पटनाः कोरोना महामारी का असर बिहार विधान मंडल के मानसून सत्र पर भी पड़ा है. सम्राट कन्वेंशन सेंटर के ज्ञान भवन में मानसून सत्र की आज शुरुआत होगी और आज ही यह समाप्त हो जाएगा. बिहार विधानमंडल के इतिहास में यह सत्र ऐतिहासिक होगा, क्योंकि पहली बार सदन की कार्यवाही विधान मंडल के बाहर ज्ञान भवन में संचालित की जाएगी.
एक दिन के इस मानसून सत्र में पहली बार ऐसा होगा, जब प्रश्नकाल और ध्यानाकर्षण नहीं होगा. यानि कि एक भी प्रश्न नहीं लिए जाएंगे. जो पहले से प्रश्न डाले गए हैं, उसका उत्तर विभाग सदस्यों को भेज देगा.
कई विधायक और बिल होंगे पास
जानकारी के मुताबिक ज्ञान भवन में 11:00 बजे से विधानसभा की कार्यवाही शुरू होगी जो 1:00 बजे तक चलेगी. एक बजे से 2:00 बजे तक भोजनावकाश रहेगा. फिर 2:00 से 4:00 तक सदन की कार्यवाही संचालित होगी. यानी 4 घंटे में ही बिहार विधानसभा का मानसून सत्र समाप्त हो जाएगा. बिहार विधान सभा सचिवालय की ओर से जारी शेड्यूल के अनुसार 11 बजे बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय चौधरी संबोधन से सत्र की शुरुआत करेंगे. अध्याशी सदस्यों का मनोनयन और समितियों के गठन की घोषणा भी अध्यक्ष करेंगे उसके बाद राजकीय कार्य और राजकीय विधेयक पेश किए जाएंगे.
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सीमित अध्यादेश पर ही होगी चर्चा
विधानसभा सचिवालय की ओर से जो जानकारी दी गई है उसमें विधेयकों और बिलों की संख्या करीब दो दर्जन है. जिसे संबंधित विभाग के मंत्री पेश करेंगे. विधानसभा सचिवालय के अनुसार वैसे अध्यादेश जो दोनों सदनों की पिछली बैठक में पारित हो चुके हैं और उन पर राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है, उसे ही विधानसभा सचिव सदन पटल पर रखेंगे.
बिहार विधानसभा की विभिन्न समितियों की रिपोर्ट भी सदन पटल पर रखी जाएगी और उसके बाद वित्तीय कार्य होंगे. इसके तहत 2020-21 के प्रथम अनुपूरक व्यय विवरणी रखी जाएगी और फिर विनियोग विधेयक के माध्यम से खर्च की अनुमति सदन से ली जाएगी.
बाढ़ और कोरोना पर 2 घंटे वाद-विवाद
भोजन अवकाश के बाद जब सदन की कार्यवाही 2:00 बजे से शुरू होगी. तब बाढ़ और कोरोना की समस्या पर 2 घंटे का वाद विवाद और सरकार का उत्तर होगा. एक विषय पर 1 घंटे के समय रखा गया है. सदस्य 45 मिनट चर्चा करेंगे जबकि 15 मिनट में सरकार का उत्तर होगा. अंत में शोक सभा के साथ एक दिवसीय सदन की कार्यवाही समाप्त हो जाएगी. विधान परिषद की कार्यवाही विज्ञान भवन में ही 11:00 बजे से शुरू होगी.
विपक्ष की है सरकार को घेरने की रणनीति
कोरोना महामारी के बीच मानसून सत्र को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की पूरी रणनीति तैयार कर रहा है. बाढ़ और कोरोना पर डिबेट में विपक्ष सरकार की मुश्किलें बढ़ाने की कोशिश करेगा. विपक्ष की ओर से छोटे सत्र को लेकर सरकार पर निशाना भी साधा जा रहा है. इस सरकार का यह अंतिम विधानमंडल सत्र होगा, क्योंकि इस साल अक्टूबर-नवंबर में चुनाव संभावित है.