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राजकीय सम्मान के साथ वशिष्ठ नारायण सिंह का पार्थिव शरीर भेजा गया उनके गांव

वशिष्ठ नारायण सिंह का विवाह 1973 में वंदना रानी के साथ हुआ था और 1974 से ही उन्हें मानसिक दौरे आने लगे फिर उनका इलाज रांची में किया गया. इलाज के बाद वह अपने गांव वापस लौट आए. इसी बीच उनकी तबीयत फिर बिगड़ गई.

पार्थिव शरीर को भेजा गया उनके गांव
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Published : Nov 14, 2019, 5:04 PM IST

पटनाः महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण का गुरुवार को पटना के पीएमसीएच में निधन हो गया. वशिष्ठ नारायण के पार्थिव शरीर को पटना के अशोक राजपथ स्थित कुलड़िया पैलेस में रखा गया था. जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनके प्रशंसकों ने उनके आखिरी दर्शन किए और पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया. जिसके बाद उनके पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ उनके गांव भेज दिया गया.

महान गणितज्ञ का पीएमसीएच में निधन
अप्रैल 1942 को भोजपुर जिले के बसंतपुर गांव में जन्मे वशिष्ठ नारायण सिंह का लंबी बीमारी से जूझने के बाद गुरूवार को पटना के पीएमसीएच में निधन हो गया. निधन से पूर्व वशिष्ठ नारायण मानसिक बीमारी से पीड़ित थे और बसंतपुर में रहते थे. उन्होंने बर्कली के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से 1969 में गणित में पीएचडी की डिग्री हासिल की थी. वशिष्ठ नारायण सिंह ने सन 1962 में बिहार से मैट्रिक की परीक्षा पास की थी.

वशिष्ठ नारायण सिंह के पार्थिव शरीर को भेजा गया उनके गांव

पीएमसीएच में ली आखिरी सांस
वशिष्ठ नारायण सिंह का विवाह 1973 में वंदना रानी के साथ हुआ था और 1974 से ही उन्हें मानसिक दौरे आने लगे फिर उनका इलाज रांची में किया गया. इलाज के बाद वह अपने गांव वापस लौट आए. इसी बीच उनकी तबीयत फिर बिगड़ गई. जिसके बाद बिहार सरकार ने उनको इलाज के लिए बेंगलुरू भेज दिया था. लेकिन बाद में बिहार सरकार ने इलाज का खर्च देना बंद कर दिया. वहीं लंबी बीमारी के बाद उन्होंने पटना के पीएमसीएच में अपनी आखिरी सांस ली. इस दौरान उनके परिजन लगातार केंद्र और बिहार सरकार पर उनकी उपेक्षा के आरोप लगाते रहे हैं.

प्रशंसक लगाते रहे नारे
पटना के अशोक राजपथ स्थित कुलड़िया पैलेस में करीब 2 घंटे तक नेताओं और प्रशंसकों ने वशिष्ठ नारायण सिंह के आखिरी दर्शन किए और उसके बाद वशिष्ठ नारायण सिंह के पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ उनके गांव भेज दिया गया. इस मौके पर लगातार वशिष्ठ नारायण सिंह के प्रशंसक नारे लगाते रहे, 'जब तक सूरज चांद रहेगा, वशिष्ठ नारायण सिंह का नाम रहेगा'.

पटनाः महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण का गुरुवार को पटना के पीएमसीएच में निधन हो गया. वशिष्ठ नारायण के पार्थिव शरीर को पटना के अशोक राजपथ स्थित कुलड़िया पैलेस में रखा गया था. जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनके प्रशंसकों ने उनके आखिरी दर्शन किए और पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया. जिसके बाद उनके पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ उनके गांव भेज दिया गया.

महान गणितज्ञ का पीएमसीएच में निधन
अप्रैल 1942 को भोजपुर जिले के बसंतपुर गांव में जन्मे वशिष्ठ नारायण सिंह का लंबी बीमारी से जूझने के बाद गुरूवार को पटना के पीएमसीएच में निधन हो गया. निधन से पूर्व वशिष्ठ नारायण मानसिक बीमारी से पीड़ित थे और बसंतपुर में रहते थे. उन्होंने बर्कली के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से 1969 में गणित में पीएचडी की डिग्री हासिल की थी. वशिष्ठ नारायण सिंह ने सन 1962 में बिहार से मैट्रिक की परीक्षा पास की थी.

