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पटना: नौवीं शताब्दी की कुबेर की मूर्ति को पटना संग्रहालय में सुरक्षित रखा गया - patna news update

पटना के तारामंडल के ठीक बगल में स्थित एक हनुमान मंदिर की सीढ़ियों पर नौवीं शताब्दी की भगवान कुबेर की मूर्ति मिली है. मूर्ति को पटना संग्रहालय में सुरक्षित रख लिया गया है.

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Published : May 31, 2021, 12:20 PM IST

पटना: राजधानी पटना (Patna) के एक मंदिर की सीढ़ियों से मिली नौवीं शताब्दी (9th Century Statue) की भगवान कुबेर की मूर्ति को पटना संग्रहालय (Patna Museum) में सुरक्षित रखा गया. यह मूर्ति पटना के गार्डिनर अस्पताल और तारामंडल के ठीक बगल में स्थित एक हनुमान मंदिर की सीढ़ियों पर रखी मिली थी.

पटना संग्रहालय के अपर निदेशक डॉ. विमल तिवारी ने बताया कि मंदिर के सेवक संजय कुमार को यह मूर्ति मंदिर के पीछे पेड़ के नीचे पड़ी मिली थी. उन्होंने इस मूर्ति को उठाकर हनुमान मंदिर की सीढ़ियों पर रख दिया था.

ये भी पढ़ें : मधुबनीः मिट्टी खोदने के दौरान मिली सात सौ साल पुरानी ग्रेनाइट पत्थर से निर्मित देवी-देवताओं की मूर्ति

जांच में पता चला- नौवीं शताब्दी की है मूर्ति
इसी बीच पटना संग्रहालय के डॉ. शंकर सुमन को इसकी जानकारी मिली. वे बिहार म्यूजियम के क्यूरेटर डॉ. रणवीर सिंह राजपूत, पटना संग्रहालय के अपर निदेशक डॉ. विमल तिवारी और अन्य लोगों के साथ इसे देखने व जांच पड़ताल करने पहुंचे. जांच में पता चला कि यह मामूली मूर्ति नहीं है बल्कि अनमोल धरोहर है.

इसके बाद मंदिर के सेवक संजय कुमार से आग्रह किया गया कि वे इस मूर्ति को पटना संग्रहालय को सौंप दें. कुमार ने यह आग्रह स्वीकार कर लिया और मूर्ति को पटना संग्रहालय में सुरक्षित रख लिया गया है.

मूर्ति को जल्द प्रदर्शित किया जाएगा
पटना संग्रहालय के अपर निदेशक डॉ. विमल तिवारी ने बताया कि मूर्ति की लंबाई 40 सेंटीमीटर, चौड़ाई 22 सेंटीमीटर और मोटाई 10 सेंटीमीटर है. उन्होंने बताया कि मूर्ति को संग्रहालय में रजिस्टर कर लिया गया है. जल्द ही इसे दर्शकों के लिए से प्रदर्शित भी किया जाएगा.

पटना: राजधानी पटना (Patna) के एक मंदिर की सीढ़ियों से मिली नौवीं शताब्दी (9th Century Statue) की भगवान कुबेर की मूर्ति को पटना संग्रहालय (Patna Museum) में सुरक्षित रखा गया. यह मूर्ति पटना के गार्डिनर अस्पताल और तारामंडल के ठीक बगल में स्थित एक हनुमान मंदिर की सीढ़ियों पर रखी मिली थी.

पटना संग्रहालय के अपर निदेशक डॉ. विमल तिवारी ने बताया कि मंदिर के सेवक संजय कुमार को यह मूर्ति मंदिर के पीछे पेड़ के नीचे पड़ी मिली थी. उन्होंने इस मूर्ति को उठाकर हनुमान मंदिर की सीढ़ियों पर रख दिया था.

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जांच में पता चला- नौवीं शताब्दी की है मूर्ति
इसी बीच पटना संग्रहालय के डॉ. शंकर सुमन को इसकी जानकारी मिली. वे बिहार म्यूजियम के क्यूरेटर डॉ. रणवीर सिंह राजपूत, पटना संग्रहालय के अपर निदेशक डॉ. विमल तिवारी और अन्य लोगों के साथ इसे देखने व जांच पड़ताल करने पहुंचे. जांच में पता चला कि यह मामूली मूर्ति नहीं है बल्कि अनमोल धरोहर है.

इसके बाद मंदिर के सेवक संजय कुमार से आग्रह किया गया कि वे इस मूर्ति को पटना संग्रहालय को सौंप दें. कुमार ने यह आग्रह स्वीकार कर लिया और मूर्ति को पटना संग्रहालय में सुरक्षित रख लिया गया है.

मूर्ति को जल्द प्रदर्शित किया जाएगा
पटना संग्रहालय के अपर निदेशक डॉ. विमल तिवारी ने बताया कि मूर्ति की लंबाई 40 सेंटीमीटर, चौड़ाई 22 सेंटीमीटर और मोटाई 10 सेंटीमीटर है. उन्होंने बताया कि मूर्ति को संग्रहालय में रजिस्टर कर लिया गया है. जल्द ही इसे दर्शकों के लिए से प्रदर्शित भी किया जाएगा.

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