पटना: चक्रवाती तूफान यास ने ओडिशा, बंगाल, झारखंड और बिहार में जमकर तबाही मचाही. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस तूफान से हुए नुकसान का जायजा लेने ओडिशा और बंगाल भी गए. यहां से उन्होंने ओडिशा, बंगाल और झारखंड के लिए 1000 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद का एलान भी कर दिया. जिसमें से 500 करोड़ रुपये तत्काल ओडिशा को दिए जाएंगे.
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पश्चिम बंगाल को 250 करोड़ और झाररखंड को 250 करोड़ की मदद मिलेगी. पर सवाल उठता है कि आखिर बिहार से भेदभाव क्यों? कहने के लिए तो बिहार में डबल इंजन की सरकार चलती है. पर इस दोनों इंजन में से किसी को शायद बिहार की चिंता नहीं है. ऐसा हम क्यों कह रहे हैं आइये आपको बताते हैं.
बिहार में 7 की मौत
कहते हैं आंकड़े हर कहानी की सच्चाई को रू-ब-रू करवाता है. ऐसे में जो आंकड़े सामने आए हैं वह तो यही दर्शाता है कि बिहार के साथ भेदभाव हुआ है. दरअसल बिहार में यास तूफान की वजह से अबतक 7 लोगों की मौत हुई है. 6 लोग घायल हुए हैं.
वहीं, पश्चिम बंगाल की बात करें तो यहां पर 4 मौतें हुई हैं. ओडिशा में 3 लोगों ने यास की वजह से अपनी जानें गंवाई है. झारखंड में 3 लोगों की जान गयी है. मतलब जिन तीन राज्यों के बीच 1 हजार करोड़ रुपये का बंटवारा हुआ, वहां पर जितनी मौतें हुई, सभी राज्यों से बिहार में मरने वालों का आंकड़ा ज्यादा रहा. फिर बिहार के साथ भेदभाव क्यों?
बिहार में फसलों को नुकसान
ऐसे में कोई यह भी कह सकता है कि ओडिशा, बंगाल और झारखंड के लोग ज्यादा प्रभावित हुए हैं. पर इस सच्चाई से कोई इंकार नहीं कर सकता है कि असर तो बिहार पर भी पड़ा है. यहां भी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. कई लोगों के घरों में पानी भरा है. अस्पतालों के अंदर पानी जमा है. लेकिन सुनने वाला कौन?
विशेष राज्य के लिए नीतीश सरकार तो काफी अरसों से मांग करती रही है, पर यह सिर्फ चुनावी जुमला ही साबित होता रहा है. ऐसे में क्या सीएम नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात करके राज्य के लिए मदद मांगेंगे? क्योंकि आंकड़ों के आधार पर नीतीश सरकार के पास यह अधिकार है. या फिर जो चल रहा है, वही चलता रहेगा, 4-4 लाख का मुआवजे का खेल.