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भक्त चरण दास के बहाने NDA का लालू पर हमला, 'दलितों के प्रति सोच दर्शाता है उनका आपत्तिजनक बयान' - कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास

जेडीयू नेता अशोक चौधरी (Ashok Chaudhary) ने कहा कि भक्त चरण दास (Bhakt Charan Das) पर आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) का आपत्तिजनक बयान बताता है कि वे दलितों का सम्मान नहीं करते हैं. वहीं, बीजेपी नेता निखिल आनंद ने कहा कि दरअसल लालू ऐसा बोलकर कांग्रेस के प्रति अपनी खीज निकाल रहे हैं.

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Published : Oct 24, 2021, 5:13 PM IST

पटना: कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास (Bhakt Charan Das) पर आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के आपत्तिजनक बयान के बाद बिहार की सियासत गरमा गई है. कांग्रेस के साथ-साथ एनडीए ने भी उन पर हमले तेज कर दिए हैं. बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी (Ashok Chaudhary) ने कहा कि राजनीति में वैचारिक मतभेद होते हैं, लेकिन किसी के मान-सम्मान को ठेस नहीं पहुंचाना चाहिए. वहीं, बीजेपी प्रवक्ता डॉ० निखिल आनंद ने कहा कि अब तो कम से कम कांग्रेस को सचेत हो जाना चाहिए कि आने वाले दिन में लालू को ज्यादा छेड़ा गया तो वे राहुल गांधी और सोनिया गांधी को भी किसी स्तर तक जाकर कुछ भी कह सकते हैं.

ये भी पढ़ें: भक्त चरणदास पर लालू का तीखा हमला, कहा- 'कैसा गठबंधन ? हारने के लिए कांग्रेस को सीट दे देते'

जेडीयू नेता और मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्तचरण दास को लेकर लालू यादव ने जिस आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया है, उससे साफ पता चलता है कि वे दलित विरोधी मानसिकता के नेता हैं. उनके लिए दलित समाज सिर्फ वोट बैंक है, उनमें मन में न तो दलितों के लिए और न ही दलित समाज के नेताओं के लिए किसी तरह की कोई इज्जत है.

देखें रिपोर्ट

"भक्तचरण दास के बारे में जो बातें लालू जी ने कही है, वो उनका दलितों के प्रति नकारात्मक और ओछी सोच को दिखाता है. राजद के लिए परिवार से बढ़कर और कुछ नहीं है. दलित उनके लिए सिर्फ एक वोट बैंक है. लालू प्रसाद के दलित विरोधी बयान की मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं"- अशोक चौधरी, मंत्री, भवन निर्माण विभाग

वहीं, बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री सह बिहार बीजेपी के प्रवक्ता डॉ० निखिल आनंद ने कहा कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव आज अगर राजनीति के रसातल में हैं तो कांग्रेस के कारण ही. यह सच है कि कांग्रेस के ही इशारे पर पहली बार सीबीआई जांच बैठी, कांग्रेस के ही कहने पर पहली बार चार्जशीट हुई और कांग्रेस के शासनकाल में ही पहली बार उनको जेल के सलाखों के पीछे पहुंचाया गया. सबसे दिलचस्प बात ये है कि लालू को राजनीतिक जीवन में चारा घोटाले में फंसने के बाद अगर किसी भी सदन में पहुंचने की थोड़ी-बहुत भी उम्मीद बची थी तो रही-सही कसर राहुल गांधी ने सदन में बिल फाड़कर पूरा कर दिया. बहुत दिनों से कांग्रेस की साजिश का दर्द झेल रहे लालू को पहली बार अपनी कुंठा अभिव्यक्ति का मौका मिला है.

निखिल आनंद ने आगे कहा कि अब आरजेडी के लोग राजनीति की दुकान चलाने के लिए भले कहते हैं कि लालू की स्थिति के लिए बीजेपी दोषी है, लेकिन हकीकत तो यही है कि लालू को राजनीति में इस स्थिति तक पहुंचाने का पूरा श्रेय कांग्रेस को जाता है और यह बात लालू भी भली-भांति जानते हैं. अब कांग्रेस की साजिश के भुक्तभोगी लालू की कुंठा तो देर-सवेर अभिव्यक्त होनी ही थी. उन्होंने कहा कि जाहिर है कि आरजेडी अध्यक्ष ने भक्त चरण दास जैसे कांग्रेस के बड़े नेता के लिए ऐसी ओछी भाषा का इस्तेमाल किया. अब तो कम से कम कांग्रेस को सचेत हो जाना चाहिए कि आने वाले दिन में लालू प्रसाद को ज्यादा छेड़ा गया तो वे राहुल गांधी और सोनिया गांधी को किस स्तर तक जाकर क्या कुछ कह सकते हैं.


ये भी पढ़ें: 'लालू यादव ने भक्त चरण दास पर आपत्तिजनक बयान देकर दलितों का अपमान किया'

बीजेपी नेता निखिल आनंद ने कांग्रेस-आरजेडी के संबंधों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इसमें कोई शक भी नहीं कि बिहार में कांग्रेस का वजूद 1990 के बाद से ही लालू यादव के पिछलग्गू की रही है और कांग्रेस के लोग राजनीति के लिए उनके बेटे तेजस्वी यादव तक का भी झोला-झंडा उठाते रहे, लेकिन हाल में कन्हैया कुमार के आने के बाद कांग्रेस को ऐसा लगता है जैसे कि उनको राजनीतिक पंख लग गया है और कांग्रेस अब आरजेडी को उसकी औकात बताने में लग गई है, क्योंकि कांग्रेस को पता है कि बिहार में आरजेडी के साथ चल कर उसका अलग वजूद स्थापित नहीं हो सकता है. कांग्रेस ने पहले लालू को राजनीतिक तौर पर निपटाया और अब उसका अगला मकसद तेजस्वी यादव को राजनीति में निपटा देना है.

