पटना : 100 वर्ष पुरानी पटना विश्वविद्यालय मैं नैक एक्रीडिटेशन के लिए पहली बार यूजीसी की टीम पहुंचेगी. मूल्यांकन के अभाव में यूजीसी तथा केंद्रीय एजेंसियों से विश्वविद्यालय को अनुदान की राशि से वंचित होना पड़ रहा है. नैक मूल्यांकन विश्वविद्यालय, ऑटोनॉमस कॉलेज अंगीभूत कॉलेजों के लिए सात मानको के लिए अलग-अलग अंक निर्धारित हैं.
पूर्ववर्ती छात्रों में है काफी उत्साह
आगामी 22 से 24 जुलाई तक टीम कई स्तर पर विश्वविद्यालय का मूल्यांकन करेगी. बेहतर अंक के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन, छात्र, शिक्षक एवं पूर्ववर्ती छात्रों ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. नैक मूल्यांकन को लेकर शिक्षक, कर्मचारी, छात्र और पूर्ववर्ती छात्रों में काफी उत्साह है. विद्यालय को अच्छे अंक प्राप्त होंगे ऐसी सभी को उम्मीद है.
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे हो सकते हैं शामिल
नैक एक्टिवेशन के 70 फीसद अंक विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध जानकारी के आधार पर निर्धारित है. जबकि 30 फीसदी अंक की मार्किंग टीम विभिन्न मानकों की जांच के बाद करती है. 30 फीसदी अंक के लिए एलुमिनाई, अभिभावक और छात्रों का फीडबैक अहम होता है. टीम से मिलने के लिए कई नामचीन पूर्ववर्ती छात्रों ने इच्छा जताई है. जिसमें पूर्ववर्ती छात्र के तौर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार से पूर्व मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे, पदम श्री उषा किरण खान ,सेवानिवृत्त आईएस आईसी कुमार, प्रोफेसर एलएन राम आदि की उपस्थिति संभावित है.
अब तक एक भी पारंपरिक विश्वविद्यालय को नहीं मिला ए ग्रेड
बहरहाल नैक से संस्थान को मिलने वाली रैंकिंग के आधार पर ही विश्वविद्यालय और कॉलेजों की गुणवत्ता का आकलन किया जाता है. नैक की मूल्यांकन रिपोर्ट के आधार पर ही यूजीसी की योजनाओं का लाभ मिलता है. बेहतर ग्रेड वाले शिक्षण संस्थान को यूजीसी एवं अन्य केंद्रीय एजेंसियों से ज्यादा अनुदान मिलता है. छात्रों को शोध एवं अन्य शैक्षणिक कार्यों में ज्यादा भागीदारी मिलती है. राज्य में अभी तक एक भी पारंपरिक विश्वविद्यालय को नैक से ए ग्रेड नहीं मिला है.
पीयू को नहीं मिली 12 करोड़ से अधिक की स्वीकृत राशि
बताया जाता है कि पटना विश्वविद्यालय को नैक एक्रिडेशन के अभाव में पिछले 4 साल में ₹25 करोड़ का नुकसान हुआ है. इसमें सबसे बड़ी राशि शताब्दी वर्ष पर यूजीसी से मिलने वाला हेरिटेज फंड है. पीयू को 12 करोड़ से अधिक की राशि एमएचआरडी से स्वीकृत होने के बाद नहीं मिली है. इसके अतिरिक्त विभिन्न विभाग में यूजीसी से मिलने वाला अनुदान 2014 से बंद है. गौरतलब है कि नैक टीम के पटना पहुंचने पर ही भ्रमण का शेड्यूल विश्वविद्यालय प्रशासन को प्राप्त होगा. सूत्रों के अनुसार 22 जुलाई को टीम का स्वागत विश्वविद्यालय के पदाधिकारी और सिंडिकेट सदस्य करेंगे.