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पटना के दोनों म्यूजियम को जोड़ने की योजना पर बोले आर्थिक विशेषज्ञ- ये सरकारी धन का दुरुपयोग - आर्थिक विशेषज्ञ एन के चौधरी

नीतीश कुमार बिहार म्यूजियम और पटना म्यूजियम को अंडरग्राउंड रास्ते से जोड़ने की योजना बना रहे हैं. इसमें बड़ी राशि खर्च होगी. आर्थिक विशेषज्ञ एन के चौधरी ने कहा कि ये सरकारी धन का दुरुपयोग है.

nitish kumar
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Published : Aug 5, 2019, 10:24 AM IST

पटना: राजधानी पटना में दो म्यूजियम है. बिहार म्यूजियम का निर्माण हाल ही में पूरा हुआ है. जिस पर 800 करोड़ से भी अधिक राशि खर्च की गई है. वहीं, पटना म्यूजियम ब्रिटिश काल में बनाया गया है. अब नीतीश कुमार दोनों म्यूजियम को जोड़ने की योजना बना रहे हैं. इसके औचित्य पर भी सवाल खड़ा हो रहा है. आर्थिक विशेषज्ञ इसे सरकारी धन की बर्बादी बता रहे हैं.

बिहार म्यूजियम निर्माण के समय से ही विवादों में रहा है. बेली रोड के ठीक बगल में बने म्यूजियम को नीतीश कुमार अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक बताते हैं. वह हमेशा कहते हैं कि यह विश्व के आधुनिक म्यूजियम में से एक है. लेकिन इस म्यूजियम के निर्माण में बड़ी राशि खर्च करने को लेकर नीतीश सरकार हमेशा निशाने पर रही है.

patna
एन के चौधरी, आर्थिक विशेषज्ञ

दोनों म्यूजियम को अंडरग्राउंड से जोड़ने की योजना
पटना में पहले से ही एक म्यूजियम है जो ब्रिटिश काल में बनाया गया था. इसका भवन भी काफी शानदार है लेकिन जितना सौंदर्यीकरण होना चाहिए उतना न तो म्यूजियम का किया गया और ना ही म्यूजियम परिसर का. अब मुख्यमंत्री दोनों म्यूजियम को अंडरग्राउंड रास्ते से जोड़ने की योजना बना रहे हैं. बता दें कि बिहार म्यूजियम का जब निर्माण शुरू हुआ था तो उसके औचित्य पर ही सवाल खड़े किये गये थे. मामला कोर्ट तक भी गया था. कोर्ट ने सख्त टिप्पणी भी की थी.

patna
नवल किशोर यादव, नेता, बीजेपी

'यह सरकारी धन का दुरुपयोग'
हाल ही में मुख्यमंत्री ने इसे लेकर बैठक भी की थी. बैठक में उप मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री के साथ सभी आला अधिकारी भी मौजूद थे. अंडरपास से दोनों म्यूजियम को जोड़ने में बड़ी राशि खर्च होगी. आर्थिक विशेषज्ञ एन के चौधरी ने इसके औचित्य पर सवाल खड़ा किया है और कहा है कि यह सरकारी धन का दुरुपयोग है.

पेश है रिपोर्ट

क्या कहते हैं बीजेपी नेता
वहीं बीजेपी विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने तंज कसते हुए कहा कि लोगों को स्मार्ट सिटी भी चाहिए. जब पटना को स्मार्ट बनाने की कोशिश की जा रही है तो लोग सवाल खड़े करने लगते हैं. इनका कहना है कि यदि दोनों म्यूजियम एक साथ जुड़ जाएगा तो लोगों को एक के साथ दूसरे म्यूजियम को देखने में सुविधा होगी. अंडरपास होने से ट्रैफिक से राहत मिलेगी.

