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पटना: NABARD का 1 दिवसीय राज्य ऋण संगोष्ठी कार्यक्रम, 2022 तक किसानों की आय बढ़ाने पर चर्चा

पटना के निजी होटल में नाबार्ड की तरफ से राज्य ऋण संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ऋण क्षमता का आंकलन करना था. नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक सुनील कुमार ने बताया कि बिहार के लिए 1 लाख 43 हजार 618 करोड़ रुपये क्षमता का आंकलन किया गया है.

Patna
राज्य ऋण संगोष्ठी कार्यक्रम
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Published : Jan 16, 2021, 2:08 PM IST

पटना: राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक 'नाबार्ड' की तरफ से पटना के निजी होटल में राज्य ऋण संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ऋण क्षमता का आंकलन करना था. बिहार राज्य के फोकस पेपर 2021-22 में राज्य के सभी 38 जिलों के लिए मूल्यांकन और ऋण प्रवाह की संकलन की गई है.

किसानों की आय होगी दोगुनी
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक सुनील कुमार ने बताया कि बिहार के लिए 1 लाख 43 हजार 618 करोड़ों रुपये क्षमता का आंकलन किया गया है. कोरोना और लॉकडाउन से परेशान राज्य को उभारने के लिए तैयारी की गई है. 2022 तक और किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है. कृषि तथा ग्रामीण विकास की नीतियों को ध्यान में रखते हुए किया गया है. अब तक 41 फिसदी सीडी रेशियों के साथ बिहार राज्य न्यूनतम सीडी रेशियों वाले राज्य में वर्गीकृत है.

पढे़ं: RJD प्रदेश कार्यसमिति की बैठक, किसान आंदोलन, धन्यवाद यात्रा पर तेजस्वी कर रहे नेताओं से चर्चा

28 जिलों को क्रेडिट डिफिशिएंट के रुप में वर्गीकृत
महाप्रबंधक सुनील कुमार ने कहा कि राज्य में 38 में से 28 जिलों को क्रेडिट डिफिशिएंट के रूप में वर्गीकृत किया गया है. हमने बैंकों से आग्रह किया है कि वे राज्य फोकस पेपर में कृषि, एमएसएमई और अन्य प्राथमिकता क्षेत्रों से सुझाव गए लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कार्य करते रहे. इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए राज्य सरकार के विभिन्न बैंकों गैर सरकारी संगठनों के सक्रिय और सम्मिलित प्रयास की आवश्यकता है. हमें पूरी उम्मीद है कि सभी का पूरा सहयोग मिलेगा और बिहार राज्य प्रगति की ओर बढ़ेगा.

पटना: राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक 'नाबार्ड' की तरफ से पटना के निजी होटल में राज्य ऋण संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ऋण क्षमता का आंकलन करना था. बिहार राज्य के फोकस पेपर 2021-22 में राज्य के सभी 38 जिलों के लिए मूल्यांकन और ऋण प्रवाह की संकलन की गई है.

किसानों की आय होगी दोगुनी
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक सुनील कुमार ने बताया कि बिहार के लिए 1 लाख 43 हजार 618 करोड़ों रुपये क्षमता का आंकलन किया गया है. कोरोना और लॉकडाउन से परेशान राज्य को उभारने के लिए तैयारी की गई है. 2022 तक और किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है. कृषि तथा ग्रामीण विकास की नीतियों को ध्यान में रखते हुए किया गया है. अब तक 41 फिसदी सीडी रेशियों के साथ बिहार राज्य न्यूनतम सीडी रेशियों वाले राज्य में वर्गीकृत है.

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28 जिलों को क्रेडिट डिफिशिएंट के रुप में वर्गीकृत
महाप्रबंधक सुनील कुमार ने कहा कि राज्य में 38 में से 28 जिलों को क्रेडिट डिफिशिएंट के रूप में वर्गीकृत किया गया है. हमने बैंकों से आग्रह किया है कि वे राज्य फोकस पेपर में कृषि, एमएसएमई और अन्य प्राथमिकता क्षेत्रों से सुझाव गए लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कार्य करते रहे. इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए राज्य सरकार के विभिन्न बैंकों गैर सरकारी संगठनों के सक्रिय और सम्मिलित प्रयास की आवश्यकता है. हमें पूरी उम्मीद है कि सभी का पूरा सहयोग मिलेगा और बिहार राज्य प्रगति की ओर बढ़ेगा.

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