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PMCH में भूकंप को लेकर मॉक ड्रिल का आयोजन, NDRF जवानों ने बताए बचाव के तरीके - NDRF जवानों ने बताए भूकंप से बचाव के तरीके

मॉक ड्रिल के दौरान बिहार अग्निशमन, एंबुलेंस दस्ता और सभी इमरजेंसी वाहन भूकंप का सायरन बजते ही फौरन पहुंचे. पीएमसीएच के अधीक्षक डॉक्टर विमल कारक ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों का होना पीएमसीएच में बहुत जरूरी है.

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Published : Jan 24, 2020, 7:26 PM IST

पटना: राजधानी के पीएमसीएच अस्पताल में भूकंप सुरक्षा सप्ताह के तहत मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. इसका आयोजन बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से एनडीआरएफ के सहयोग से किया गया. जिसमें पीएमसीएच के डॉक्टर कर्मचारी और अधिकारियों को ये बताया गया कि भूकंप के दौरान जानमाल की रक्षा कैसे की जाएगी. मॉक ड्रिल के दौरान जैसे ही हूटर बजा नर्सिंग की छात्राएं अपने हाथों को सिर पर रखकर बैग से ढक कर भवन से बाहर असेंबली एरिया की ओर पहुंची.

भूकंप के समय इन बातों का रखें ध्यान
मॉक ड्रिल के दौरान ऊंचे भवनों में फंसे लोगों को छत से रस्सी के सहारे रेस्क्यू करने की जानकारी दी गई. एनडीआरएफ के जवानों ने ये ड्रिल किया. एनडीआरएफ के कमांडेंट कुमार बालचंद्र ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी भूकंप सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है. मॉक ड्रिल के लिए पीएमसीएच को इसलिए चुना गया है कि जब भी कहीं भूकंप आता है और लोग उसमें हताहत होते हैं तो सबसे पहले अस्पताल का रुख करते हैं.

patna
कुमार बालचंद्र, कमांडेंट, एनडीआरएफ

अगर अस्पताल कर्मियों को भूकंप के दौरान लोगों की मदद करने की जानकारी नहीं होगी, तो मामला बिगड़ सकता है. उन्होंने कहा कि इसको ध्यान में रखते हुए पीएमसीएच के डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ और कर्मचारियों को मॉक ड्रिल के माध्यम से जानकारी दी गई है. उन्होंने बताया कि भूकंप के समय हमेशा खुले मैदान की तरफ जाना चाहिए और भवनों से निकलते समय सिर को ढक कर निकलना चाहिए.

PMCH में हुआ मॉक ड्रिल का आयोजन

ये रहे मौजूद
मॉक ड्रिल के दौरान बिहार अग्निशमन, एंबुलेंस दस्ता और सभी इमरजेंसी वाहन भूकंप का सायरन बजते ही फौरन पहुंचे. पीएमसीएच के अधीक्षक डॉक्टर विमल कारक ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों का होना पीएमसीएच में बहुत जरूरी है. ऐसे कार्यक्रम अगर होते रहेंगे तो सभी छात्र छात्राएं और डॉक्टर्स भूकंप जैसी आपदा को लेकर जागरूक रहेंगे. इस कार्यक्रम में पीएमसीएच अधीक्षक डॉक्टर विमल कारक, प्राचार्य डॉक्टर विद्यापति चौधरी, एनडीआरएफ कमांडेंट कुमार बालचंद्र समेत कई डॉक्टर मौजूद रहे.

पटना: राजधानी के पीएमसीएच अस्पताल में भूकंप सुरक्षा सप्ताह के तहत मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. इसका आयोजन बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से एनडीआरएफ के सहयोग से किया गया. जिसमें पीएमसीएच के डॉक्टर कर्मचारी और अधिकारियों को ये बताया गया कि भूकंप के दौरान जानमाल की रक्षा कैसे की जाएगी. मॉक ड्रिल के दौरान जैसे ही हूटर बजा नर्सिंग की छात्राएं अपने हाथों को सिर पर रखकर बैग से ढक कर भवन से बाहर असेंबली एरिया की ओर पहुंची.

भूकंप के समय इन बातों का रखें ध्यान
मॉक ड्रिल के दौरान ऊंचे भवनों में फंसे लोगों को छत से रस्सी के सहारे रेस्क्यू करने की जानकारी दी गई. एनडीआरएफ के जवानों ने ये ड्रिल किया. एनडीआरएफ के कमांडेंट कुमार बालचंद्र ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी भूकंप सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है. मॉक ड्रिल के लिए पीएमसीएच को इसलिए चुना गया है कि जब भी कहीं भूकंप आता है और लोग उसमें हताहत होते हैं तो सबसे पहले अस्पताल का रुख करते हैं.

