पटना: राजधानी पटना में पारा मेडिकल छात्रों का प्रदर्शन (Para Medical Students Protest) जारी है. पीएमसीएच के प्रिंसिपल चेंबर में पारा मेडिकल छात्रों ने तालाबंदी कर दी है. छात्रों का कहना है कि 2020 में इन लोगों ने 2 साल के कोर्स के लिए दाखिला लिया था. फर्स्ट ईयर की परीक्षा हुए 6 महीना से अधिक समय हो गया लेकिन अभी तक रिजल्ट नहीं आया है. 2 साल के कोर्स के लिए 3 साल में भी पहला ईयर कंप्लीट नहीं हुआ है. साथ ही पारा मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की घोर कमी है. वहीं, रिजल्ट को लेकर हाई कोर्ट भी गए थे. हाईकोर्ट ने 3 महीने के अंदर रिजल्ट जारी करने को कहा था लेकिन 5 महीने से अधिक समय हो गए हैं. कोर्ट ऑफ कंटेंप्ट का भी इन लोगों ने एक बार फिर से मामला दर्ज किया है.
मांग पूरी नहीं होने अस्पतालों में तालाबंदी: छात्रों की कई मांगें है कि जल्द से जल्द पारा मेडिकल काउंसिल का गठन किया जाए, इसके लिए सभी ट्रेड से दो-दो सदस्यों को शामिल किया जाए. बिहार में पारा मेडिकल के सत्र नियमित करने के साथ लंबित परीक्षा ली जाए और इसका परीक्षाफल भी प्रकाशित किया जाए. इन मांगों के लिए छात्र राज्य भर में आक्रोश मार्च निकाल रहे हैं और इसके जल्द पूरा नहीं किए जाने पर राज्य भर के अस्पतालों में तालाबंदी और ओपीडी की सेवाएं ठप करने की बात भी लगातार की जा रही है.
कॉलेजों में हो पारा मेडिकल ग्रेजुएशन और मास्टर्स डिग्री: सभी मेडिकल कॉलेज में पारा मेडिकल ग्रेजुएशन और मास्टर्स डिग्री की पढ़ाई की शुरुआत की जानी चाहिए. सभी जिले के पारा मेडिकल कॉलेज के छात्रों को को वहां के अस्पतालो में प्रशिक्षण के लिए जाने के लिए परिवहन का इंतजाम राज्य सरकार जल्द करना चाहिए, जिससे छात्रों को प्रशिक्षण लेने में आसानी होगी. वहीं नामांकित पारा मेडिकल छात्रों को स्वीकृत 1500 रुपैया प्रति माह पैड इंटर्नशिप की राशि दी जाए. बिहार में शुरू किए गए नए पारा मेडिकल कोर्स जैसे एनएसथीसिया टेक्निशियन, ब्लड बैंक टेक्निशियन, रेडियोलॉजी टेक्निशियन, हॉस्पिटल डोमिसिलिअरी केयर असिस्टेंट,ऑर्थोप्टिक्स, ऑर्थोप्टिक एंड प्रोश्थेटिक, प्लास्टर टेक्नीशियन और अन्य के लिए नियमावली तैयार की जाए जिससे छात्रों का भविष्य बेहतर हो सके.