ETV Bharat / state

Patna High Court: मुजफ्फरपुर अंखफोड़वा कांड में सुनवाई, HC ने पीड़ितों के लिए दिया ये निर्देश

पटना हाई कोर्ट में मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद कांड मामले की सुनवाई की गई. आंखों की रोशनी खोने वाले पीड़ितों के लिए पटना हाई कोर्ट ने बड़ा निर्देश दिया है. पढ़ें पूरी खबर

Muzaffarpur cataract case
Muzaffarpur cataract case
author img

By

Published : May 16, 2023, 1:25 PM IST

पटना: हाई कोर्ट ने मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन में कई व्यक्तियों के आंख की रोशनी खो जाने के मामले पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को उन पीड़ितों के नाम देने का निर्देश दिया है, जिन्हें अब तक मुआवजा नहीं दिया गया है.

पढ़ें- मुजफ्फरपुर अंखफोड़वा कांड: बोले राजद विधायक- 'सरकार पीड़ितों को तुरंत दे मुआवजा'

पीड़ितों के नाम देने का निर्देश: याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विजय कुमार सिन्हा ने पटना हाई कोर्ट को जानकारी दी कि मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिन्द के आपरेशन में 32 व्यक्तियों ने आंखों की रोशनी खो दी थी. इनमें से 19 पीड़ितों को राज्य सरकार द्वारा मुआवजा मिला है, बाकी 13 पीड़ितों को अब तक मुआवजा नहीं मिला. कोर्ट ने इसे काफी गम्भीरता से लेते अधिवक्ता विजय कुमार सिन्हा को इन पीड़ितों के नाम कोर्ट के समक्ष देने का निर्देश दिया है.

पटना हाईकोर्ट ने कही थी ये बात: इसके बाद कोर्ट इन्हें मुआवजा देने का आदेश राज्य सरकार को देगी. ये जनहित याचिका मुकेश कुमार ने दायर की है. कोर्ट ने पूर्व की सुनवाई में निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवा और सिविल सर्जन, मुजफ्फरपुर द्वारा हलफनामा नहीं दायर करने को गम्भीरता से लिया था. कोर्ट ने पिछली हेयरिंग में मुजफ्फरपुर के SSP को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने पूर्व की सुनवाई में इस मामले में गठित डॉक्टरों की कमेटी को चार सप्ताह मे अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था.

24 नवंबर 2021 का अंखफोड़वा कांड मामला: बता दें कि मुजफ्फरपुर में 24 नवंबर 2021 के अंखफोड़वा कांड ने सभी को हिलाकर रख दिया था. कोर्ट को बताया गया था कि आंखों की रोशनी गवांने वाले पीड़ितों को क्षतिपूर्ति के रूप में एक-एक लाख रुपये दिए जा चुके हैं. साथ ही मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल को बंद करके FIR दर्ज किया गया था. साथ ही कोर्ट को यह भी बताया गया कि दर्ज प्राथमिकी पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विजय कुमार सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा है कि कथित तौर पर आई हॉस्पिटल के प्रबंधन व राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा बरती गई अनियमितता और गैर कानूनी कार्यों के कारण कई व्यक्तियों को अपनी आंखें की रोशनी चली गई.

28 जुलाई 2023 को अगली सुनवाई: पिटीशन में आगे यह भी कहा गया है कि जिम्मेदार अधिकारियों व अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज करनी चाहिए, क्योंकि इन्हीं की लापरवाही की वजह से सैकड़ों लोगों को अपनी ऑंखें गंवानी पड़ी. इस मामले पर अगली सुनवाई 28 जुलाई 2023 को की जाएगी. बता दें कि मुजफ्फरपुर में 2021 नवंबर को एक जांच शिविर में निजी अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा एक ही सत्र में 65 आंख के ऑपरेशन कर दिए गए. ऐसे में सभी मरीजों के आंखों में इंफेक्शन फैल गया और इस वजह से 25 से अधिक मरीजों के आंखों की रोशनी पूरी तरह चली गई.

पटना: हाई कोर्ट ने मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन में कई व्यक्तियों के आंख की रोशनी खो जाने के मामले पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को उन पीड़ितों के नाम देने का निर्देश दिया है, जिन्हें अब तक मुआवजा नहीं दिया गया है.

पढ़ें- मुजफ्फरपुर अंखफोड़वा कांड: बोले राजद विधायक- 'सरकार पीड़ितों को तुरंत दे मुआवजा'

पीड़ितों के नाम देने का निर्देश: याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विजय कुमार सिन्हा ने पटना हाई कोर्ट को जानकारी दी कि मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिन्द के आपरेशन में 32 व्यक्तियों ने आंखों की रोशनी खो दी थी. इनमें से 19 पीड़ितों को राज्य सरकार द्वारा मुआवजा मिला है, बाकी 13 पीड़ितों को अब तक मुआवजा नहीं मिला. कोर्ट ने इसे काफी गम्भीरता से लेते अधिवक्ता विजय कुमार सिन्हा को इन पीड़ितों के नाम कोर्ट के समक्ष देने का निर्देश दिया है.

पटना हाईकोर्ट ने कही थी ये बात: इसके बाद कोर्ट इन्हें मुआवजा देने का आदेश राज्य सरकार को देगी. ये जनहित याचिका मुकेश कुमार ने दायर की है. कोर्ट ने पूर्व की सुनवाई में निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवा और सिविल सर्जन, मुजफ्फरपुर द्वारा हलफनामा नहीं दायर करने को गम्भीरता से लिया था. कोर्ट ने पिछली हेयरिंग में मुजफ्फरपुर के SSP को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने पूर्व की सुनवाई में इस मामले में गठित डॉक्टरों की कमेटी को चार सप्ताह मे अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था.

24 नवंबर 2021 का अंखफोड़वा कांड मामला: बता दें कि मुजफ्फरपुर में 24 नवंबर 2021 के अंखफोड़वा कांड ने सभी को हिलाकर रख दिया था. कोर्ट को बताया गया था कि आंखों की रोशनी गवांने वाले पीड़ितों को क्षतिपूर्ति के रूप में एक-एक लाख रुपये दिए जा चुके हैं. साथ ही मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल को बंद करके FIR दर्ज किया गया था. साथ ही कोर्ट को यह भी बताया गया कि दर्ज प्राथमिकी पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विजय कुमार सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा है कि कथित तौर पर आई हॉस्पिटल के प्रबंधन व राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा बरती गई अनियमितता और गैर कानूनी कार्यों के कारण कई व्यक्तियों को अपनी आंखें की रोशनी चली गई.

28 जुलाई 2023 को अगली सुनवाई: पिटीशन में आगे यह भी कहा गया है कि जिम्मेदार अधिकारियों व अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज करनी चाहिए, क्योंकि इन्हीं की लापरवाही की वजह से सैकड़ों लोगों को अपनी ऑंखें गंवानी पड़ी. इस मामले पर अगली सुनवाई 28 जुलाई 2023 को की जाएगी. बता दें कि मुजफ्फरपुर में 2021 नवंबर को एक जांच शिविर में निजी अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा एक ही सत्र में 65 आंख के ऑपरेशन कर दिए गए. ऐसे में सभी मरीजों के आंखों में इंफेक्शन फैल गया और इस वजह से 25 से अधिक मरीजों के आंखों की रोशनी पूरी तरह चली गई.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.