तिरुवनंतपुरम: केरल के तिरुवनंतपुरम में एक विशेष फास्ट-ट्रैक कोर्ट ने नाबालिग छात्रा से बलात्कार के आरोप में 44 वर्षीय ट्यूशन टीचर को 111 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. जानकारी के मुताबिक छात्रा के माता-पिता ने फोर्ट पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी.
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने बताया कि यह घटना तब सामने आई जब लड़की ने डर के मारे अपनी ट्यूशन क्लास जाना बंद कर दिया. बाद में लड़की के माता-पिता ने फोर्ट पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. नाबालिग लड़की के साथ अपने पति के दुर्व्यवहार के बारे में जानने के बाद दोषी की पत्नी ने आत्महत्या कर ली.
मुकदमे के दौरान शिक्षक ने दावा किया कि वह घटना के दौरान काम पर मौजूद था और उसने हस्ताक्षर के साथ रजिस्टर छुट्टी रिकॉर्ड भी पेश किया.विशेष लोक अभियोजक आर एस विजय मोहन और आर वी अखिलेश के नेतृत्व में अभियोजन पक्ष ने उसके फोन से कॉल रिकॉर्ड पेश किए, जिससे साबित हुआ कि घटना के दौरान वह ट्यूशन सेंटर के पास था.
कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया
अपने फैसले में विशेष फास्ट-ट्रैक कोर्ट की जज आर रेखा ने कहा कि शिक्षक को बच्चे का अभिभावक माना जाता था, लेकिन उसने ऐसा अपराध किया है जिसके लिए कोई दया नहीं की जा सकती. कोर्ट ने उस पर एक लाख रुपये से ज्यादा का जुर्माना भी लगाया , जिसे अदा न करने पर उसे एक साल की अतिरिक्त कैद होगी.
नवंबर इसी तरह का अपराध
इससे पहले नवंबर में बेंगलुरु में इसी तरह की एक घटना में एक 22 वर्षीय शारीरिक शिक्षा शिक्षक को 17 वर्षीय छात्रा के साथ कथित रूप से बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.पीड़िता ने कहा कि शिक्षक ने कथित तौर पर नाबालिग को एक महीने पहले देवरायण दुर्गा हिल में जाने के लिए बहला-फुसलाया और फिर उसे तुमकुर के एक लॉज में ले गया, जहां उसने उसके साथ मारपीट की.
आरोपी ने पीड़िता को 10 दिन बाद अपने घर ले जाकर फिर से उसके साथ बलात्कार किया. इसके बाद उसने कथित तौर पर उसे धमकी दी कि अगर उसने घटना के बारे में बताया तो वह उसे जान से मार देगा.