पटना/नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार बिहार को बैक टू बैक बड़े तोहफे दे रही है. मंगलवार को एक ओर जहां मुजफ्फरपुर, सिवान और सारण में खुद पीएम मोदी ने करोड़ों की योजनाओं का शिलान्यास किया है. वहीं, दूसरी ओर मोदी कैबिनेट की बैठक ने दरभंगा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को मंजूरी दी.
बिहार में दूसरा एम्स
मोदी कैबिनेट से मिली मंजूरी के बाद बिहार में पटना के बाद ये दूसरा एम्स बनेगा. दरभंगा में एम्स के बनने से उत्तर बिहार और सीमांचल के कई जिलों को इसका सीधा लाभ मिलेगा. उत्तर बिहार की बात करें तो, बेतिया से लेकर कोसी और सीमांचल की बात करें तो, सहरसा, सुपौल और पूर्णियां तक के लोगों स्वास्थ्य क्षेत्र में इसका सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा.
1 हजार 361 करोड़ रुपये की मंजूरी
बिहार के दरभंगा में एम्स के निर्माण को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने पहले ही 1 हजार 361 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी थी. यह राशि 25 अगस्त को केंद्रीय वित्त सचिव की अध्यक्षता में हुई व्यय वित्त समिति की बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय के प्राइमरी प्रोजेक्ट रिपोर्ट पर वित्त मंत्रालय ने मुहर लगाते हुए आवंटित की गई थी.
प्राइमरी प्रोजेक्ट की रिपोर्ट
- प्राइमरी प्रोजेक्ट रिपोर्ट के अनुसार दरभंगा एम्स 750 बेड का होगा.
- इसके निर्माण कार्य पर 1361 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
भूमि अधिग्रहण के चलते अटका मामला
दरभंगा एम्स को लेकर प्रस्तावित जमीन की उपलब्धता के कारण मामला अटका था. लेकिन आनन-फानन में इसके लिए सभी तकनीकी बाधाएं दूर की गई. इससे पहले बिहार सरकार की ओर से प्रस्तावित जमीन की गुणवत्ता और रास्ते की सुगमता सहित तीन बिन्दुओं पर मंत्रालय की तकनीकी कमेटी ने एम्स की स्वीकृति पर रोक लगाई थी.
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- दरभंगा में एयरपोर्ट के बाद एम्स की सौगात दी गई है.
- दरभंगा एयपोर्ट में छठ से फ्लाइट्स उड़ान भरेंगी.