पटना/नई दिल्ली: दिल्ली के साकेत कोर्ट में आज मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले की सुनवाई हुई. कोर्ट ने दो हफ्ते के लिए सुनावई टाल दी है. सीबीआई ने अपनी दलील में कोर्ट से वकील नियुक्त किये जाने के लिए समय मांगा है. इस मामले में 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है. सभी आरोपियों के खिलाफ पोक्सो एक्ट और भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत ट्रायल चलाया जाएगा.
इस मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर और शेल्टर होम के उसके कर्मचारी के अलावा बिहार के सामाजिक कल्याण विभाग के अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है. इन पर आपराधिक साजिश, ड्यूटी में लापरवाही और लड़कियों पर हमले की रिपोर्ट करने में विफल रहने का आरोप लगाया गया है.
इसके अलावा जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत अपने अधिकार में बच्चियों के साथ क्रूरता के आरोप में भी केस चलेगा. अतिरिक्त सेसन जज सौरभ कुलश्रेष्ठ के आदेश के बाद 3 अप्रैल से इस मामले का ट्रायल शुरू हुआ है. इस मामले में 31 मई 2018 को एफआईआर दर्ज की गई थी.
बता दें कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड उस समय सुर्खियों में आया, जब टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (TISS) की रिपोर्ट सामने आई. यह शेल्टर होम मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर द्वारा चलाया जा रहा था. इस घटना ने बिहार समेत पूरे देेश को दहला दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने सात फरवरी को यह मामला बिहार से दिल्ली के साकेत स्थित पॉस्को अदालत भेजने का आदेश दिया था.
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामला, दो हफ्ते के लिए टली सुनवाई
इस मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर और शेल्टर होम के उसके कर्मचारी के अलावा बिहार के सामाजिक कल्याण विभाग के अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है.
पटना/नई दिल्ली: दिल्ली के साकेत कोर्ट में आज मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले की सुनवाई हुई. कोर्ट ने दो हफ्ते के लिए सुनावई टाल दी है. सीबीआई ने अपनी दलील में कोर्ट से वकील नियुक्त किये जाने के लिए समय मांगा है. इस मामले में 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है. सभी आरोपियों के खिलाफ पोक्सो एक्ट और भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत ट्रायल चलाया जाएगा.
इस मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर और शेल्टर होम के उसके कर्मचारी के अलावा बिहार के सामाजिक कल्याण विभाग के अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है. इन पर आपराधिक साजिश, ड्यूटी में लापरवाही और लड़कियों पर हमले की रिपोर्ट करने में विफल रहने का आरोप लगाया गया है.
इसके अलावा जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत अपने अधिकार में बच्चियों के साथ क्रूरता के आरोप में भी केस चलेगा. अतिरिक्त सेसन जज सौरभ कुलश्रेष्ठ के आदेश के बाद 3 अप्रैल से इस मामले का ट्रायल शुरू हुआ है. इस मामले में 31 मई 2018 को एफआईआर दर्ज की गई थी.
बता दें कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड उस समय सुर्खियों में आया, जब टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (TISS) की रिपोर्ट सामने आई. यह शेल्टर होम मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर द्वारा चलाया जा रहा था. इस घटना ने बिहार समेत पूरे देेश को दहला दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने सात फरवरी को यह मामला बिहार से दिल्ली के साकेत स्थित पॉस्को अदालत भेजने का आदेश दिया था.
पटना/नई दिल्ली: दिल्ली के साकेत कोर्ट में आज मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले की सुनवाई हुई. कोर्ट ने दो हफ्ते के लिए सुनावई टाल दी है. सीबीआई ने अपनी दलील में कोर्ट से वकील नियुक्त किये जाने के लिए समय मांगा है. इस मामले में 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है. सभी आरोपियों के खिलाफ पोक्सो एक्ट और भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत ट्रायल चलाया जाएगा.
इस मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर और शेल्टर होम के उसके कर्मचारी के अलावा बिहार के सामाजिक कल्याण विभाग के अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है. इन पर आपराधिक साजिश, ड्यूटी में लापरवाही और लड़कियों पर हमले की रिपोर्ट करने में विफल रहने का आरोप लगाया गया है.
इसके अलावा जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत अपने अधिकार में बच्चियों के साथ क्रूरता के आरोप में भी केस चलेगा. अतिरिक्त सेसन जज सौरभ कुलश्रेष्ठ के आदेश के बाद 3 अप्रैल से इस मामले का ट्रायल शुरू हुआ है. इस मामले में 31 मई 2018 को एफआईआर दर्ज की गई थी.
बता दें कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड उस समय सुर्खियों में आया, जब टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (TISS) की रिपोर्ट सामने आई. यह शेल्टर होम मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर द्वारा चलाया जा रहा था. इस घटना ने बिहार समेत पूरे देेश को दहला दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने सात फरवरी को यह मामला बिहार से दिल्ली के साकेत स्थित पॉस्को अदालत भेजने का आदेश दिया था.
Conclusion: