हैदराबाद: 2022 में जब अमेरिका की आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस कंपनी ओपनएआई ने एआई चैट मॉडल चैटजीपीटी लॉन्च किया था, तब यह दुनिया के ज्यादातर लोगों के लिए एकदम नई चीज थी और किसी ने सोचा भी नहीं था कि सिर्फ 3 साल के भीतर पूरी दुनिया में एआई फील्ड में आगे बढ़ने की एक रेस शुरू हो जाएगी. इस रेस की शुरुआत तो अमेरिका ने की थी, लेकिन अब चीन उसे पीछे छोड़ने की पूरी कोशिश कर रहा है.
आजकल सोशल मीडिया पर डीपसीक (DeepSeek) काफी ट्रेंड कर रहा है. यह चीन की एक स्टार्टअप कंपनी है, जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई फील्ड में काम करती है. हाल ही में, इस कंपनी ने एक मेड इन चाइना एआई चैट मॉडल लॉन्च किया, जिसका नाम DeepSeek-R1 है. इस मॉडल ने ओपनएआई के चैट मॉडल चैटजीपीटी को इतनी तगड़ी टक्कर दी है कि महज कुछ ही दिनों में चीन का एआई चैट मॉडल एप्पल प्ले स्टोर पर उपलब्ध फ्री ऐप की लिस्ट में टॉप पर पहुंच गया.
DeepSeek-R1 के बाद Kimi k1.5
DeepSeek-R1 के साथ चाइनीज़ एआई मॉडल्स का एक नया युग शुरू हो गया है, जो ओपनएआई चैटजीपीटी, गूगल के जेमिनी, और माइक्रोसॉफ्ट के कोपायलट और Claude 3.5 Sonnet को टक्कर देने के लिए तैयार है. डीपसीक के बाद अब चीन का एक और नया एआई चैट मॉडल, दुनिया के इन अन्य चैट मॉडल्स को टक्कर देने के लिए तैयार हो चुका है. इसका नाम Kimi k1.5 है. आइए हम आपको चीन के इस एआई चैट मॉडल के बारे में बताते हैं. Kimi k1.5 ने भी कई मामलों में GPT-4o और Claude 3.5 Sonnet को पीछे छोड़ दिया है.
Kimi k1.5 नाम के एक इस लेटेस्ट एआई मॉडल को चीन की राजधानी बीजिंग की एक एआई स्टार्टअप कंपनी Moonshot AI ने बनाकर लॉन्च किया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के इस नए एआई मॉडल ने OpenAI-01 को टक्कर दी है. रिपोर्ट के अनुसार, Kimi ने गणित, कोडिंग, टेक्स्ट और विजुअल इनपुट्स (जैसे फोटो और वीडियो से प्रॉब्लम को समझने और सोल्व) को समझने की क्षमता में o1 को पीछे छोड़ दिया है. आजकल पूरी दुनिया में ट्रेंड करने वाला चीनी एआई मॉडल DeepSeek-R1 भी ऐसा नहीं कर पाता है, इसलिए Kimi k1.5 एक मल्टीमॉडल है.
DeepSeek के AI मॉडल की तरह ही, Kimi भी अमेरिका में फ्रंटियर एआई मॉडल बनाने की तुलना में बहुत कम लागत में तैयार किया गया है. Kimi k1.5 को Kimi.ai के माध्यम से जारी किया गया है और इसे OpenAI-01 का पहला असली प्रतियोगी माना जा रहा है.
Kimi बाकी एआई मॉडल से कैसे अलग है?
Kimi k1.5 सिर्फ एक AI मॉडल नहीं है बल्कि इसे रीइनफोर्समेंट लर्निंग (RL) और मल्टीमॉडल रीज़निंग वाले एआई मॉडल की ओर एक बड़ा कदम बताया जा रहा है. इस मॉडल में विजुअल डेटा, टेक्स्ट और कोड को मिलाकर मुश्किल समस्याओं को हल करने की क्षमता है. बेंचमार्क्स के आधार पर, इस मॉडल यानी Kimi k1.5 ने अभी से ही GPT-4o और Claude Sonnet 3.5 को पीछे छोड़ दिया है. Kimi की टीम ने अपने इस एआई मॉडल के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की है और बताया है कि इस मॉडल ने कैसे कई चुनौतियों का सामना करते हुए इस उपलब्धि को हासिल किया है.
इसे सरल शब्दों में समझाएं तो चैटजीपीटी जैसे अन्य एआई मॉडल स्टेटिक डेटाबेस के आधार पर काम करते हैं, जबकि Kimi k1.5 एक मल्टी-मोडल लार्ज लैंग्वेज मॉडल, जो कई प्रकार के डेटा को प्रोसेस कर सकता है. इसकी यही खासियत इसे बाकी एआई चैट मॉडल से खास बनाती है. ऊपर दिख रही बेंचमार्क परफॉर्मेंस के ग्राफ-पिक्चर में आप देख सकते हैं कि ब्लू कलर में दिखने वाला Kimi k1.5 का परफॉर्मेंस अलग-अलग मामलों में अन्य एआई मॉडल से काफी आगे है.
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