नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को विधेयक पर अपनी समिति की अंतिम रिपोर्ट सौंप दी है.
वक्फ संशोधन विधेयक पर बुधवार को संयुक्त संसदीय समिति ने मसौदा रिपोर्ट और संशोधित विधेयक को अपनाया. हालांकि, विपक्षी नेताओं ने रिपोर्ट पर अपनी असहमति भी जताई. संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने मंगलवार को वक्फ विधेयक 1995 को 14 खंडों में 25 संशोधनों के साथ मंजूरी दे दी.
#WATCH | The meeting between members of the JPC on the Waqf (Amendment) Bill, 2024 and Lok Sabha Speaker Om Birla concluded. JPC report submitted to the Lok Sabha Speaker.
— ANI (@ANI) January 30, 2025
(Video: Lok Sabha Secretariat) pic.twitter.com/qerpTVVBb7
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा, 'हमने रिपोर्ट और संशोधित विधेयक को अपना लिया है. पहली बार, हमने एक खंड शामिल किया है जिसमें कहा गया है कि वक्फ का लाभ हाशिए पर पहुंचे लोगों, गरीबों, महिलाओं और अनाथों को मिलना चाहिए.'
उन्होंने कहा, 'हमारे पास 44 खंड थे, जिनमें से 14 में सदस्यों द्वारा संशोधन प्रस्तावित किए गए थे. हमने बहुमत से मतदान कराया और फिर इन संशोधनों को अपना लिया गया. भाजपा सांसद डॉ राधा मोहन दास अग्रवाल ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार का विरोध करना उनके डीएनए में है.
भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने जोर देकर कहा कि सरकार का इरादा वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में आधुनिकता, पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है. साथ ही निहित स्वार्थों द्वारा कानून के दुरुपयोग को रोकना है जो देश में सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव की कीमत पर भूमि पर अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहे हैं.
#WATCH | Delhi | On the submission of JPC report on the Waqf (Amendment) Bill, 2024 to the Lok Sabha Speaker, JPC Chairman and BJP MP Jagdambika Pal says, " ...today, after 38 meetings of jpc and meeting with 250 stakeholders...we have submitted the report...i hope we have… pic.twitter.com/FiLEYoUA7V
— ANI (@ANI) January 30, 2025
हालांकि, जेपीसी की कार्रवाई की विपक्षी नेताओं ने आलोचना की है. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जब बजट सत्र के दौरान संसद में इस विधेयक पर चर्चा होगी तो वह इसका विरोध करेंगे. उन्होंने कहा, 'कल रात हमें 655 पन्नों की मसौदा रिपोर्ट दी गई और किसी के लिए भी इतने कम समय में इतनी लंबी रिपोर्ट पढ़ना और अपनी राय देना असंभव है. फिर भी, हमने प्रयास किया और अपनी असहमति रिपोर्ट पेश की.'
ओवैसी ने आगे कहा, 'यह वक्फ के पक्ष में नहीं है. मैं शुरू से कह रहा हूं कि भाजपा अपनी विचारधारा के अनुसार मुसलमानों के खिलाफ यह बिल लेकर आई है. इसका उद्देश्य वक्फ बोर्ड को नुकसान पहुंचाना और उनकी मस्जिदों पर कब्जा करना है. जब यह बिल संसद में लाया जाएगा, तो हम वहां भी इसका विरोध करेंगे. अगर हिंदू, सिख और ईसाई अपने-अपने बोर्ड में अपने धर्म के सदस्य रख सकते हैं, तो मुस्लिम वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्य कैसे हो सकते हैं?'
तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने भी बताया कि उन्होंने रिपोर्ट पर अपना असहमति पत्र सौंप दिया है. शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि उन्होंने असहमति पत्र इसलिए जारी किया है क्योंकि किए गए संशोधन संविधान के खिलाफ हैं.
#WATCH | Delhi | On JPC report on the Waqf (Amendment) Bill, 2024 submitted to the Lok Sabha Speaker, committee member and BJP MP Nishikant Dubey says, " no other committee has done as much work as this committee has done in the history of jpc. we received 1.5 crore… pic.twitter.com/XrI7bSl5Ka
— ANI (@ANI) January 30, 2025
वक्फ (संशोधन) विधेयक संसद के बजट सत्र के दौरान पेश किए जाने की संभावना है. संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा, जबकि केंद्रीय बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा. वक्फ संपत्तियों को विनियमित करने के लिए अधिनियमित वक्फ अधिनियम 1995 की लंबे समय से कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण जैसे मुद्दों के लिए आलोचना की जाती रही है. वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का उद्देश्य डिजिटलीकरण, उन्नत ऑडिट, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को पुनः प्राप्त करने के लिए कानूनी तंत्र जैसे सुधारों को लागू करके इन चुनौतियों का समाधान करना है.