पटना: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सहायक निदेशक गुलशन कुमार पहाड़िया ने पटना के डिविजनल कमिश्नर और पुलिस महानिरीक्षक को एक नोटिस भेजा है. इसमें 15 दिनों के अंदर जवाब देने को कहा है. यह नोटिस जातीय दुर्व्यवहार व उत्पीड़न मामले को लेकर भेजा गया है. एनसीएसी के नोटिस में यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि अगर आप 15 दिनों के अंदर इसका जवाब नहीं देते हैं तो आयोग भारत के संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत प्रदत्त सिविल न्यायालय की शक्ति का प्रयोग कर सकता है.
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डीएम से मिलने गए थे आप प्रवक्ता : नोटिस में बताया गया है कि जवाब नहीं देने पर दोनों अधिकारियों को व्यक्तिगत अथवा अपने प्रतिनिधि के माध्यम से आयोग के समक्ष उपस्थित होना पड़ सकता है. गौरतलब है कि विगत 23 मई को जब उत्तरी गली, गायघाट, पटना सिटी के निवासियों के साथ उनके पुनर्वास से संबंधित मामले पर जिलाधिकारी का मन्तव्य जानने के लिए आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता बबलू प्रकाश के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल पटना के जिलाधिकारी से मिलकर अपना पक्ष रखने गए थे. इसी समय का घटनाक्रम है जिसको लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने नोटिस भेजा है.
जिलाधिकारी ने दी थी जातिसूचक गालियां : आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता बबलू प्रकाश ने बताया कि उस दिन जिलाधिकारी ने अपना मन्तव्य देने के बदले उत्तरी गली, गायघाट, पटना सिटी में रह रहे अनुसूचित जाति के लोगों को न सिर्फ जातिसूचक गालियां दी, बल्कि उनको थप्पड़ मारा और उनपर गलत रूप से गांधी मैदान थाना में एफआईआर दर्ज करवाकर उन्हें जेल भिजवा दिया. बबलू प्रकाश ने बताया कि वह लगभग 18 दिन जेल में रहे. इस घटनाक्रम को लेकर के 7 जून को गायघाट उत्तरी गली के रहने वाले रामजी दास की ओर से राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को कंप्लेंन भेजी गई थी.
"जिलाधिकारी ने अपना मन्तव्य देने के बदले उत्तरी गली, गायघाट, पटना सिटी में रह रहे अनुसूचित जाति के लोगों को न सिर्फ जातिसूचक गालियां दी, बल्कि उनको थप्पड़ मारा और उनपर गलत रूप से गांधी मैदान थाना में एफआईआर दर्ज करवाकर उन्हें जेल भिजवा दिया" - बबलू प्रकाश, प्रवक्ता, आप