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पटना: मोहम्मद तमन्ना करते हैं शिव और हनुमान की पूजा, खुद के पैसे से बनवाई मंदिर

मोहम्मद तमन्ना रोजाना ऑफिस जाने से पहले सर पेंटाइन रोड स्थित हनुमान और शिव मंदिर में साफ सफाई और पूजा पाठ करते हैं. इस मंदिर की स्थापना उन्होंने ने खुद के पैसे और चंदे से 1987 में की थी.

example of brotherhood
example of brotherhood
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Published : Aug 20, 2020, 12:29 PM IST

पटनाः एक तरफ जहां कुछ लोग समाज को जाति धर्म के नाम पर बांटकर समाज में आपसी भाईचारे की मिसाल खत्म करने में लगे हैं, वहीं पटना का एक मुस्लिम शख्स ऐसे लोगों के लिए मिसाल गए हैं. जो धर्म और मजहब से ऊपर उठकर सभी को एक दूसरे से मिलजुल कर रहने का संदेश दे रहे हैं.

मंदिर में मोहम्मद तमन्ना
मंदिर में मोहम्मद तमन्ना

बचपन से ही था हिंदू धर्म में विश्वास
हम बात कर रहे हैं पटना के डुमरिया में रहने वाले बिहार सरकार के पर्यटन विभाग में चतुर वर्गीय कर्मचारी मोहम्मद तमन्ना की. इनकी आस्था जितनी अपने धर्म के पैगंबर मोहम्मद साहब में है, उतनी ही आस्था हिंदू धर्म में भी है. मोहम्मद तमन्ना का जन्म सर पेंटाइन रोड में हुआ था. बचपन से ही वह जाति धर्म मजहब में ज्यादा यकीन नहीं करते थे. मोहम्मद तमन्ना का मानना है कि जाति, धर्म और मजहब तो इंसान ने बनाया है, भगवान तो एक ही है.

पूजा करते मोहम्मद तमन्ना
पूजा करते मोहम्मद तमन्ना

खुद के पैसे से 1987 में किया मंदिर का निर्माण
सर पेंटाइन रोड स्थित हनुमान और शिव मंदिर में मोहम्मद तमन्ना रोजाना साफ सफाई और पूजा पाठ करते हैं. इस मंदिर की स्थापना मोहम्मद तमन्ना ने खुद के पैसे और चंदे से 1987 में की थी.उसी वक्त से हर दिन वो यहां पूजा पाठ करते हैं. मोहम्मद तमन्ना डुमरिया मस्जिद में भी साफ-सफाई और इबादत करते हैं. ऑफिस जाने के पहले वो मंदिर आते हैं, यहां पर साफ-सफाई पूजा-पाठ करते हैं फिर ऑफिस जाते हैं.

हनुमान मंदिर
हनुमान मंदिर

केदारनाथ, बद्रीनाथ और अयोध्या भी गए
मोहम्मद तमन्ना ने 10 धाम से पत्थर लाकर मंदिर में लगाया है. जिन्हें वह कन्याकुमारी, केदारनाथ ,बद्रीनाथ,अयोध्या, पशुपतिनाथ, हरिद्वार, देवघर, अजमेर शरीफ, ऋषिकेश वैष्णो देवी से पर्यटन विकास निगम के बस द्वारा लाए हैं. तमन्ना ने कन्याकुमारी से लाया हुआ पीपल का पौधा भी लगाया था. जो आज वृक्ष बन चुका है.

धाम से लाए गए पत्थर
कई धाम से लाए गए पत्थर

ये भी पढ़ेंः दानापुरः गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि, डरे हुए हैं दियारा इलाके के लोग

'धरती पर आकर हम बट जाते हैं'
मोहम्मद तमन्ना का कहना है कि भगवान और अल्लाह में कोई फर्क नहीं. ऊपर वाले ने तो सिर्फ इंसान बनाया है. धरती पर आकर हम बट जाते हैं. समाज के सभी लोग मेरे भाई हैं और हमें सभी से मिलजुल कर रहना चाहिए.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'सभी के लिए मिसाल है मो. तमन्ना'
वहीं स्थानीय संतोष अभिषेक ने बताया कि करीब 30 से 35 वर्षों से वह मोहम्मद तमन्ना को यहां पूजा करते देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि मोहम्मद तमन्ना आज के समय में सभी के लिए एक मिसाल है. क्योंकि आज सभी लोग अपने फायदे के लिए जाति धर्म मजहब का इस्तेमाल करते हैं. इसलिए हम सभी को इनसे सीख लेनी चाहिए. हमें धर्म जाति के नाम पर भेदभाव छोड़कर देश की प्रगति पर ध्यान देना चाहिए.