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कुमार बालचंद्र, कमांडेंट, एनडीआरएफ

अगर अस्पताल कर्मियों को भूकंप के दौरान लोगों की मदद करने की जानकारी नहीं होगी, तो मामला बिगड़ सकता है. उन्होंने कहा कि इसको ध्यान में रखते हुए पीएमसीएच के डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ और कर्मचारियों को मॉक ड्रिल के माध्यम से जानकारी दी गई है. उन्होंने बताया कि भूकंप के समय हमेशा खुले मैदान की तरफ जाना चाहिए और भवनों से निकलते समय सिर को ढक कर निकलना चाहिए.

PMCH में हुआ मॉक ड्रिल का आयोजन

ये रहे मौजूद
मॉक ड्रिल के दौरान बिहार अग्निशमन, एंबुलेंस दस्ता और सभी इमरजेंसी वाहन भूकंप का सायरन बजते ही फौरन पहुंचे. पीएमसीएच के अधीक्षक डॉक्टर विमल कारक ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों का होना पीएमसीएच में बहुत जरूरी है. ऐसे कार्यक्रम अगर होते रहेंगे तो सभी छात्र छात्राएं और डॉक्टर्स भूकंप जैसी आपदा को लेकर जागरूक रहेंगे. इस कार्यक्रम में पीएमसीएच अधीक्षक डॉक्टर विमल कारक, प्राचार्य डॉक्टर विद्यापति चौधरी, एनडीआरएफ कमांडेंट कुमार बालचंद्र समेत कई डॉक्टर मौजूद रहे.

Intro:राजधानी पटना के प्रतिष्ठित पीएमसीएच अस्पताल में भूकंप सुरक्षा सप्ताह के तहत मॉक ड्रिल का आयोजन कराया गया. मॉक ड्रिल का आयोजन बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से एनडीआरएफ के सहयोग से किया गया जिसमें पीएमसीएच के डॉक्टर कर्मचारी और अधिकारियों को यह बताया गया कि भूकंप के दौरान जानमाल की रक्षा कैसे की जाएगी. मॉक ड्रिल के दौरान जैसे ही हूटर बजा नर्सिंग की छात्राएं अपने हाथों को सिर पर रखकर और सर को बैग से ढक कर भवन से बाहर असेंबली एरिया की ओर पहुंची. मॉक ड्रिल के दौरान झुको ढ़को और पकड़ो का ड्रिल कराया गया.


Body:मॉक ड्रिल के दौरान ऊंचे भवनों में फंसे लोगों को छत से रस्सी के सहारे कैसे रेस्क्यू की जाती है इसका ड्रिल भी एनडीआरएफ के जवानों ने ड्रिल किया.
एनडीआरएफ के कमांडेंट कुमार बालचंद्र ने बताया कि साल की तरह इस साल भी भूकंप सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है और मॉक ड्रिल के लिए पीएमसीएच को इसलिए चुना गया है कि जब भी कहीं भूकंप होता है और लोग उसमें अगर हताहत होते हैं तो सबसे पहले अस्पताल का रुख करते हैं. अगर अस्पताल के कर्मियों को यह कॉन्फिडेंस ना होगी भूकंप के समय रुक कर और उन हताहतों की मदद करेंगे तो मामला बिगड़ सकता है. उन्होंने कहा कि इसी बात को ध्यान में रखते हुए पीएमसीएच के जो डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ है और जितने भी कर्मचारी हैं उन्हें यह जानकारी दी गई है कि भूकंप के समय क्या करें और क्या ना करें. उन्होंने बताया कि भूकंप के समय हमेशा खुले मैदान की तरफ जाना चाहिए और भवनों से निकलते समय सर को अच्छी तरह से ढक कर निकलना चाहिए.


Conclusion:पीएमसीएच में भूकंप सुरक्षा सप्ताह के मौके पर आयोजित मॉक ड्रिल कार्यक्रम में पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ विमल कारक, प्राचार्य डॉ विद्यापति चौधरी, एनडीआरएफ के कमांडेंट कुमार बालचंद्र समेत कई डॉक्टर मंच पर मौजूद रहे और ग्राउंड में बैठे जूनियर डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को भूकंप के दौरान किए जाने वाले उपायों के बारे में जागरूक किया. मॉक ड्रिल कार्यक्रम नर्सिंग छात्राओं की सहयोग से पीएमसीएच में चला. मॉक ड्रिल के दौरान बिहार अग्निशमन का दस्ता एंबुलेंस का दस्ता समेत सभी इमरजेंसी वाहन भूकंप का सायरन बजते ही फौरन पहुंचे.
पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ विमल कारक ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों का होना पीएमसीएच में बहुत जरूरी है और इस प्रकार के कार्यक्रम अगर होते रहेंगे तो सभी छात्र छात्राएं और डॉक्टर्स भूकंप जैसी आपदा को लेकर जागरूक रहेंगे.
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