पटना: पीएमसीएच में ब्लैक फंगस (Black Fungus Patient in PMCH) के मरीजों के लिए सर्जरी की सुविधा नहीं है. ऐसे मरीजों को बाहर से सर्जरी कराए जाने की सलाह दी जा रही है. ऐसे में ब्लैक फंगस के मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ब्लैक फंगस का इलाज कर रहे डॉक्टरों का मानना है कि अगर फंगस नाक के ऊपर साइनस तक पहुंच जाता है, तो सर्जरी अनिवार्य हो जाती है. पीएमसीएच में जितने भी ब्लैक फंगस के मरीज एडमिट हैं, सभी का फंगल संक्रमण नाक के ऊपर आंखों तक पहुंच चुका है. जिन्हें सर्जरी की आवश्यकता है.
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इलाज शुरू हुए दो सप्ताह से अधिक
पीएमसीएच में ब्लैक फंगस का इलाज शुरू हुए 2 सप्ताह से अधिक समय हो गए हैं. मगर यहां सर्जरी की व्यवस्था शुरू नहीं की गई है. जिन मरीजों को सर्जरी की गंभीर आवश्यकता है, उनके परिजनों को पीएमसीएच के चिकित्सकों द्वारा बाहर से सर्जरी कराकर आने को कहा जा रहा है. मरीज के परिजन आरोप लगा रहे हैं कि पीएमसीएच के चिकित्सक कह रहे हैं कि यहां सर्जरी की सुविधा नहीं है. मरीज को सर्जरी की जरूरत है. ऐसे में बाहर प्राइवेट या सरकारी, जहां भी सुविधा हो, सर्जरी करा लें. उसके बाद पीएमसीएच में पहुंचें. यहां उन्हें दवा और इंजेक्शन वगैरह दिया जाता रहेगा.
'पिछले 5 दिनों से पीएमसीएच में अपने पति को लेकर एडमिट हूं. यहां इंजेक्शन और दवा दी जा रही है. दर्द से थोड़ी राहत है. मेरे पति के बाएं आंख में दिक्कत है. पलक झपकना बंद हो गया है. रोशनी भी खत्म हो गई है. डॉक्टरों ने कहा है कि एक आंख की रोशनी खत्म हो गई है. दूसरे को फंगस के संक्रमण से बचाना है. ऐसे में अभी सीटी स्कैन हुआ है. रिपोर्ट का इंतजार है. रिपोर्ट आने पर डॉक्टर आगे का ट्रीटमेंट करेंगे.' -शोभा देवी, परिजन
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'मेरी मामी एडमिट हैं. बाएं आंख में सूजन बढ़ गया. रोशनी खत्म हो गई. डॉक्टरों ने बताया कि यह ब्लैक फंगस है. पीएमसीएच में रेफर कर दिया. 27 मई से पीएमसीएच में एडमिट करा चुका हूं. डॉक्टरों ने बताया है कि उन्हें सर्जरी कि जरूरत है. अस्पताल में सर्जरी की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में कहीं बाहर से सर्जरी करा कर आने को कहा गया है. इंजेक्शन अभी खत्म है. ऐसे में दवाई की 6 गोली दी जा रही है. मेरे सामने एडमिट 2 मरीज बाहर से सर्जरी कराकर दोबारा पीएमसीएच में एडमिट हुए. एडमिट होने के चंद घंटों बाद उनकी जान चली गई' -संतोष कुमार, परिजन
ब्लैक फंगस मरीजों की सर्जरी
- आईजीआईएमएस में हो चुकी है 100 से अधिक ब्लैक फंगस के मरीजों की सर्जरी
- एम्स में 70 से अधिक ब्लैक फंगस के मरीजों की हो गई सर्जरी
- पटना एम्स में पहले ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए चलते थे दो ऑपरेशन थिएटर
- पटना एम्स में होते थे प्रतिदिन 6 से 8 ऑपरेशन
- एम्स में ऑपरेशन थिएटर की संख्या कर दी गई है चार
- एम्स में अधिक से अधिक 20 मरीजों की प्रतिदिन हो सकेगी सर्जरी
'मां ब्लैक फंगस वार्ड में एडमिट हैं. 2 जून को एडमिट हुई थी. गांव में उन्हें बुखार आया था. जिसके बाद डेक्सोना का इंजेक्शन दिया गया था. बाद में नाक से ब्लीडिंग होने लगी. जिसके बाद शहर में डॉक्टर से दिखाया गया तो साइनस में ब्लैक फंगस डिटेक्ट हुआ. इसके बाद पीएमसीएच रेफर कर दिया गया. जहां इलाज चल रहा है. मां को दर्द से थोड़ा राहत है. मां को सर्जरी की जरूरत है और डॉक्टरों ने भी सर्जरी की बात कही है. मगर यहां सर्जरी नहीं हो रही है. अस्पताल में ऊपर के अधिकारियों से सर्जरी की बात कहने पर कहते हैं कि गंभीर स्थिति में ही सर्जरी होगी.' -अभिषेक कुमार, परिजन
सर्जरी की आवश्यकता
- नाक के ऊपर फंगस पहुंचने पर आवश्यक हो जाती है सर्जरी
- सर्जरी में देरी करने से मरीज की जा सकती है जान
- एक सप्ताह पहले पीएमसीएच ने किया था सर्जरी शुरू करवाए जाने का दावा
- दावे के लगभग 2 सप्ताह के बाद भी शुरू नहीं हुई सर्जरी की सुविधा
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