पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण के फैलाव रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग नई रणनीति बना कर उस पर अमल करने की तैयारी में है. कोरोना के संदिग्ध और संक्रमित मरीजों के साथ ही सामान्य अथवा अन्य किसी भी प्रकार की गंभीर बीमारी के इलाज को आने वाले मरीजों को भी अब कोरोना जांच करानी होगी.
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद इस संबंध में सभी जिलों के सिविल सर्जनों के साथ ही अस्पताल अधीक्षकों को फैसले से अवगत करा दिया है. प्रत्यय अमृत ने बताया कि अब तक अस्पतालों में अन्य बीमारी के लिए आने वाले मरीजों की कोरोना जांच नहीं हो रही थी. लेकिन अब संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए एहतियातन यह फैसला लिया गया है. अब से सामान्य अथवा गंभीर रोगों का इलाज कराने आए लोगों की भी रैपिड एंटीजेन टेस्ट करायी जाएगी.
सभी अस्पतालों में नियम लागू
प्रधान सचिव ने कहा कि इसके दो फायदे हैं. एक तो अन्य बीमारी के इलाज को गए मरीज को भी यह जानकारी हो जाएगी कि उसे कोरोना है या नहीं. साथ ही अस्पताल के दूसरे रोगी, डॉक्टर और पारा मेडिकल स्टाफ भी निश्चिंत होकर मरीज का इलाज कर सकेंगे. ऐसा करने से संक्रमण के फैलाव को भी नियंत्रित किया जा सकेगा. उन्होंने कहा यह व्यवस्था आज से ही अस्पतालों में प्रभावी कर दी गई है.
बाढग्रस्त क्षेत्रों में भी एंटीजेन टेस्ट किट से जांच के आदेश
स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के 14 बाढ़ प्रभावित जिलों में एंटीजेन किट से कोरोना जांच के निर्देश दिए हैं. प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि बाढग़्रस्त क्षेत्रों में जो लोग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे हैं, जिन्हें निकाल कर राहत कैंप में पहुंचाया जा रहा है. वैसे सभी लोगों की कोरोना जांच होगी. इससे कोरोना संक्रमण पर नजर रखी जा सकेगी और इसका फैलाव भी नियंत्रित किया जा सकेगा. इस संबंध में संबंधित जिलाधिकारियों और सिविल सर्जनों को निर्देश दे दिए गए हैं.