वशिष्ठ नारायण सिंह के पार्थिव शरीर को भेजा गया उनके गांव

पीएमसीएच में ली आखिरी सांस
वशिष्ठ नारायण सिंह का विवाह 1973 में वंदना रानी के साथ हुआ था और 1974 से ही उन्हें मानसिक दौरे आने लगे फिर उनका इलाज रांची में किया गया. इलाज के बाद वह अपने गांव वापस लौट आए. इसी बीच उनकी तबीयत फिर बिगड़ गई. जिसके बाद बिहार सरकार ने उनको इलाज के लिए बेंगलुरू भेज दिया था. लेकिन बाद में बिहार सरकार ने इलाज का खर्च देना बंद कर दिया. वहीं लंबी बीमारी के बाद उन्होंने पटना के पीएमसीएच में अपनी आखिरी सांस ली. इस दौरान उनके परिजन लगातार केंद्र और बिहार सरकार पर उनकी उपेक्षा के आरोप लगाते रहे हैं.

प्रशंसक लगाते रहे नारे
पटना के अशोक राजपथ स्थित कुलड़िया पैलेस में करीब 2 घंटे तक नेताओं और प्रशंसकों ने वशिष्ठ नारायण सिंह के आखिरी दर्शन किए और उसके बाद वशिष्ठ नारायण सिंह के पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ उनके गांव भेज दिया गया. इस मौके पर लगातार वशिष्ठ नारायण सिंह के प्रशंसक नारे लगाते रहे, 'जब तक सूरज चांद रहेगा, वशिष्ठ नारायण सिंह का नाम रहेगा'.

Intro:अप्रैल 1942 को भोजपुर जिले के बसंतपुर गांव में जन्मे वशिष्ठ नारायण सिंह का निधन लंबी बीमारी से जूझने के बाद आज पटना के पीएमसीएच में हो गया है निधन से पूर्व वशिष्ठ नारायण मानसिक बीमारी से पीड़ित है और बसंतपुर में रहते थे उन्होंने बर्कली के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से 1969 में गणित में पीएचडी प्राप्त की थी वशिष्ठ नारायण सिंह ने सन 1962 में बिहार से मैट्रिक की परीक्षा पास की थी पटना विश्वविद्यालय के साइंस कॉलेज में पढ़ते हुए उनकी मुलाकात अमेरिका से पटना आए प्रोफेसर कैली हुई और वशिष्ठ नारायण से प्रभावित कैलिन है उन्हें बर्कली आकर शोध करने का निमंत्रण दे दिया था फिर क्या वशिष्ठ नारायण सिंह 1963 मेरे कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय शोध के लिए पहुंच गए

और गुरुवार को महान गणितज्ञ का निधन पटना के पीएमसीएच में हो गया वशिष्ठ नारायण के पार्थिव शरीर को पटना के अशोक राजपथ स्थित कुलड़िया पैलेस में रखा गया था जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनके प्रशंसकों ने उनके आखिरी दर्शन किए और उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि कर उन्हें नमन किया




Body:वशिष्ठ नारायण सिंह का विवाह 1973 में वंदना रानी के साथ हुआ था और 1974 से ही उन्हें मानसिक दौरे आने लगे फिर उनका इलाज रांची में किया गया इलाज के बाद वह अचानक गायब हो गए हालांकि एकाएक उनके परिजनों की नजर उन पर पड़ी और उसके बाद बिहार सरकार ने उन को इलाज के लिए बेंगलुरु भेजा था लेकिन बाद में बिहार सरकार ने वशिष्ठ नारायण सिंह के इलाज का खर्च देना भी बंद कर दिया था और आज लंबी बीमारी के बाद उन्होंने पटना के पीएमसीएच में अपनी आखिरी सांस है ली इस दौरान उनके परिजन भी लगातार केंद्र और बिहार सरकार पर उनकी उपेक्षा के आरोप लगाते रहे


Conclusion:पटना के अशोक राजपथ स्थित गुलरिया पैलेस में करीब 2 घंटे तक नेताओं और प्रशंसकों ने वशिष्ठ नारायण सिंह के आखरी दर्शन किए और उसके बाद वशिष्ठ नारायण सिंह के पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ उनके गांव भेज दिया गया इस मौके पर लगातार वशिष्ठ नारायण सिंह के प्रशंसक नारे लगाते रहे जब तक सूरज चांद रहेगा वशिष्ठ नारायण सिंह का नाम रहेगा ।।
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