पटना: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के बावजूद इस साल बिहार में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highways Authority of India) ने देश में सबसे अधिक एनएच (National Highways) बनाने की तैयारी में है. 650 किमी लंबी सड़कों के निर्माण के लिए एजेंसियों को काम दिया गया है. सड़कों के निर्माण पर 15 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. इससे 30 हजार लोगों को काम मिलेगा.
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बिहार में वित्तीय वर्ष 2020-21 में एनएचएआई (NHAI) की ओर से 7 प्रमुख सड़कों के निर्माण के लिए बड़ी राशि खर्च हो रही है. इस पर 3792 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च होने वाली है. इस साल इस योजना पर काम शुरू हो जाएगा. जिन 7 प्रमुख सड़कों का निर्माण होना है एनएचएआई ने उन्हें 15 पैकेज में डिवाइड किया है. एनएचएआई की कई सड़कों का निर्माण लंबे समय से लटका हुआ था. उसमें सबसे प्रमुख पटना गया डोभी पथ है. इस योजना को भी प्रमुखता से एनएचएआई अब पूरा करने में लगा है.
"केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बिहार में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि सड़क और पुलों के निर्माण पर खर्च कर रही है. इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल रहा है. इंजीनियर से लेकर मजदूर तक के लिए रोजगार के मौके उपलब्ध हो रहे हैं."- नितिन नवीन, मंत्री, पथ निर्माण विभाग
"नीतीश सरकार का सबसे ज्यादा जोर सड़क निर्माण पर रहा है. एनएच से लेकर विभिन्न प्रकार के निर्माण कार्य हो रहे हैं. इससे बिहार के विकास को गति मिलेगी."- अभिषेक झा, प्रवक्ता, जदयू
"100 किलोमीटर सड़क निर्माण में 1200 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है. 1 हजार करोड़ की राशि सड़क निर्माण में खर्च करने पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 10 हजार लोगों को काम मिलता है. इस हिसाब से दो वित्तीय वर्ष में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बिहार में 2.5 लाख से अधिक लोगों को रोजगार केवल एनएच के निर्माण से प्राप्त होगा."- चंदन वत्स, क्षेत्रीय अधिकारी, एनएचएआई
बिहार में वित्तीय वर्ष 2020-21 में 649 किलोमीटर एनएच का निर्माण होगा. इस पर करीब 15 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. इससे 30 हजार लोगों को काम मिलेगा. वहीं, 2021-22 में 19 हजार करोड़ रुपये की लागत से 700 किलोमीटर एनएच का निर्माण होगा. इससे 40 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा.
2020-21 की सभी योजनाओं का काम एजेंसियों को दे दिया गया है. वहीं, 2021-22 की योजनाओं का काम एजेंसियों को देने की तैयारी हो रही है. कुछ जगह जमीन की समस्या है. बिहार सरकार की मदद से इसे दूर करने की कोशिश हो रही है. प्रमुख सड़कों के बन जाने के बाद बिहार से पड़ोसी राज्यों में आना जाना सुलभ हो सकेगा.
आरा मोहनिया पथ के निर्माण से बिहार और यूपी के बीच आवागमन आसान होगा. वहीं, बख्तियारपुर-रजौली पथ के निर्माण से बिहार झारखंड के बीच सफर आसान होगा. नरेनपुर पूर्णिया सड़क के बनने से सीमांचल के लोगों को लाभ होगा. यहां सड़कें खराब स्थिति में हैं. बिहार के कई जिलों को 15 हजार करोड़ रुपये की योजना से लाभ पहुंचेगा. उसमें नालंदा, नवादा, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, मुंगेर, भागलपुर, सासाराम, भोजपुर और पटना शामिल हैं.
बता दें कि बिहार में पिछले 20 साल में जितना एनएच का निर्माण किया गया है उतना केवल एक वित्तीय वर्ष में निर्माण किया जा रहा है. दो वित्तीय वर्ष में 1300 किलोमीटर से अधिक एनएच का निर्माण होना है. 2021-22 में 700 किलोमीटर की लंबाई में एनएच का निर्माण होना है. इसमें सबसे प्रमुख आमस दरभंगा एक्सप्रेस वे की योजना है.
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