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11 फरवरी को रहेगा 'बिहार में घुप्प अंधेरा', झेलनी पड़ेगी परेशानी

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Published : Jan 31, 2020, 8:24 PM IST

निजीकरण को लेकर बिजली कर्मियों ने आंदोलन छेड़ रखा है. इस क्रम में उन्होंने 11 फरवरी को 24 घंटे के लिए बेमियादी हड़ताल का फैसला लिया है.

डिजाइन इमेज
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पटना: आगामी 11 फरवरी को पूरा प्रदेश अंधेरे में डूबा रहेगा. निजीकरण को लेकर बिजली कर्मियों ने आंदोलन छेड़ रखा है. इस क्रम में उन्होंने 11 फरवरी को 24 घंटे के लिए बेमियादी हड़ताल का फैसला लिया है. इस हड़ताल के दौरान पूरे बिहार में बिजली व्यवस्था पूरी तरह से ठप रहेगी.

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विद्युत भवन, बिहार (फाइल फोटो)

सरकार और बिजली यूनियन के बीच तनाव
दरअसल, 27 जनवरी को बिजली कर्मियों ने सांकेतिक हड़ताल का निर्णय लिया था. विद्युत कामगार पदाधिकारी अभियंता संयुक्त संघर्ष मोर्चा के तत्वाधान में हड़ताल का आयोजन किया गया था. इस दौरान पटना के आयकर गोलंबर पर जमकर लाठियां चली थी. यहां पर कई अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की गई और कई लोगों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज हुई थी.

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विद्युत भवन, बिहार (फाइल फोटो)
देखें पूरी रिपोर्ट

सुबह 6 बजे से रहेगी बिजली बाधित

संघ के नेता कपिल देव यादव ने कहा कि वे निजीकरण के खिलाफ हैं. उन्होंने बताया कि आज की तारीख में मात्र 6000 कर्मी ही विभाग में हैं. विद्युत कर्मी निजीकरण का विरोध कर रहे हैं. 11 फरवरी को बिहार में बिजली व्यवस्था ठप करने का फैसला लिया गया है. इस दिन सुबह 6 बजे से 12 तारीख की सुबह 6 बजे तक विद्युत कर्मी बेमियादी हड़ताल पर रहेंगे. जिस कारण बिजली व्यवस्था पूरी तरह ठप रहेगी. इसके लिए चरणबद्ध तैयारी कर ली गई है.

पटना: आगामी 11 फरवरी को पूरा प्रदेश अंधेरे में डूबा रहेगा. निजीकरण को लेकर बिजली कर्मियों ने आंदोलन छेड़ रखा है. इस क्रम में उन्होंने 11 फरवरी को 24 घंटे के लिए बेमियादी हड़ताल का फैसला लिया है. इस हड़ताल के दौरान पूरे बिहार में बिजली व्यवस्था पूरी तरह से ठप रहेगी.

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विद्युत भवन, बिहार (फाइल फोटो)

सरकार और बिजली यूनियन के बीच तनाव
दरअसल, 27 जनवरी को बिजली कर्मियों ने सांकेतिक हड़ताल का निर्णय लिया था. विद्युत कामगार पदाधिकारी अभियंता संयुक्त संघर्ष मोर्चा के तत्वाधान में हड़ताल का आयोजन किया गया था. इस दौरान पटना के आयकर गोलंबर पर जमकर लाठियां चली थी. यहां पर कई अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की गई और कई लोगों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज हुई थी.

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विद्युत भवन, बिहार (फाइल फोटो)
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सुबह 6 बजे से रहेगी बिजली बाधित

संघ के नेता कपिल देव यादव ने कहा कि वे निजीकरण के खिलाफ हैं. उन्होंने बताया कि आज की तारीख में मात्र 6000 कर्मी ही विभाग में हैं. विद्युत कर्मी निजीकरण का विरोध कर रहे हैं. 11 फरवरी को बिहार में बिजली व्यवस्था ठप करने का फैसला लिया गया है. इस दिन सुबह 6 बजे से 12 तारीख की सुबह 6 बजे तक विद्युत कर्मी बेमियादी हड़ताल पर रहेंगे. जिस कारण बिजली व्यवस्था पूरी तरह ठप रहेगी. इसके लिए चरणबद्ध तैयारी कर ली गई है.

Intro:11 फरवरी को मेरा बिहार अंधेरे में डूबा रहेगा निजीकरण को लेकर बिजली कर्मियों ने आंदोलन छेड़ रखा है और 24 घंटे के लिए बेमियादी हड़ताल का फैसला लिया गया हड़ताल के दौरान पूरे बिहार में बिजली व्यवस्था पूरी तरह से ठप रहेगी


Body:सरकार और बिजली यूनियन के बीच तनाव
27 जनवरी को बिजली कर्मियों ने सांकेतिक हड़ताल का निर्णय लिया था और विद्युत कामगार पदाधिकारी अभियंता संयुक्त संघर्ष मोर्चा के तत्वाधान में हड़ताल का आयोजन किया गया था आयकर गोलंबर पर जमकर लाठियां चली थी यहां पर कई अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई कईयों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराए गए



Conclusion:संघ के नेता कपिल देव यादव ने कहा कि हम निजी करण के खिलाफ हैं और आज की तारीख में मात्र 6000 कर्मी ही विभाग में है। विद्युत कर्मी निजीकरण का विरोध कर रहे हैं 11 फरवरी को बिहार में बिजली व्यवस्था ठप करने का फैसला लिया गया है 11:00 फरवरी को सुबह 6:00 बजे से 12 तारीख को सुबह 6:00 बजे तक विद्युत कर्मी बेमियादी हड़ताल पर रहने और बिजली व्यवस्था पूरी तरह ठप रहेगी यूनियन के नेता कपिल देव यादव का कहना है कि हम लोगों ने चरणबद्ध लड़ाई की तैयारी कर ली है
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