नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ में हुई भगदड़ की पृष्ठभूमि में, सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें सभी राज्यों को महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षित यात्रा के लिए सामूहिक रूप से काम करने का निर्देश देने की मांग की गई है.
29 जनवरी की सुबह महाकुंभ के संगम क्षेत्र में हुई भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए. अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका में मामले में सभी राज्य सरकारों को प्रतिवादी बनाया गया है.
याचिका में सभी राज्यों को महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षित यात्रा के लिए सामूहिक रूप से काम करने का निर्देश देने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि सभी राज्य प्रयागराज में महाकुंभ में उचित तरीके से अपने सुविधा केंद्र स्थापित करेंगे. ये केंद्र अपने राज्यों से आने वाले लोगों को सुरक्षा उपायों और दिशा-निर्देशों के बारे में बुनियादी जानकारी प्रदान करेंगे और प्रदर्शित करेंगे.
याचिका में यह भी मांग की गई है कि अन्य भाषाओं में भी घोषणाएं, दिशा-निर्देश दिखाने वाले डिस्प्ले बोर्ड, सड़कें आदि की व्यवस्था करने के निर्देश दिए जाएं, ताकि विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों के लोगों को समस्याओं का सामना न करना पड़े और किसी भी तरह की आपातकालीन स्थिति में उन्हें आसानी से मदद मिल सके.
याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार के समन्वय से सभी राज्य सरकारें प्रयागराज महाकुंभ में डॉक्टरों और नर्सों वाली अपनी छोटी मेडिकल टीम भी तैनात करें, ताकि मेडिकल इमरजेंसी के समय मेडिकल स्टाफ की कमी न हो.
याचिकाकर्ता ने उत्तर प्रदेश सरकार से महाकुंभ 2025 भगदड़ की घटना पर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने और लापरवाह आचरण के लिए व्यक्तियों, अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देने की भी मांग की.