पटना: शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के बीच में महागठबंधन से अलग होने की घोषणा करने वाले वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी आज मीडिया के सामने आए और कहा कि कई राजनीतिक पार्टियां उनके संपर्क में हैं. यदि गठबंधन में चुनाव लड़े तो बड़ा तीसरा मोर्चा बनाकर मैदान में उतरूंगा, नहीं तो 243 सीटों पर वीआईपी का उम्मीदवार उतारूंगा. उन्होंने कहा कि जिस सीट से किसी भी पार्टी का अति पिछड़ा उम्मीदवार मैदान में होगा, वहा हमारी पार्टी प्रत्याशी नहीं देगी. सोमवार को पहले चरण के चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नामों की सूची जारी की जाएगी.
'...तो आरजेडी के साथ भी जा सकता हूं'
एक निजी होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुकेश सहनी ने कहा कि चिराग के साथ भी गठबंधन कर सकता हूं, लेकिन 143 सीट पर नहीं, 243 सीट पर लड़ने की शर्त पर करूंगा. साथ ही उन्होंने कहा कि यदि आरजेडी अपना नेतृत्व तेज प्रताप यादव करेंगे तो महागठबंधन के साथ जाने पर भी विचार कर सकते हूं. सहनी ने दावा किया कि बिहार में उनके पास 15 फीसदी वोट बैंक है और इसके सहारे इस चुनाव में वह असर भी दिखाएंगे.
'आरजेडी ने निषाद समाज का किया अपमान'
मुकेश सहनी ने कहा कि महागठबंधन के सबसे बड़े दल होने के नाते आरजेडी ने हमारे साथ जो किया वह राज्य के निषाद समाज को अपमानित करने जैसा है. उन्होंने कहा कि दलित समाज से आने वाले जीतन राम मांझी ने कोऑर्डिनेशन कमेटी की मांग की, लेकिन उनकी मांग नहीं मानी गई और बेइजत करके बाहर निकाल दिया गया. इसी तरह अति पिछड़ा वर्ग से आने वाले उपेंद्र कुशवाहा को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.
'तेजस्वी को बिहार के युवाओं से लगता है डर'
सहनी के कहा कि तेजस्वी ने मुझे बड़ा भाई कहा तो मैं उन्हें छोटा भाई समझकर उनके लिए सीएम का रास्ता साफ किया. लेकिन तेजस्वी को बिहार के युवाओं से डर लगता है. चाहे वो कन्हैया, चिराग या मुकेश सहनी हो. यहां तक की उन्हें अपने बड़े भाई तेज प्रताप से भी समस्या है.