पटना: बिहार में महिलाओं और बच्चों के विकास और कल्याण के लिए निस्वार्थ भाव से सेवा करने वाली महिला पद्मश्री सुधा वर्गीज को एक बार फिर से सम्मानित किया गया. इस बार उन्हें मुंबई के ताज होटल में आयोजित 45वां जमनालाल बजाज पुरस्कार समारोह में यह सम्मान दिया गया. जहां देश के मुख्य न्यायाधीश डॉ जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने उन्हें सम्मानित किया.
जमनालाल बजाज पुरस्कार समारोह का आयोजन: दरअसल, 8 दिसंबर को मुंबई के ताज होटल में 45 वां जमनालाल बजाज पुरस्कार समारोह आयोजित किया गया. जहां देश के मुख्य न्यायाधीश डॉ जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ के कर कमलों द्वारा पद्मश्री सुधा वर्गीज को सम्मानित किया गया है.
पद्मश्री सुधा वर्गीज के प्रयासों की सराहना की गई: इस दौरान मुख्य न्यायाधीश ने पद्मश्री सुधा वर्गीज को सम्मानित करते हुए उनके कल्याणकारी परिवर्तनकारी कार्य को साझा किया. उन्होंने समाज के सबसे कमजोर वगों को सशक्त बनाने और सकारात्मक परिवर्तन करने में उनके असाधारण प्रयासों की सराहना की. साथ ही महिलाओं के सशक्तिकरण और कल्याणकारी कार्यों की भी तारीफ की.
मुसहर समुदाय का किया विकास: वहीं, पद्मश्री सुधा वर्गीज ने कहा कि पिछले 30 वर्षों से भी अधिक समय से बिहार के सबसे अभिवचित मुसहर समुदाय की महिलाओं और बच्चों को सशक्ति बनाने और उनके कल्याण के लिए निस्वार्थ सेवा कार्य कर रही हूं. वहीं, जमनालाल बजाज पुरस्कार से सम्मानित होकर पहुंचे लाल कोठी स्थित नारी गुंजन परिसर पहुंची पद्मश्री सुधा वर्गीज का प्ररेणा छात्रावास की छात्राओं ने भव्य स्वागत किया. इस दौरान मौके पर छात्रावास के शिक्षिक-शिक्षिकाएं व छात्राएं मौजूद थे.
"नारी गुंजन टीम के समर्पण और हमारे समुदाय के अटूट समर्थन का परिणाम हैं कि आज हमें यह सम्मान दिया गया है. यह हमें समर्पित और व्यायसंगत समाज की दिशा में हमारे मिशन को जारी रखने के लिए प्रेरित करता है. हमारे संगठन नारी गुंजन द्वारा किए गए समर्पण और नवाचारी कार्यक्रमों ने बिहार के सबसे अभिवंचित मुसहर समुदाय को विकास की ओर बढ़ाने में क्रांतिकारी कदम उठाया है." - पद्मश्री सुधा वर्गीज
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