अंडर ग्राउंड टनल होने से मेट्रो बनाने में होगी परेशानी
बिहार म्यूजियम के निर्माण पर नीतीश सरकार ने पानी की तरह पैसा बहाया है. अब पटना म्यूजियम से कई चीजें लाकर नए बिहार म्यूजियम में रखा जा रहा है. लेकिन भगवान बुद्ध का अस्थि कलश अभी भी पटना म्यूजियम में ही है. और ऐसी कई चीजें हैं जिसे देखने के लिए लोग पटना म्यूजियम जाते हैं. पटना में मेट्रो का भी निर्माण होना है. ऐसे में अंडर ग्राउंड टनल का निर्माण खर्चीला होने के साथ मेट्रो के लिए परेशानी भी पैदा कर सकता है.

पटना: राजधानी पटना में दो म्यूजियम है. बिहार म्यूजियम का निर्माण हाल ही में पूरा हुआ है. जिस पर 800 करोड़ से भी अधिक राशि खर्च की गई है. वहीं, पटना म्यूजियम ब्रिटिश काल में बनाया गया है. अब नीतीश कुमार दोनों म्यूजियम को जोड़ने की योजना बना रहे हैं. इसके औचित्य पर भी सवाल खड़ा हो रहा है. आर्थिक विशेषज्ञ इसे सरकारी धन की बर्बादी बता रहे हैं.

बिहार म्यूजियम निर्माण के समय से ही विवादों में रहा है. बेली रोड के ठीक बगल में बने म्यूजियम को नीतीश कुमार अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक बताते हैं. वह हमेशा कहते हैं कि यह विश्व के आधुनिक म्यूजियम में से एक है. लेकिन इस म्यूजियम के निर्माण में बड़ी राशि खर्च करने को लेकर नीतीश सरकार हमेशा निशाने पर रही है.

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एन के चौधरी, आर्थिक विशेषज्ञ

दोनों म्यूजियम को अंडरग्राउंड से जोड़ने की योजना
पटना में पहले से ही एक म्यूजियम है जो ब्रिटिश काल में बनाया गया था. इसका भवन भी काफी शानदार है लेकिन जितना सौंदर्यीकरण होना चाहिए उतना न तो म्यूजियम का किया गया और ना ही म्यूजियम परिसर का. अब मुख्यमंत्री दोनों म्यूजियम को अंडरग्राउंड रास्ते से जोड़ने की योजना बना रहे हैं. बता दें कि बिहार म्यूजियम का जब निर्माण शुरू हुआ था तो उसके औचित्य पर ही सवाल खड़े किये गये थे. मामला कोर्ट तक भी गया था. कोर्ट ने सख्त टिप्पणी भी की थी.

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नवल किशोर यादव, नेता, बीजेपी

'यह सरकारी धन का दुरुपयोग'
हाल ही में मुख्यमंत्री ने इसे लेकर बैठक भी की थी. बैठक में उप मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री के साथ सभी आला अधिकारी भी मौजूद थे. अंडरपास से दोनों म्यूजियम को जोड़ने में बड़ी राशि खर्च होगी. आर्थिक विशेषज्ञ एन के चौधरी ने इसके औचित्य पर सवाल खड़ा किया है और कहा है कि यह सरकारी धन का दुरुपयोग है.

पेश है रिपोर्ट

क्या कहते हैं बीजेपी नेता
वहीं बीजेपी विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने तंज कसते हुए कहा कि लोगों को स्मार्ट सिटी भी चाहिए. जब पटना को स्मार्ट बनाने की कोशिश की जा रही है तो लोग सवाल खड़े करने लगते हैं. इनका कहना है कि यदि दोनों म्यूजियम एक साथ जुड़ जाएगा तो लोगों को एक के साथ दूसरे म्यूजियम को देखने में सुविधा होगी. अंडरपास होने से ट्रैफिक से राहत मिलेगी.

अंडर ग्राउंड टनल होने से मेट्रो बनाने में होगी परेशानी
बिहार म्यूजियम के निर्माण पर नीतीश सरकार ने पानी की तरह पैसा बहाया है. अब पटना म्यूजियम से कई चीजें लाकर नए बिहार म्यूजियम में रखा जा रहा है. लेकिन भगवान बुद्ध का अस्थि कलश अभी भी पटना म्यूजियम में ही है. और ऐसी कई चीजें हैं जिसे देखने के लिए लोग पटना म्यूजियम जाते हैं. पटना में मेट्रो का भी निर्माण होना है. ऐसे में अंडर ग्राउंड टनल का निर्माण खर्चीला होने के साथ मेट्रो के लिए परेशानी भी पैदा कर सकता है.

