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Rohtas News: सूखे की मार झेल रहे अन्नदाता, खेतों में पड़ी दरार देख मुंह को आया कलेजा

बिहार का रोहतास धान का कटोरा कहा जाता है, लेकिन बारिश नहीं होने से धान की फसल जल रही है. किसान बारिश की आस में टकटकी लगाए हैं. अगर समय से बारिश नहीं हुई तो फसल का नुकसान हो सकता है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jul 28, 2023, 1:09 PM IST

रोहतास में सूखे की मार झेल रहे अन्नदाता

रोहतासः बिहार के रोहतास में अन्नदाता परेशान है. धान का कटोरा नाम से प्रसिद्ध रोहतास जिले में इस बार धान की रोपनी वर्षा न होने से बुरी तरह प्रभावित हुई है. अब तक 40% भी धान की रोपनी नहीं हो पाई है, ऐसे में किसानों की समस्या बढ़ गई है. जिले में बारिश नहीं हो रही है, जिस कारण सिंचित इलाकों में किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ेंः Drought in Bihar: 'किसानों को शीघ्र मिलेगी डीजल अनुदान की राशि'- कृषि मंत्री ने बताया क्या है तैयारी

"इस समय धान की फसल को पानी की सबसे ज्यादा जरूरत है. ऐसे में बारिश नहीं होने से धान के बिचड़े सूख रहे हैं. खेतों में दरार पड़ गया है, जिस कारण फसल सूख रही है. सरकार मदद नहीं करेगी को खाने के लाले पर जाएंगे. बारिश की आस में कब तक रहेंगे. " -चंद्रमा राम, किसान

बारिश की आस में खेती: रोहतास जिले के कई गांव सिकरिया, शिवपुर आदि इलाके में जहां नहरों का पानी नहीं पहुंच पाता है, उन इलाकों के किसान सिंचाई को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि जहां बारिश की आस में खेती होती है, वहां के किसान परेशान है. खेतों में दरार पड़ गया है. धान का बिचड़ा सूख गया. मॉनसून के रूठ जाने से धान की फसल मुरझा कर सूखने लगी है.

"आसमान में बादल तो छा रहे हैं, लेकिन बारिश नहीं हो रही है. सावन के महीने में भी बारिश नहीं के बराबर है. इस कारण किसान मायूस हैं. यदि जल्द ही इलाके में वर्षा नहीं हुई तो किसानों के सामने काफी विकेट स्थिति उत्पन्न हो जाएगी." -रिंकू सिंह, किसान

"जिले में अब तक किसानों ने 66% से अधिक भूमि पर धान की रोपनी कर ली है. इस वर्ष 2 लाख 5 हजार 557 हेक्टेयर भूमि में धान की रोपनी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. अगले सप्ताह तक लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा." - राम कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी, रोहतास

एक सप्ताह से नहीं हुई बारिशः बता दें कि पिछले एक सप्ताह से इलाके में एक बूंद भी बारिश नहीं हुई है. ऐसे में खेतों में दरार पड़ना लाजमी है. पंपिंग सेट तथा बिजली के सहारे संपूर्ण खेती संभव नहीं है. ऐसे में किसान सिर पकड़ कर खेतों में बैठे हैं. आकाश में बादल का झुंड आते हैं और किसानों के सिर के ऊपर से गुजर जाते हैं. किसानों का कहना है कि अगर दो दिन और बारिश नहीं हुई तो खेती पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी.

रोहतास में सूखे की मार झेल रहे अन्नदाता

रोहतासः बिहार के रोहतास में अन्नदाता परेशान है. धान का कटोरा नाम से प्रसिद्ध रोहतास जिले में इस बार धान की रोपनी वर्षा न होने से बुरी तरह प्रभावित हुई है. अब तक 40% भी धान की रोपनी नहीं हो पाई है, ऐसे में किसानों की समस्या बढ़ गई है. जिले में बारिश नहीं हो रही है, जिस कारण सिंचित इलाकों में किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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"इस समय धान की फसल को पानी की सबसे ज्यादा जरूरत है. ऐसे में बारिश नहीं होने से धान के बिचड़े सूख रहे हैं. खेतों में दरार पड़ गया है, जिस कारण फसल सूख रही है. सरकार मदद नहीं करेगी को खाने के लाले पर जाएंगे. बारिश की आस में कब तक रहेंगे. " -चंद्रमा राम, किसान

बारिश की आस में खेती: रोहतास जिले के कई गांव सिकरिया, शिवपुर आदि इलाके में जहां नहरों का पानी नहीं पहुंच पाता है, उन इलाकों के किसान सिंचाई को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि जहां बारिश की आस में खेती होती है, वहां के किसान परेशान है. खेतों में दरार पड़ गया है. धान का बिचड़ा सूख गया. मॉनसून के रूठ जाने से धान की फसल मुरझा कर सूखने लगी है.

"आसमान में बादल तो छा रहे हैं, लेकिन बारिश नहीं हो रही है. सावन के महीने में भी बारिश नहीं के बराबर है. इस कारण किसान मायूस हैं. यदि जल्द ही इलाके में वर्षा नहीं हुई तो किसानों के सामने काफी विकेट स्थिति उत्पन्न हो जाएगी." -रिंकू सिंह, किसान

"जिले में अब तक किसानों ने 66% से अधिक भूमि पर धान की रोपनी कर ली है. इस वर्ष 2 लाख 5 हजार 557 हेक्टेयर भूमि में धान की रोपनी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. अगले सप्ताह तक लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा." - राम कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी, रोहतास

एक सप्ताह से नहीं हुई बारिशः बता दें कि पिछले एक सप्ताह से इलाके में एक बूंद भी बारिश नहीं हुई है. ऐसे में खेतों में दरार पड़ना लाजमी है. पंपिंग सेट तथा बिजली के सहारे संपूर्ण खेती संभव नहीं है. ऐसे में किसान सिर पकड़ कर खेतों में बैठे हैं. आकाश में बादल का झुंड आते हैं और किसानों के सिर के ऊपर से गुजर जाते हैं. किसानों का कहना है कि अगर दो दिन और बारिश नहीं हुई तो खेती पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी.

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