल चौक तक यह आक्रोश मार्च पहुंचा, जहां प्रदर्शन किया गया.
दोषी चिकित्सक की गिरफ्तारी की मांग: आक्रोश मार्च में शामिल छात्राओं ने पीड़ित छात्रा की सुरक्षा और दोषी चिकित्सक पर अविलंब गिरफ्तारी की कार्रवाई करने की मांग की. इस दौरान पारा मेडिकल छात्र आशुतोष नंदन ने कहा कि ओटी डिपार्टमेंट पर मेडिकल छात्रा को प्रैक्टिकल परीक्षा में नंबर देने के नाम पर एनेस्थीसिया विभाग के एचओडी डॉ विजेंद्र प्रसाद ने शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डाला है. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.
"पहले भी इस प्रकार का होता रहा है. मैं प्रदेश के युवा स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह करूंगा कि जल्द ही डॉ विजेंद्र को एनेस्थीसिया विभाग से बर्खास्त किया जाए और उनकी गिरफ्तारी की जाए."- आशुतोष नंदन, पारा मेडिकल छात्र
"आरोपित चिकित्सक की जल्द से जल्द गिरफ्तारी हो और उसे पद से बर्खास्त किया जाए. ऐसा इसलिए ताकि यह संदेश जाएगा कि पैरामेडिकल छात्राओं के साथ कोई बदसलूकी करता है तो उसकी खैर नहीं है."- अदिति कुमारी, पारा मेडिकल छात्रा
6 दिसंबर को दिया घटना को अंजाम: बिहार पारा मेडिकल संघ के अध्यक्ष भरत भूषण ने कहा कि यह 6 दिसंबर की घटना है और अब तक प्रोफेसर की गिरफ्तारी नहीं हुई है. पारामेडिकल स्टाफ का डॉक्टर का रिश्ता चोली दामन का है. ऐसे में डॉक्टर विजेंद्र जैसे लोग चिकित्सक समाज को भी बदनाम कर रहे हैं. चंद चिकित्सकों की वजह से बिहार सरकार के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा खोखला साबित हो रहा है.
'तुम मुझे खुश करो, मैं तुमको अच्छे नंबर दूंगा': अध्यक्ष ने बताया कि बिम्स पवापुरी के एनेस्थीसिया विभाग के एचओडी पारामेडिकल छात्राओं से कहते हैं कि तुम मुझे खुश करो, मेरे साथ रिश्ता बनाओ, मुझसे प्यार करो तो मैं तुमको अच्छे नंबर से पास कर दूंगा. उन्होंने सरकार से और बिहार के डीजीपी से दोषी चिकित्सक को तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग की है.
'पीड़ित छात्रा के परिवार पर बना रहे दबाव': छात्रों ने बताया कि पीड़ित छात्रा के घर पर चिकित्सक के लोग जाकर डरा धमकाकर दबाव डालने की कोशिश कर रहे हैं. केस को उठा लेने के लिए दबाव बना रहे हैं. इसलिए वह चाहते हैं कि छात्रा को सरकार सुरक्षा उपलब्ध कराए ताकि लड़कियों का गलत के खिलाफ आवाज उठाने का मनोबल ना टूटे.
खुलेआम घूम रहा आरोपी चिकित्सक: पारा मेडिकल एसोसिएशन के प्रधान महासचिव सुरेंद्र कुमार ने कहा कि 6 तारीख को आवेदन के बाद 2 दिन तक जब प्रशासन ने एफआईआर दर्ज नहीं किया तो वह लोग पटना से पावापुरी गए और फिर जाकर केस दर्ज हुआ. ऐसे आरोपी चिकित्सक को सिर्फ सस्पेंड करने से काम नहीं चलेगा. आरोपी पर 354 बी का धारा लगा हुआ है और वह खुलेआम घूम रहा है यह बहुत ही शर्मनाक स्थिति है.
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