पटना: बिहार सरकार (Bihar Government) शिक्षा (Education) को लेकर कितनी गंभीर है, इस बात का अंदाजा पटना के मीठापुर स्थित इग्नू (IGNOU) के क्षेत्रीय कार्यालय से लगा सकते हैं. दरअसल, इग्नू के पास विश्वविद्यालय (University) कार्यालय में जाने का अपना कोई रास्ता नहीं है. इस बाबत इग्नू की तरफ से कई बार राज्य सरकार को पत्र भी लिखा जा चुका है. मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
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बात दें कि इग्नू के क्षेत्रीय कार्यालय में पहुंचने का एकमात्र रास्ता चंद्रगुप्त इंस्टिट्यूट से होकर गुजरता है. लेकिन अब उसमें भी दिक्कत यह आ गई है कि चंद्रगुप्त इंस्टिट्यूट से इग्नू तक के लिए कोई पक्का रास्ता नहीं है. पहले से ही कच्चा रास्ता बना हुआ था, मगर अब बुडको के कारण परेशानी और ज्यादा बढ़ गई है. बुडको के द्वारा इस कच्चे रास्ते पर नाले का निर्माण किया जा रहा है और इस वजह से गहरी खुदाई की गई है. ऐसे में क्षेत्रीय कार्यालय में पहुंचने के लिए बड़ी कठिनाई से होते हुए लोग पैदल ही पहुंच पाते हैं.
पटना इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर अभिलाष नायक ने बताया कि लगभग 1 वर्षों से बुडको के द्वारा नाले का निर्माण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पूर्व में ही बुडको को यह एप्लीकेशन दिया था कि जब नाले का निर्माण शुरू हो तो एक वैकल्पिक रास्ता तैयार किया जाए, ताकि आसानी से इग्नू कार्यालय में आया जा सके.
निदेशक अभिलाष नायक ने बताया कि लगभग यह नाली का काम पीछे की तरफ काफी हद तक पूरा हो चुका है लेकिन इग्नू के क्षेत्रीय कार्यालय से लेकर चंद्रगुप्त इंस्टिट्यूट तक काम पूरा बाकी है और कोई वैकल्पिक रास्ता भी नहीं बनाया गया है. इस वजह से क्षेत्रीय कार्यालय में आने वाली महिला अधिकारियों को अपनी गाड़ी काफी दूर खड़ी करके पैदल केंद्र पर पहुंचना पड़ता है. उनके यहां एक दिव्यांग लड़की भी है जिसे कठिनाई बहुत ज्यादा होती है.
निदेशक डॉक्टर अभिलाष नायक ने बताया कि जब बारिश होती है तब स्थिति और ज्यादा बदतर हो जाती है. काफी पतला वैकल्पिक रास्ता उन लोगों की तरफ से आने जाने के लिए बनाया गया है. लेकिन बारिश के समय फिसलन काफी ज्यादा बढ़ जाती है. अभिलाष नायक ने बताया कि पास में जो 12- 15 फीट का गड्ढा बुडको द्वारा खोदा गया है. उसमें एक बार एक गाय गिर गई थी जिसके बाद कई लोगों की कड़ी मशक्कत से उस गाय को निकालना पड़ा था और इस बात की लिखित सूचना उन्होंने बुडको और पटना नगर निगम को तस्वीर के साथ दी थी.
अभिलाष नायक ने बताया कि बीते 2 जुलाई से वह इस रास्ते को लेकर फॉलोअप कर रहे हैं और लगातार बुडको से संपर्क कर रहे हैं मगर कोई सकारात्मक पहल अब तक नजर नहीं आया है. इग्नू के कई अधिकारी भी बुडको कार्यालय में जाकर पर्सनल लेवल पर अधिकारियों से इस समस्या को लेकर बात की है. लेकिन इसका कोई निदान नहीं निकला है.
उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय कार्यालय में 3 अगस्त मंगलवार से फाइनल सेमेस्टर और फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं. ऐसे में वह 1 महीने पहले ही बुडको को पत्र लिखकर अपील कर चुके थे कि जल्द से जल्द इस सड़क का निर्माण किया जाए या कोई वैकल्पिक रास्ता बनाया जाए, ताकि केंद्र पर परीक्षा देने आने वाले परीक्षार्थियों को तकलीफ ना उठानी पड़े खासकर जो दिव्यांग परीक्षार्थी हैं.
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अभिलाष नायक ने बताया कि इस सेंटर से एक लाख से अधिक छात्र जुड़े हुए हैं और कभी स्टडी मटेरियल के लिए तो कभी असाइनमेंट जमा करने के लिए तो कभी इंक्वायरी के लिए या परीक्षा देने के लिए छात्र आते रहते हैं. ऐसे में छात्रों को सड़क नहीं रहने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जिसको लेकर छात्रों ने कई बार शिकायत कर चुक है.
उन्होंने बताया कि आने वाले 1 महीने में 10 हजार से अधिक विभिन्न प्रोग्राम के छात्र परीक्षा देने पहुंचेंगे. जिनमें काफी संख्या में दिव्यांग छात्र भी शामिल हैं. ऐसे में वह एक बार फिर मीडिया के माध्यम से बुडको और नगर निगम के अधिकारियों से अपील करना चाहेंगे कि जल्द से जल्द इग्नू क्षेत्रीय कार्यालय से लेकर चंद्रगुप्त इंस्टिट्यूट के बीच रास्ता तैयार किया जाए ताकि परीक्षा देने आने वाले परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र पहुंचने में असुविधा ना हो.
बात दें कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) के अंतिम वर्ष और अंतिम सेमेस्टर के छात्रों की स्वतंत्र परीक्षा आज यानी 3 अगस्त 2021 से शुरू होने जा रहा है. यह परीक्षा 9 सितंबर 2021 तक चलेगी. परीक्षा को लेकर पूरे देश में विश्वविद्यालय ने कुल 735 परीक्षा केंद्र बनाए हैं. पटना क्षेत्रीय केंद्र के अधीन कुल 21 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. उनमें से 3 परीक्षा केंद्र पटना शहर और तीन परीक्षा केंद्र केंद्रीय कारागृह में बनाए गए हैं.
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