Intro:पटना-- राजधानी पटना में दो म्यूजियम है बिहार म्यूजियम का निर्माण हाल ही में पूरा हुआ है और जिस पर 800 करोड़ से भी अधिक राशि खर्च किया गया है तो वही पटना म्यूजियम ब्रिटिश काल में बनाया गया है और अपनी शानदार भवन के लिए हमेशा चर्चा में भी रहता है । देश के सबसे पुराने म्यूजियम में से एक है। बिहार म्यूजियम का जब निर्माण शुरू हुआ था तो उसके औचित्य पर ही सवाल खड़ा किया गया था मामला कोर्ट तक भी गया था। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी भी की थी। अब एक बार फिर से नीतीश कुमार दोनों म्यूजियम को जोड़ने की योजना बना रहे हैं और इसके औचित्य पर भी सवाल खड़ा हो रहा है। आर्थिक विशेषज्ञ इसे सरकारी धन की बर्बादी बता रहे हैं वहीं बीजेपी नेता तंज कसते हुए बयान दे रहे हैं।
पेश है खास रिपोर्ट---


Body: बिहार म्यूजियम निर्माण के समय से ही विवादों में रहा है बेली रोड के ठीक बगल में बने म्यूजियम को नीतीश कुमार अपनी ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक बताते हैं और हमेशा यही कहते हैं कि यह विश्व के आधुनिक म्यूजियम में से एक है लेकिन इस म्यूजियम में बड़ी राशि खर्च करने के सवाल पर नीतीश सरकार हमेशा निशाने पर रही है क्योंकि पटना में पहले से ही एक म्यूजियम है जिसका शानदार भवन है लेकिन जितना सौंदर्यीकरण होना चाहिए था म्यूजियम का नहीं किया गया और ना ही म्यूजियम परिसर का। लेकिन अब मुख्यमंत्री दोनों म्यूजियम को अंडरग्राउंड रास्ते से जोड़ने की योजना बना रहे हैं अभी हाल ही में मुख्यमंत्री ने इसको लेकर बैठक भी। बैठक में उप मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री के साथ सभी आला अधिकारी भी मौजूद थे इसके निर्माण पर बड़ी राशि खर्च होगी । आर्थिक विशेषज्ञ इसके औचित्य पर सवाल खड़ा करते हुए कह रहे हैं यह सरकारी धन का दुरुपयोग है।
बाईट--एन के चौधरी, आर्थिक विशेषज्ञ।
बीजेपी विधान पार्षद नवल यादव तंज कसते हुए कहते हैं एक तरफ स्मार्ट सिटी भी चाहिए और और स्मार्ट बनाने की कोशिश होती है जो लोग सवाल भी खड़ा करते हैं। नवल यादव का कहना है कि यदि दोनों म्यूजियम एक साथ जुड़ जाएगा तो लोगों को एक के साथ दूसरा म्यूजियम देखने की भी सुविधा हो जाएगी ट्रैफिक से राहत मिलेगा और निर्माण होगा तो राशि खर्च होगी ही।
बाईट--नवल यादव, बीजेपी विधानपार्षद।



Conclusion: बिहार म्यूजियम के निर्माण पर नीतीश सरकार ने पानी की तरह पैसा बहाया है अब पटना म्यूजियम से कई चीजें लाकर नए बिहार म्यूजियम में रखा जा रहा है लेकिन भगवान बुद्ध का अस्थि कलश अभी भी पटना म्यूजियम में है और कई ऐसी चीजें हैं जिसे लोग देखने पहुंचते हैं। पटना में मेट्रो का भी निर्माण होना है ऐसे में अंडर ग्राउंड टनल का निर्माण खर्चीला के साथ मेट्रो के लिए परेशानी भी पैदा कर सकता है लेकिन योजना पर अभी चर्चा ही शुरू हुई है देखना है इस योजना को कब तक नीतीश कुमार जमीन पर उतारते हैं ।
अविनाश, पटना।
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