पटना: सहरसा जेल में बंद पूर्व सांसद आनंद मोहन (former MP Anand Mohan) के खगड़िया सर्किट हाउस में ठहरने के मामले में नया खुलासा हुआ है. एसपी की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि आनंद मोहन वाकई जेल से बाहर घूमते रहे. वह खगड़िया के सरकारी गेस्ट हाउस में भी रुके थे. सरकारी गेस्ट हाउस में रुकने के अलावा समस्तीपुर के मुसरीघरारी में भी रुके थे. एसपी ने अपनी रिपोर्ट में यह सारी बात कही है. एसपी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि खगड़िया के सर्किट हाउस में रुकने के बाद अगली सुबह आनंद मोहन खगड़िया के आरजेडी ऑफिस भी गए थे.
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आनंद मोहन प्रकरण में नया खुलासा: 11 अगस्त से लेकर 13 अगस्त के बीच की ये सारी घटनाएं हैं. स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर आनंद मोहन जेल के बाहर घूमते रहे. रिपोर्ट में यह कहा गया है कि मीडिया में आनंद मोहन को लेकर प्रसारित खबर को देखने के बाद जांच के निर्देश के बाद यह सब सामने आया है. आनंद मोहन की पटना में घूमने वाली तस्वीर देखने के बाद मीडिया में खबरें चलने लगीं. इसके बाद सूत्रों के हवाले से पता चला कि वो खगड़िया सर्किट हाउस में रुके थे.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सर्किट हाउस के केयरटेकर अशोक कुमार ने कहा था कि 12 अगस्त की रात में 11:55 मिनट पर चेतन आनंद यहां आए थे. आनंद मोहन उस दिन नहीं आए थे. तीन कमरा बुक था. एक कमरे में चेतन आनंद खुद सोए थे. एक कमरे में उनके दो कार्यकर्ता सोए थे. एक कमरे में उनका बॉडीगार्ड सोया आया था. अशोक कुमार ने कहा कि चेतन आनंद के साथ एक पुलिस स्कॉट था. जिसमें पांच पुलिसकर्मी थे. पांचों पुलिसकर्मी सर्किट हाउस में पीछे एनेक्सी में सोए थे. चेतन आनंद 13 तारीख की सुबह 10 बजे यहां से चले गए थे.
इसके बाद आनंद मोहन की सर्किट हाउस में ठहरने की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर आ गई जिससे यह स्पष्ट हो गया कि वो सर्किट हाउस में रुके थे. इसको लेकर जांच की गई. डीएम ने भी पुष्टि कर दी थी. अब एसपी की रिपोर्ट में कई चीजों का खुलासा हुआ है. बता दें कि इस मामले में छह पुलिसकर्मियों को सस्पेंड भी किया जा चुका है.
उठ रहे हैं कई सवालः आपको बताएं कि आनंद मोहन के सर्किट हाउस में रुकने को लेकर खगड़िया डीएम आलोक रंजन घोष (Khagaria DM Alok Ranjan Ghosh) ने एडीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की है. उन्होंने कहा कि यदि ऐसा हुआ है तो गलत हुआ है. जिसके नाम से कमरा बुक था, उसी को ठहरना था. पूरे मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी. बहरहाल, साफतौर पर समझा जा सकता है कि किस तरह से लापरवाही हुई है. सर्किट हाउस की जवाबदेही सीधे डीएम के पास होती है और कौन व्यक्ति उसमें ठहरेंगे उसका निर्णय भी डीएम लेते हैं. हालांकि एनडीसी की निगरानी में सर्किट हाउस का संचालन होता है. अब देखना यह है कि जांच के आदेश तो दिए गये हैं, लेकिन कार्रवाई किस पर होगी? क्या एनडीसी जांच के घेरे में है?
सर्किट हाउस मामले में लगा पेचः खगड़िया के सर्किट हाउस के रजिस्ट्रर में आरजेडी विधायक चेतन आनंद (RJD MLA Chetan Anand) और आरजेडी नेता लवली आनंद (RJD leader Lovely Anand) के नाम पर तीन कमरा 2, 3 और 5 को बुक बताया जा रहा है. रजिस्टर में 12 अगस्त की रात 12 बजे से सुबह के दस बजे तक तीन कमरा को बुक किया गया है, लेकिन उसमें पूर्व सांसद आनंद मोहन आकर रुके थे. आनंद मोहन आरजेडी के जिला अध्यक्ष कुमार रंजन, आरजेडी नेता मनोहर यादव समेत आरजेडी कार्यक्रताओं से भी सर्किट हाउस में मिले. इस दौरान आरजेडी कार्यकर्ताओं ने अपने फेसबुक एकाउंट पर भी आनंद मोहन से मिलते हुए फोटो को पोस्ट किया है. ऐसे में कई सवाल सर्किट हाउस को बुक करने को लेकर उठ रहे हैं. इस बाबत केयर टेकर के बयान से ऐसा लगा की वह आनंद मोहन को पहचानता तक नहीं है.
रक्षाबंधन के दिन पेशी के लिए आये थे पटनाः दरअसल, आनंद मोहन को एक मामले में पेशी के लिए रक्षाबंधन के दिन यानी 12 अगस्त को कड़ी सुरक्षा के बीच सहरसा जेल से पटना लाया गया था लेकिन वापस सीधे जेल जाने के बजाय वे पटना के पाटलिपुत्र कालोनी स्थित अपने निजी आवास पहुंच (Anand Mohan Meets his Family During Jailed) गए. यहां उन्होंने समर्थकों के साथ बैठक की, फिर दारोगा राय पथ स्थित विधायक कालोनी में गए. इसका खुलासा तब हुआ जब समर्थकों ने उनके साथ की वीडियो और फोटो शेयर करनी शुरू कर दी. इस मामले में सहरसा जेल के 6 पुलिसकर्मी सस्पेंड हो गए हैं.
डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड में आनंद मोहन सजायाफ्ता: इस मामले में आनंद मोहन को जेल गये थे. निचली अदालत ने 2007 में उन्हें मौत की सजा सुना दी. बताया जाता है कि आनंद मोहन देश के पहले पूर्व सांसद और पूर्व विधायक हुए, जिन्हें मौत की सजा मिली थी. हालांकि, दिसंबर 2008 में पटना हाईकोर्ट ने उनके मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी जुलाई 2012 में पटना हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. डीएम हत्याकांड में वे सजा पहले ही पूरी कर चुके हैं.
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