चेन्नई: तमिलनाडु सरकार ने मदुरै के मेलूर में टंगस्टन खनन परियोजना के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों पर दर्ज पुलिस मामले वापस ले लिए हैं. 76वें गणतंत्र दिवस पर रविवार को राज्य सरकार ने इसकी घोषणा की.
तमिलनाडु सरकार की तरफ से रविवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, "विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले 11,608 नागरिकों के खिलाफ बीएनएस की 3 धाराओं के तहत मदुरै शहर, तल्लाकुलम और मेलूर पुलिस थानों में दर्ज सभी मामले आज वापस ले लिए गए हैं."
केंद्र सरकार ने पिछले साल नवंबर में मदुरै के मेलूर तालुक में टंगस्टन खनन के लिए नीलामी नोटिस जारी किया था और कहा था कि इस परियोजना के लिए 10 से अधिक गांवों को कवर करने वाली लगभग 5,000 एकड़ भूमि आवंटित की जाएगी. हजारों स्थानीय लोगों ने सरकार के इस फैसले के विरोध में प्रदर्शन किया था. विरोध को देखते हुए केंद्र सरकार ने 23 जनवरी को टंगस्टन खनन परियोजना के लिए नीलामी रद्द करने का आदेश दिया.
तमिलनाडु सरकार ने भी मदुरै जिले के मेलूर क्षेत्र में टंगस्टन खदान आवंटित करने के केंद्र सरकार के फैसले का विरोध किया था. स्थानीय लोगों ने भारी विरोध प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस परियोजना को तुरंत वापस लेने का आग्रह किया था.
सीएम स्टालिन ने मामले वापस लेने का दिया था आश्वासन
साथ ही उन्होंने स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया था कि तमिलनाडु सरकार केंद्र सरकार द्वारा लाई गई इस परियोजना को कभी भी लागू नहीं होने देगी. सीएम स्टालिन ने आश्वासन दिया था कि टंगस्टन खनन परियोजना के खिलाफ विरोध करने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज किए गए सभी मामले वापस ले लिए जाएंगे.
इसके अलावा, 9 दिसंबर 2024 को तमिलनाडु विधानसभा में सर्वसम्मति से एक विशेष प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें मांग की गई कि केंद्र सरकार इस परियोजना को रद्द कर दे. लोगों के विरोध और तमिलनाडु सरकार के आग्रह पर केंद्र सरकार ने इस परियोजना को रद्द करने का फैसला लिया.
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