पटना: राजधानी पटना के एक गांव की महिलाओं ने मिसाल पेश की है. यहां पंच परमेश्वर बनकर गांव के मामलों का महिलाएं निष्पादन करती हैं. महिला सशक्तिकरण का ताजा उदाहरण पटना जिले के मसूरी प्रखंड के रेवां पंचायत का है, जहां पर न्याय की सबसे निचली अदालत कहे जाने वाली ग्राम कचहरी में अधिकांश पदों पर महिला आसीन हैं. अपने घरों के और गांव के मामलों का निष्पादन पंच परमेश्वर बनकर महिलाएं यहां करती हैं.
पटना रेवां पंचायत में सिर्फ महिला पंच: रेवा पंचायत में महिलाओं की भागीदारी की सभी तारीफ कर रहे हैं. महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर ना सिर्फ चल रही हैं बल्कि उन्हें पीछे भी छोड़ रही हैं. रेवा पंचायत के मामलों का निपटारा ये महिलाएं ही करती हैं. पंच परमेश्वर के रूप में आसीन सभी महिला न्यायिक पदाधिकारी के रूप में यहां बैठती हैं और पंचायत के जितने भी छोटे बड़े मामले आते हैं उनका मिलकर निपटारा करती हैं.
निभा रहीं अहम रोल: पंच परमेश्वर के कंधों पर पंचायत के न्यायिक व्यवस्था की जिम्मेदारी है. गांव के तमाम मामलों का निपटारा जब ये महिलाएं करती हैं तो ग्रामीण भी इनकी सूझबूझ की प्रशंसा करते नहीं थकते हैं. निर्वाचित पंच परमेश्वर ने अब तक कम से कम 13 मामलों को बखूबी सुलझाया भी है. पंच परमेश्वर की भूमिका निभाने वाली इन महिलाओं का कहना है कि जो भी मामले आते हैं उसे ध्यान पूर्वक सुना जाता है और फिर उसका निपटारा किया जाता है.
'यह रेवां पंचायत है. ज्यादातार महिलाएं ही यहां पंच है. नली गली से लेकर लड़ाई झगड़े तक के मामले आते हैं उनका हम निपटारा करते हैं.'- रानी कुमारी, पंच परमेश्वर, रेवां, मसौढ़ी
'सोमवार और गुरुवार को कचहरी लगती है जिसमें हम लोगों की समस्याओं को सुनते हैं. लोगों की परेशानी का हल निकालने की हम कोशिश करते हैं.'- मालती कुमारी, पंच परमेश्वर, रेवां, मसौढ़ी
'जितनी भी समस्या आती है उसका समाधान सारी महिलाएं मिलकर करते हैं. हम आपस में विचार-विमर्श भी करते हैं. काफी सोच समझकर मामलों का निष्पादन किया जाता है ताकि किसी के साथ अन्याय ना हो.'- प्रतिमा कुमारी, पंच परमेश्वर, मसौढ़ी