पटनाः एक तरफ जहां कुछ लोग समाज को जाति धर्म के नाम पर बांटकर समाज में आपसी भाईचारे की मिसाल खत्म करने में लगे हैं, वहीं पटना का एक मुस्लिम शख्स ऐसे लोगों के लिए मिसाल गए हैं. जो धर्म और मजहब से ऊपर उठकर सभी को एक दूसरे से मिलजुल कर रहने का संदेश दे रहे हैं.

मंदिर में मोहम्मद तमन्ना
मंदिर में मोहम्मद तमन्ना

बचपन से ही था हिंदू धर्म में विश्वास
हम बात कर रहे हैं पटना के डुमरिया में रहने वाले बिहार सरकार के पर्यटन विभाग में चतुर वर्गीय कर्मचारी मोहम्मद तमन्ना की. इनकी आस्था जितनी अपने धर्म के पैगंबर मोहम्मद साहब में है, उतनी ही आस्था हिंदू धर्म में भी है. मोहम्मद तमन्ना का जन्म सर पेंटाइन रोड में हुआ था. बचपन से ही वह जाति धर्म मजहब में ज्यादा यकीन नहीं करते थे. मोहम्मद तमन्ना का मानना है कि जाति, धर्म और मजहब तो इंसान ने बनाया है, भगवान तो एक ही है.

पूजा करते मोहम्मद तमन्ना
पूजा करते मोहम्मद तमन्ना

खुद के पैसे से 1987 में किया मंदिर का निर्माण
सर पेंटाइन रोड स्थित हनुमान और शिव मंदिर में मोहम्मद तमन्ना रोजाना साफ सफाई और पूजा पाठ करते हैं. इस मंदिर की स्थापना मोहम्मद तमन्ना ने खुद के पैसे और चंदे से 1987 में की थी.उसी वक्त से हर दिन वो यहां पूजा पाठ करते हैं. मोहम्मद तमन्ना डुमरिया मस्जिद में भी साफ-सफाई और इबादत करते हैं. ऑफिस जाने के पहले वो मंदिर आते हैं, यहां पर साफ-सफाई पूजा-पाठ करते हैं फिर ऑफिस जाते हैं.

हनुमान मंदिर
हनुमान मंदिर

केदारनाथ, बद्रीनाथ और अयोध्या भी गए
मोहम्मद तमन्ना ने 10 धाम से पत्थर लाकर मंदिर में लगाया है. जिन्हें वह कन्याकुमारी, केदारनाथ ,बद्रीनाथ,अयोध्या, पशुपतिनाथ, हरिद्वार, देवघर, अजमेर शरीफ, ऋषिकेश वैष्णो देवी से पर्यटन विकास निगम के बस द्वारा लाए हैं. तमन्ना ने कन्याकुमारी से लाया हुआ पीपल का पौधा भी लगाया था. जो आज वृक्ष बन चुका है.

धाम से लाए गए पत्थर
कई धाम से लाए गए पत्थर

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'धरती पर आकर हम बट जाते हैं'
मोहम्मद तमन्ना का कहना है कि भगवान और अल्लाह में कोई फर्क नहीं. ऊपर वाले ने तो सिर्फ इंसान बनाया है. धरती पर आकर हम बट जाते हैं. समाज के सभी लोग मेरे भाई हैं और हमें सभी से मिलजुल कर रहना चाहिए.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'सभी के लिए मिसाल है मो. तमन्ना'
वहीं स्थानीय संतोष अभिषेक ने बताया कि करीब 30 से 35 वर्षों से वह मोहम्मद तमन्ना को यहां पूजा करते देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि मोहम्मद तमन्ना आज के समय में सभी के लिए एक मिसाल है. क्योंकि आज सभी लोग अपने फायदे के लिए जाति धर्म मजहब का इस्तेमाल करते हैं. इसलिए हम सभी को इनसे सीख लेनी चाहिए. हमें धर्म जाति के नाम पर भेदभाव छोड़कर देश की प्रगति पर ध्यान देना चाहिए.

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