पटना : गुरुवार को NIA ने बिहार के पांच जिलों में संदिग्धों के 10 ठिकानों पर गहनता से तलाशी ली. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस संबंध में एक प्रेस रिलीज भी जारी किया और बरामद सामानों के बारे में दावा भी किया. यह छापेमारी PFI से जुड़े मामले में की गई है. इस संबंध में NIA ने मामला दर्ज कर कार्रवाई भी तेज कर दी है. छापेमारी में टीम को मौके से कई संदिग्धों के पास से डिजिटल डिवाइस और लिटरेचर मिले हैं. प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर NIA नई जानकारी जुटाने में लगी हुई है. गौरतलब है कि फुलवारीशरीफ थाने में दर्ज पीएफआई और गजवा-ए-हिंद (Ghazwa e Hind) जिहादी मॉड्यूल के दोनों मामले को एनआईए ने पूरी तरह से अपने हाथों में ले लिया है. पीएफआई से जुड़े टेरर मॉड्यूल की जांच अभी जारी है.
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दरभंगा में भी NIA की रेड: सबसे पहले टीम सुबह-सुबह दरभंगा (NIA Raid In Darbhanga) पहुंची थी, जहां सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र में (Singhwada Police Station) कई आरोपियों के घरों में छापेमारी की गई. वहीं, नालंदा जिला के बिहारशरीफ के सोहसराय महुआ टोला, लहेरी थाना के नदी मोड़ और बिहार थाना के गढ़पर मोहल्ला में भी एनआईए ने छापा मारा. यहां भी भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहे. इसके अलावा मोतिहारी और पटना में भी एनआईए आरोपी के घरों में जांच करने पहुंची हुई थी. इस मामले में गृह मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद अब एनआईए ने इसकी जांच शिद्दत से शुरू कर दी है.
कई जगहों पर एक साथ छापेमारीः एनआईए की टीम दरभंगा के सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र (Singhwada Police Station) के शंकरपुर निवासी मो. जाकिर के पुत्र मुस्तकीम और उसी गांव के सनाउल्लाह उर्फ आकिब और नूरुद्दीन जंगी के घर पर छापेमारी की है, तो पटना में आरोपी अतहर परवेज के घर पर छानबीन किया. वहीं मोतिहारी के चकिया के कुअवां गांव स्थित पीएफआई के जेनरल सेक्रेटरी रियाज मॉरुफ उर्फ बब्लू के घर की तलाशी ली गई. NIA की टीम वहां से दस्तावेज लेकर अपने साथ गई. फुलवारी शरीफ थाने में दर्ज पीएफआई (Popular Front of India) और गजवा ए हिंद (Ghazwa e Hind) जिहादी मॉड्यूल के दोनों मामले को एनआईए ने पूरी तरह से अपने हाथों में ले लिया है. यही वजह है कि टीम ने एक साथ तमाम आरोपियों को घरों की तालाशी शुरू कर दी है, ताकि इस मामले में अहम जानकारियां टीम के हाथ लग सकें. जिसके आलोक में वो जांच को आगे बढ़ाएगी.
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अब सिर्फ एनआईए ही देखेगी मामलाः बता दें कि गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद कहीं ना कहीं एनआईए के द्वारा गजवा ए हिंद के साथ-साथ मिशन 2047 पर खास जोर दिया जा रहा है. एनआईए के द्वारा मिशन 2047 का क्या मकसद था और इसमें कौन-कौन लोग किस किस देश से जुड़े हुए हैं, सभी बिंदुओं पर जांच की शुरुआत कर दी गई है. बताया जाता कि मामले को अब सिर्फ एनआईए ही देखेगी. जरूरत के हिसाब से पटना पुलिस, एटीएस अब जांच में सिर्फ सहयोग करेगी.
संदिग्धों से पूछताछ करेगी NIA : इससे पहले पटना पुलिस और एटीएस इस मामले में गिरफ्तार अभियुक्त मोहम्मद जलालुद्दीन, अतहर परवेज, नुरुद्दीन जंगी और मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर चुकी है और इनसे पूछताछ के दौरान कई तरह के साक्ष्य भी इकट्ठा किये गए हैं. अब मिल रही जानकारी के अनुसार एनआईए द्वारा इस मामले को टेक ओवर करने के बाद एनआईए फिर से इन चारों को रिमांड पर लेकर अपने स्तर से पूछताछ करेगी. उम्मीद जताई जा रही है कि एनआईए इस मामले का जल्द से जल्द खुलासा कर सकती है.
क्या है मिशन 2047?: 2047 तक इंडिया इस्लामिक देश (Mission Islam 2047) बनाने की योजना है. भारत को मुस्लिम राष्ट्र (Plan To Make India An Islamic State) बनाने की साजिश के लिए इन लोगों ने 7 पेज का एक्शन प्लान (PFI Seven Page Plan) बनाया था जिसमें लिखा था, 10% मुस्लिम साथ दे तो बहुसंख्यक घुटनों पर आ जाएंगे. उनकी योजना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से दलित ओबीसी को अलग करने की थी. इस मामले में अब तक 8 संदिग्ध गिरफ्तार हो चुके है. अब 18 लोगों की एनआईए को तलाश है. अब तक मोहम्मद जलालुद्दीन, अतहर परवेज, अरमान मलिक, ताहिर अहमद, शब्बिर मलिक, शमीम अख्तर और इलियास ताहिर उर्फ मरगूब को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें से तीन की पहले गिरफ्तारी हुई थी और जांच के दौरान और चार लोगों को पकड़ा गया था.
पीएम के पटना दौरे से पहले हुई थी गिरफ्तारी: दरअसल, इस पूरे मामले की भनक पुलिस को तब लगी जब 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे से पहले 11 जुलाई को फुलवारी शरीफ में संदिग्ध अतहर परवेज और जलालुद्दीन को पकड़ा गया. ये लोग दो महीने से पीएम मोदी के आगमन को लेकर किसी बड़ी साजिश का षड्यंत्र रच रहे थे. FIR में दर्ज बयान के आधार पर बताया गया कि बहुत से लोग पीएम के आगमन को लेकर बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए जुटे हैं. पिछली 6-7 जुलाई को भी इन लोगों ने गुप्त मीटिंग की थी जिसमें अनजान लोगों का आना जाना हुआ था. यानी दोनों की साजिश के तार काफी गहरे दिख रहे थे. प्रधानमंत्री आगमन को लेकर आईबी के अलर्ट के बाद IB द्वारा मिली रिपोर्ट के आधार पर इन दोनों को गिरफ्तार किया गया था. जब इस मामले की जांच जब आगे बढ़ी तो बिहार में एक बड़े आतंकी साजिश का खुलासा हुआ. अब NIA इन सभी आरोपियों का चिट्ठा जांच में खंगालेगी.