पटना : कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर बिहार में चल रहे कार्य पर लगातार सियासत हो रही है. एक तरफ जहां विपक्ष निशाना साध रहा है. वहीं, एनडीए में भी क्रेडिट लेने की सियासत हो रही है. गरीबों के राशन कार्ड को लेकर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने नीतीश सरकार के कामकाज पर सवाल खड़ा किया था. वहीं, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने भी लोगों को सही जानकारी नहीं देने पर नीतीश सरकार पर निशाना साधा था और यूपी सरकार की तारीफ की थी. जेडीयू खेमे में भी अपने सहयोगियों के रवैए से नाराजगी है.
सहयोगी भी नीतीश की बढ़ा रहे मुश्किल
बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है और यह 529 हो गया है. नीतीश सरकार कई तरह के राहत कार्यक्रम भी चला रही है. लेकिन प्रवासी बिहारियों और छात्रों को लेकर विपक्ष के निशाने पर भी रही है. एनडीए में भी सहयोगी बीजेपी और लोजपा नेताओं की नाराजगी नीतीश सरकार को झेलनी पड़ रही है.
एनडीए में नहीं रहना चाहिए नीतीश को - हम
बीजेपी के बिहार प्रदेश प्रवक्ता संजय जायसवाल ने कहा कि मुख्य सचिव मीडिया में आकर जानकारी नहीं देते हैं. इसके कारण कंफ्यूजन है और सोशल मीडिया पर लोग कुछ भी लिख दे रहे हैं. इससे प्रवासियों की मुश्किलें बढ़ी हुई है. सहयोगियों के रवैये से जेडीयू में भी नाराजगी है. जेडीयू एमएलसी गुलाम रसूल वलियाबी अपने ढंग से सहयोगियों को चेतावनी भी दे रहे हैं. वहीं, एनडीए में अंदर खाने में चल रहे हैं सियासत पर अब विपक्ष भी तंज कसने लगे हैं. जीतन राम मांझी की पार्टी के नेता विजय यादव का कहना है कि नीतीश कुमार को अपना स्वाभिमान गिरवी रखकर एनडीए में नहीं रहना चाहिए.
चुनावी साल में दबाव बनाने की सियासत
बिहार में इस साल चुनाव है. विपक्ष सरकार पर निशाना साध कर यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि गरीबों का हमदर्द है. सरकार कुछ नहीं कर पा रही है. तो वहीं एनडीए में एक तरफ केंद्र सरकार के कामकाज का क्रेडिट बीजेपी और लोजपा के लोग लेना चाह रहे हैं और दबाव बनाने के लिये नीतीश सरकार के कामकाज पर उंगली भी उठा रहे हैं.