पटना: राजधानी के पीएमसीएच अस्पताल में भूकंप सुरक्षा सप्ताह के तहत मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. इसका आयोजन बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से एनडीआरएफ के सहयोग से किया गया. जिसमें पीएमसीएच के डॉक्टर कर्मचारी और अधिकारियों को ये बताया गया कि भूकंप के दौरान जानमाल की रक्षा कैसे की जाएगी. मॉक ड्रिल के दौरान जैसे ही हूटर बजा नर्सिंग की छात्राएं अपने हाथों को सिर पर रखकर बैग से ढक कर भवन से बाहर असेंबली एरिया की ओर पहुंची.
भूकंप के समय इन बातों का रखें ध्यान
मॉक ड्रिल के दौरान ऊंचे भवनों में फंसे लोगों को छत से रस्सी के सहारे रेस्क्यू करने की जानकारी दी गई. एनडीआरएफ के जवानों ने ये ड्रिल किया. एनडीआरएफ के कमांडेंट कुमार बालचंद्र ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी भूकंप सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है. मॉक ड्रिल के लिए पीएमसीएच को इसलिए चुना गया है कि जब भी कहीं भूकंप आता है और लोग उसमें हताहत होते हैं तो सबसे पहले अस्पताल का रुख करते हैं.
अगर अस्पताल कर्मियों को भूकंप के दौरान लोगों की मदद करने की जानकारी नहीं होगी, तो मामला बिगड़ सकता है. उन्होंने कहा कि इसको ध्यान में रखते हुए पीएमसीएच के डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ और कर्मचारियों को मॉक ड्रिल के माध्यम से जानकारी दी गई है. उन्होंने बताया कि भूकंप के समय हमेशा खुले मैदान की तरफ जाना चाहिए और भवनों से निकलते समय सिर को ढक कर निकलना चाहिए.
ये रहे मौजूद
मॉक ड्रिल के दौरान बिहार अग्निशमन, एंबुलेंस दस्ता और सभी इमरजेंसी वाहन भूकंप का सायरन बजते ही फौरन पहुंचे. पीएमसीएच के अधीक्षक डॉक्टर विमल कारक ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों का होना पीएमसीएच में बहुत जरूरी है. ऐसे कार्यक्रम अगर होते रहेंगे तो सभी छात्र छात्राएं और डॉक्टर्स भूकंप जैसी आपदा को लेकर जागरूक रहेंगे. इस कार्यक्रम में पीएमसीएच अधीक्षक डॉक्टर विमल कारक, प्राचार्य डॉक्टर विद्यापति चौधरी, एनडीआरएफ कमांडेंट कुमार बालचंद्र समेत कई डॉक्टर मौजूद रहे.