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NIDJAM 2023 : देशभर के एथलीट का बिहार में लगा जमावड़ा, खेलो इंडिया के तहत गरीब बच्चों को भी मिला मौका

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Published : Feb 11, 2023, 2:54 PM IST

Updated : Feb 11, 2023, 4:28 PM IST

पूरे देशभर के एथलीट बिहार पहुंचे हैं. खेलो इंडिया के तहत गरीब बच्चों को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का सुनहरा मौका मिला है. राष्ट्रीय अंतर जिला जूनियर एथलेटिक्स मीट में खिलाड़ी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.

National Inter District Junior Athletics
National Inter District Junior Athletics

पाटलिपुत्र खेल परिसर में एथलेटिक्स मीट का आयोजन

पटना: राजधानी पटना में 10 फरवरी से दुनिया की सबसे बड़ी खेल प्रतिभा खोज प्रतियोगिता की शुरूआत हो गई है. राष्ट्रीय अंतर जिला जूनियर एथलेटिक्स मीट में देश भर के 599 जिलों से आए खिलाड़ियों ने शनिवार को भाग लिया. सुबह 8 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक पाटलिपुत्र खेल परिसर में खिलाड़ी अपना पसीना बहाते नजर आए. इसमे लॉग जंप, हाई जंप, शॉट पुट, जेवलीन थ्रो,डिस्कस थ्रो, दौड़, हर्डल रेस,हेक्साथलॉन,ट्राइथलॉन के खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिल रहा है.

पढ़ें-NIDJAM 2023 In Patna: मुख्यमंत्री ने कहा- बेहतर प्रदर्शन करने वाले बिहार के खिलाड़ियों की ग्रेड 1 में होगी बहाली

पाटलिपुत्र खेल परिसर में एथलेटिक्स मीट का आयोजन: बता दें कि देश भर से आए खिलाड़ियों के बीच पदक जीतने की होड़ मची है. एथेलेटिक्स के विभिन्न श्रेणियों की प्रतिस्पर्धा प्रातः 8 बजे से शुरू हो गयी. पटलिपुत्र खेल परिसर के इनडोर स्टेडियम में आए हुए सभी प्रतिभागियों के बायोमेट्रिक और उम्र परीक्षण के बाद एथेलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया और बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के विशेषज्ञों द्वारा खिलाड़ियों के बीच एंटी डोपिंग, अति प्रशिक्षण और खिलाड़ियों का शोषण और दुर्व्यवहार से बचाव पर ट्रेनिंग और सेमीनार का आयोजन किया गया.

चरम पर है गरीब खिलाड़ियों का उत्साह: गरीब बच्चों को भी इस दौरान खेलने का मौका मिल रहा है और उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है. रोहतास से आई एथलीट लोंग जंप की प्लेयर तानिया मिश्रा ने साफ तौर से बताया कि उसके पापा एडवोकेट हैं और वह कई वर्षों से खेलती आ रही हैं. लेकिन अब बिहार में खेल का आयोजन होने से कई प्रतिभाएं सामने आएंगी.

"मेरे पापा काफी सपोर्ट करते हैं और मम्मी भी काफी सपोर्ट करती हैं. मम्मी भी चाहती हैं कि बच्चे को जो करना है उसे करने दिया जाए. आगे इसी तरह खेलते खेलते मुझे एशियन गेम्स में जाना है."- तान्या मिश्रा, खिलाड़ी

"पापा चेन्नई की फैक्ट्री में काम करते हैं. घर से ऐसा कोई नहीं है जो प्रतिभा की बुराई करे. घर से कभी कोई परेशानी नहीं होती लेकिन समाज की तरफ से काफी मजबूरियां झेलनी पड़ती है. पहले के लोग लड़कियों को आगे नहीं बढ़ने देते थे लेकिन उसी तरह आज भी समाज में यह कुरीति भरी हुई है. लड़की और लड़कों में कोई अंतर नहीं है. लड़कियां हर मुकाम हासिल कर सकती हैं और समाज में इन्हें दो नजरों से नहीं देखना चाहिए. मेरा सपना है कि 2028 में जो ओलंपिक होने वाला है उसमें बिहार के बच्चे पूरी तरीके से हिस्सा लें और मेडल जीत कर लाएं." -सिमरन, खिलाड़ी