पटना: कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास (Bhakt Charan Das) पर आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के आपत्तिजनक बयान के बाद बिहार की सियासत गरमा गई है. कांग्रेस के साथ-साथ एनडीए ने भी उन पर हमले तेज कर दिए हैं. बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी (Ashok Chaudhary) ने कहा कि राजनीति में वैचारिक मतभेद होते हैं, लेकिन किसी के मान-सम्मान को ठेस नहीं पहुंचाना चाहिए. वहीं, बीजेपी प्रवक्ता डॉ० निखिल आनंद ने कहा कि अब तो कम से कम कांग्रेस को सचेत हो जाना चाहिए कि आने वाले दिन में लालू को ज्यादा छेड़ा गया तो वे राहुल गांधी और सोनिया गांधी को भी किसी स्तर तक जाकर कुछ भी कह सकते हैं.

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जेडीयू नेता और मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्तचरण दास को लेकर लालू यादव ने जिस आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया है, उससे साफ पता चलता है कि वे दलित विरोधी मानसिकता के नेता हैं. उनके लिए दलित समाज सिर्फ वोट बैंक है, उनमें मन में न तो दलितों के लिए और न ही दलित समाज के नेताओं के लिए किसी तरह की कोई इज्जत है.

देखें रिपोर्ट

"भक्तचरण दास के बारे में जो बातें लालू जी ने कही है, वो उनका दलितों के प्रति नकारात्मक और ओछी सोच को दिखाता है. राजद के लिए परिवार से बढ़कर और कुछ नहीं है. दलित उनके लिए सिर्फ एक वोट बैंक है. लालू प्रसाद के दलित विरोधी बयान की मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं"- अशोक चौधरी, मंत्री, भवन निर्माण विभाग

वहीं, बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री सह बिहार बीजेपी के प्रवक्ता डॉ० निखिल आनंद ने कहा कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव आज अगर राजनीति के रसातल में हैं तो कांग्रेस के कारण ही. यह सच है कि कांग्रेस के ही इशारे पर पहली बार सीबीआई जांच बैठी, कांग्रेस के ही कहने पर पहली बार चार्जशीट हुई और कांग्रेस के शासनकाल में ही पहली बार उनको जेल के सलाखों के पीछे पहुंचाया गया. सबसे दिलचस्प बात ये है कि लालू को राजनीतिक जीवन में चारा घोटाले में फंसने के बाद अगर किसी भी सदन में पहुंचने की थोड़ी-बहुत भी उम्मीद बची थी तो रही-सही कसर राहुल गांधी ने सदन में बिल फाड़कर पूरा कर दिया. बहुत दिनों से कांग्रेस की साजिश का दर्द झेल रहे लालू को पहली बार अपनी कुंठा अभिव्यक्ति का मौका मिला है.

निखिल आनंद ने आगे कहा कि अब आरजेडी के लोग राजनीति की दुकान चलाने के लिए भले कहते हैं कि लालू की स्थिति के लिए बीजेपी दोषी है, लेकिन हकीकत तो यही है कि लालू को राजनीति में इस स्थिति तक पहुंचाने का पूरा श्रेय कांग्रेस को जाता है और यह बात लालू भी भली-भांति जानते हैं. अब कांग्रेस की साजिश के भुक्तभोगी लालू की कुंठा तो देर-सवेर अभिव्यक्त होनी ही थी. उन्होंने कहा कि जाहिर है कि आरजेडी अध्यक्ष ने भक्त चरण दास जैसे कांग्रेस के बड़े नेता के लिए ऐसी ओछी भाषा का इस्तेमाल किया. अब तो कम से कम कांग्रेस को सचेत हो जाना चाहिए कि आने वाले दिन में लालू प्रसाद को ज्यादा छेड़ा गया तो वे राहुल गांधी और सोनिया गांधी को किस स्तर तक जाकर क्या कुछ कह सकते हैं.


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बीजेपी नेता निखिल आनंद ने कांग्रेस-आरजेडी के संबंधों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इसमें कोई शक भी नहीं कि बिहार में कांग्रेस का वजूद 1990 के बाद से ही लालू यादव के पिछलग्गू की रही है और कांग्रेस के लोग राजनीति के लिए उनके बेटे तेजस्वी यादव तक का भी झोला-झंडा उठाते रहे, लेकिन हाल में कन्हैया कुमार के आने के बाद कांग्रेस को ऐसा लगता है जैसे कि उनको राजनीतिक पंख लग गया है और कांग्रेस अब आरजेडी को उसकी औकात बताने में लग गई है, क्योंकि कांग्रेस को पता है कि बिहार में आरजेडी के साथ चल कर उसका अलग वजूद स्थापित नहीं हो सकता है. कांग्रेस ने पहले लालू को राजनीतिक तौर पर निपटाया और अब उसका अगला मकसद तेजस्वी यादव को राजनीति में निपटा देना है.

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