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सड़कों की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए नेटवर्क सर्वे व्‍हीकल का होगा उपयोग, यात्रियों को होगी सुविधा

पथ निर्माण विभाग ने सड़कों के मेंटेनेंस की स्थिति को और अधिक प्रभावकारी ढ़ंग से निगरानी के लिए नेटवर्क सर्वे व्हीकल के माध्यम से सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया है. यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के दृष्टिगत सड़कों की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए नेटवर्क सर्वे व्‍हीकल का उपयोग करना अनिवार्य बना दिया गया है.

Network Survey Vehicle
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Published : May 8, 2021, 10:12 PM IST

पटना: नेटवर्क सर्वे व्हीकल आधुनिक तकनीक आधारित वाहन है जिसमें हाई रेजोल्‍यूशन कैमरे लगे रहते हैं. यह वाहन की सतह के रखरखाव की स्थिति, पथ के फ्लैक के रखरखाव की स्थिति, पथ में पॉट होल्स की स्थिति, ऐज ड्रॉप आदि सभी प्रकार के मानक सेवा स्तरों का डिजिटल स्वरूप में कैप्चर करता है और उसके आधार पर रिपोर्ट तैयार किया जाता है. इसके जरिये प्रति किलोमीटर किस किस स्थान पर होल्स हैं, कहां-कहां संधारण में कमी है, इस सब का लेजर आधारित डिजिटल एविडेंस तैयार होता है.

यह भी पढ़ें- पप्पू यादव ने खोली पोल 'सांसद फंड वाली एंबुलेंस' से बालू की ढुलाई करवा रहे रूडी

नेटवर्क सर्वे व्हीकल के माध्यम से सर्वेक्षण
पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. प्रेस विज्ञप्ति अनुसार पथ निर्माण विभाग की सड़कों का 7 वर्षीय दीर्घकालीन मेंटेनेंस हो रहा है. एजेंसी द्वारा पथों के मेंटेनेंस की स्थिति का तटस्थ मूल्यांकन सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने नेटवर्क सर्वे व्हीकल लगाने का निर्णय लिया है. विभाग में इसके लिए निविदा जारी करने की कार्रवाई शुरू हो गयी है.

41 कंसल्टेंसी फर्मों की सूची जारी
उल्लेखनीय है कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार ने नेटवर्क सर्वे व्हीकल में दक्षता हासिल करने वाले 41 कंसल्टेंसी फर्मों की सूची जारी की है. इन फर्मों से वित्तीय निविदा प्राप्त की जाएगी. इस मूल्यांकन में यदि किसी पैकेज में पथों के मेंटेनेंस की स्थिति कमजोर पाई जाएगी तो संबंधित संवेदक पर कड़ा वित्तीय दंड लगाया जा सकेगा. साथ ही साथ मेंटेनेंस के लिए जिम्मेदार अभियंताओं पर जिम्मेदारी निर्धारित की जा सकेगी.

सड़क की क्वालिटी की जाएगी बेहतर
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार सड़कों के मेंटेनेंस पर एक बड़ी धनराशि खर्च कर रही है. मुख्यमंत्री ने सड़कों के संधारण को बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के अंतर्गत शामिल किया है. इस प्रकार यदि किसी पक्ष में मेंटेनेंस की स्थिति कमजोर होगी तो मेंटेनेंस के लिए जिम्मेदार अभियंताओं एवं संदेशों पर वित्तीय दंड के साथ-साथ कड़ी अनुशासनिक और कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी.

प्रेस विज्ञप्ति जारी
पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि 'विभागीय कार्यों की समीक्षा के दौरान विभागीय मंत्री नितिन नवीन द्वारा पथों के मेंटेनेंस की स्थिति के मूल्यांकन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी आधारित नेटवर्क सर्वे व्हीकल का उपयोग करने पर बल दिया था. उस क्रम में विभाग द्वारा यह कार्रवाई शुरू की गई है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा भी अपने पथों का नेटवर्क सर्वे व्हीकल के माध्यम से अध्ययन कराने के दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.

पटना: नेटवर्क सर्वे व्हीकल आधुनिक तकनीक आधारित वाहन है जिसमें हाई रेजोल्‍यूशन कैमरे लगे रहते हैं. यह वाहन की सतह के रखरखाव की स्थिति, पथ के फ्लैक के रखरखाव की स्थिति, पथ में पॉट होल्स की स्थिति, ऐज ड्रॉप आदि सभी प्रकार के मानक सेवा स्तरों का डिजिटल स्वरूप में कैप्चर करता है और उसके आधार पर रिपोर्ट तैयार किया जाता है. इसके जरिये प्रति किलोमीटर किस किस स्थान पर होल्स हैं, कहां-कहां संधारण में कमी है, इस सब का लेजर आधारित डिजिटल एविडेंस तैयार होता है.

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नेटवर्क सर्वे व्हीकल के माध्यम से सर्वेक्षण
पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. प्रेस विज्ञप्ति अनुसार पथ निर्माण विभाग की सड़कों का 7 वर्षीय दीर्घकालीन मेंटेनेंस हो रहा है. एजेंसी द्वारा पथों के मेंटेनेंस की स्थिति का तटस्थ मूल्यांकन सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने नेटवर्क सर्वे व्हीकल लगाने का निर्णय लिया है. विभाग में इसके लिए निविदा जारी करने की कार्रवाई शुरू हो गयी है.

41 कंसल्टेंसी फर्मों की सूची जारी
उल्लेखनीय है कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार ने नेटवर्क सर्वे व्हीकल में दक्षता हासिल करने वाले 41 कंसल्टेंसी फर्मों की सूची जारी की है. इन फर्मों से वित्तीय निविदा प्राप्त की जाएगी. इस मूल्यांकन में यदि किसी पैकेज में पथों के मेंटेनेंस की स्थिति कमजोर पाई जाएगी तो संबंधित संवेदक पर कड़ा वित्तीय दंड लगाया जा सकेगा. साथ ही साथ मेंटेनेंस के लिए जिम्मेदार अभियंताओं पर जिम्मेदारी निर्धारित की जा सकेगी.

सड़क की क्वालिटी की जाएगी बेहतर
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार सड़कों के मेंटेनेंस पर एक बड़ी धनराशि खर्च कर रही है. मुख्यमंत्री ने सड़कों के संधारण को बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के अंतर्गत शामिल किया है. इस प्रकार यदि किसी पक्ष में मेंटेनेंस की स्थिति कमजोर होगी तो मेंटेनेंस के लिए जिम्मेदार अभियंताओं एवं संदेशों पर वित्तीय दंड के साथ-साथ कड़ी अनुशासनिक और कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी.

प्रेस विज्ञप्ति जारी
पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि 'विभागीय कार्यों की समीक्षा के दौरान विभागीय मंत्री नितिन नवीन द्वारा पथों के मेंटेनेंस की स्थिति के मूल्यांकन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी आधारित नेटवर्क सर्वे व्हीकल का उपयोग करने पर बल दिया था. उस क्रम में विभाग द्वारा यह कार्रवाई शुरू की गई है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा भी अपने पथों का नेटवर्क सर्वे व्हीकल के माध्यम से अध्ययन कराने के दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.

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