पाटलिपुत्र खेल परिसर में एथलेटिक्स मीट का आयोजन

पटना: राजधानी पटना में 10 फरवरी से दुनिया की सबसे बड़ी खेल प्रतिभा खोज प्रतियोगिता की शुरूआत हो गई है. राष्ट्रीय अंतर जिला जूनियर एथलेटिक्स मीट में देश भर के 599 जिलों से आए खिलाड़ियों ने शनिवार को भाग लिया. सुबह 8 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक पाटलिपुत्र खेल परिसर में खिलाड़ी अपना पसीना बहाते नजर आए. इसमे लॉग जंप, हाई जंप, शॉट पुट, जेवलीन थ्रो,डिस्कस थ्रो, दौड़, हर्डल रेस,हेक्साथलॉन,ट्राइथलॉन के खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिल रहा है.

पढ़ें-NIDJAM 2023 In Patna: मुख्यमंत्री ने कहा- बेहतर प्रदर्शन करने वाले बिहार के खिलाड़ियों की ग्रेड 1 में होगी बहाली

पाटलिपुत्र खेल परिसर में एथलेटिक्स मीट का आयोजन: बता दें कि देश भर से आए खिलाड़ियों के बीच पदक जीतने की होड़ मची है. एथेलेटिक्स के विभिन्न श्रेणियों की प्रतिस्पर्धा प्रातः 8 बजे से शुरू हो गयी. पटलिपुत्र खेल परिसर के इनडोर स्टेडियम में आए हुए सभी प्रतिभागियों के बायोमेट्रिक और उम्र परीक्षण के बाद एथेलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया और बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के विशेषज्ञों द्वारा खिलाड़ियों के बीच एंटी डोपिंग, अति प्रशिक्षण और खिलाड़ियों का शोषण और दुर्व्यवहार से बचाव पर ट्रेनिंग और सेमीनार का आयोजन किया गया.

चरम पर है गरीब खिलाड़ियों का उत्साह: गरीब बच्चों को भी इस दौरान खेलने का मौका मिल रहा है और उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है. रोहतास से आई एथलीट लोंग जंप की प्लेयर तानिया मिश्रा ने साफ तौर से बताया कि उसके पापा एडवोकेट हैं और वह कई वर्षों से खेलती आ रही हैं. लेकिन अब बिहार में खेल का आयोजन होने से कई प्रतिभाएं सामने आएंगी.

"मेरे पापा काफी सपोर्ट करते हैं और मम्मी भी काफी सपोर्ट करती हैं. मम्मी भी चाहती हैं कि बच्चे को जो करना है उसे करने दिया जाए. आगे इसी तरह खेलते खेलते मुझे एशियन गेम्स में जाना है."- तान्या मिश्रा, खिलाड़ी

"पापा चेन्नई की फैक्ट्री में काम करते हैं. घर से ऐसा कोई नहीं है जो प्रतिभा की बुराई करे. घर से कभी कोई परेशानी नहीं होती लेकिन समाज की तरफ से काफी मजबूरियां झेलनी पड़ती है. पहले के लोग लड़कियों को आगे नहीं बढ़ने देते थे लेकिन उसी तरह आज भी समाज में यह कुरीति भरी हुई है. लड़की और लड़कों में कोई अंतर नहीं है. लड़कियां हर मुकाम हासिल कर सकती हैं और समाज में इन्हें दो नजरों से नहीं देखना चाहिए. मेरा सपना है कि 2028 में जो ओलंपिक होने वाला है उसमें बिहार के बच्चे पूरी तरीके से हिस्सा लें और मेडल जीत कर लाएं." -सिमरन, खिलाड़ी

Last Updated : Feb 11, 2023, 4:28 PM IST
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